25/02/2024
ध्रुव जुरेल के पिता भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। अपने इंटरव्यू में जुरेल ने बताया था कि मेरे पिता हर आने-जाने वाले को सलाम करते थे। यह देखकर ध्रुव जुरेल को बचपन में बहुत अजीब लगता था। उन्होंने उसी वक्त ठान लिया था कि मैं अपने जीवन में ऐसा काम करूंगा, जिसके बाद लोग मुझे भी सैल्यूट करें। पिता को भी किसी दूसरे को सैल्यूट ना करना पड़े। ध्रुव जुरेल के पिता नेम चंद जी ने कारगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था। जिसके शरीर में कारगिल वॉर के हीरो का लहू दौड़ता है, वह ध्रुव जुरेल मुश्किल वक्त में भारत को धोखा कैसे दे जाता। रांची टेस्ट की पहली पारी में इंग्लैंड 353 पर आउट हो गई थी। फैंस को उम्मीद थी की टीम इंडिया पहली पारी में ही इतनी बढ़त बना लेगी, जिसके बाद मैच लगभग हमारी मुट्ठी में आ जाएगा।
भारतीय फैंस की उम्मीदों के ठीक उल्टा हो गया। ध्रुव जुरेल जब बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, तब भारत का स्कोर 46.5 ओवर में 161/5 था। इस वक्त अंग्रेजों के पास भारत के खिलाफ 192 रन की लीड थी। यहां से टीम इंडिया का स्कोर 55.2 ओवर में 177/7/ हो गया। मुश्किल हालात में ध्रुव जुरेल ने कुलदीप यादव के साथ आठवें विकेट के लिए 197 गेंद पर 76 रन जोड़े। अपना अर्धशतक पूरा करने के बाद ध्रुव जुरेल ने जिस तरह आर्मी अफसर रहे पिता को सैल्यूट किया, उसने पूरे भारत का दिल जीत लिया। ध्रुव जुरेल ने 149 गेंद पर 6 चौकों और 4 छक्कों के साथ 90 रन बनाए। इस पारी की बदौलत भारतीय टीम 307 तक पहुंच गई और इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर सिर्फ 46 रन की बढ़त मिली। ध्रुव जुरेल ने सचमुच वह काम कर दिया, जिसके लिए आज उन्हें पूरा भारत सैल्यूट कर रहा है।गेम चेंजिंग इनिंग खेलने वाले ध्रुव जुरेल को शाबाशी दें।