28/01/2022
उत्तर प्रदेश में शब बा , बिहार में ना बा जोऊना के छोड़ के आईल बाड़ू वह तोहर पति यूपी में मिलल बा कि ना बा , बिहार में तोहरा के ना मिलल पढ़ल लिखल समझदार मेहनतकश ईमानदार तोहार इस समय जेवन पति परमेश्वर बा, बाप महतारी मिलके सब ढूंढ ली जा त यू पी में मिलल बा , यह से फिर से बताव की यूपी में हमार तार बा ,या उ दुसर हमार पति परमेश्वर बा, नेहा सिंह राठौर एक क्षत्रिय है । धर्म और कर्म के मुताबिक नेहा सिंह राठौर एक कवित्री है ,और कुछ नहीं अगर कुछ है तो वह जरूर बताएंगे, इसेलिए मैं आज अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के सभी लोगों से रिक्वेस्ट कर रहा हूं कि नेहा सिंह राठौड़ में अगर कोई गलत डिसीजन लेकर कोई गलत कविता पड़ दी है तो उसे माफ कर दो, एक औरत है औरत का मजाक उड़ाना आपको शोभा नहीं देता, इसलिए हे क्षत्रियों बीरो आपका का धर्म है, माफ करना नेहा सिंह राठौर की गुस्ताखी को आप इतिहास पढ़िए आपके पूर्वजों ने कई आक्रमणकारियों को पृथ्वीराज चौहान की तरह माफ कर दिया करते थे, इसीलिए यह नेहा सिंह राठौड़ ने जो गलती किया है उसे हमें माफ कर देना चाहिए, क्योंकि आज भी वह स्वयं सरेआम अपनी गलती को मानते हुए क्षत्रिय बंधुओं से माफी मांग रही है, मैं उसकी गलती को ना समझ, समझ कर माफ कर दिया, मेरी रिक्वेस्ट छत्रिय लोगों से है, उसके खिलाफ कोई भी एफ आई आर दर्ज ना करें और माफ कर दो क्योंकि यूपी में तो सरकार जोगी जी की बन रही है, क्योंकि यूपी का चुनाव भारतीय जनता पार्टी नहीं लड़ रही है, यूपी का चुनाव मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम लड़ रहे हैं जिन्होंने अपने ऊपर खर्च हुए पैसे का विरोधियों की दलील को सुनकर कि राम मंदिर में फालतू का पैसा खर्च हो रहा है उसे कानपुर से दीवाल फाड़ कर के कानपुर से ही सरकार को वापस दे दिया है, यूपी का चुनाव जो भी जी लड़ रहे हैं और यह रिजल्ट जोगी जी का आएगा , इसलिए आज जोगी जी भी कह रहे हैं कि मतदान ज्यादा से ज्यादा तादाद में करें और यह ना देखें कि आपके आगे पीछे दाएं बाएं कौन चुनाव लड़ रहा है आपको सिर्फ योगी जी की सरकार बनानी है भारतीय जनता पार्टी की किसी कैंडिडेट या किसी मंत्री का कहीं नहीं उत्तर प्रदेश का हर हिंदू मुसलमान सिख और ईसाई भयमुक्त वातावरण में इस समय बाबा के वजह से उत्तर प्रदेश में शब बा ,
इस बार यूपी का चुनाव भारतीय जनता पार्टी या उसकी गठबंधन पार्टियां नहीं लड़ रही है यूपी का चुनाव जो भी जी लड़ रहे हैं यह रिजल्ट जोगी जी का आएगा मोदी का नहीं और नहीं भारतीय जनता पार्टी की किसी कैंडिडेट या किसी मंत्री का एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में शब बा
क्योंकि यूपी का चुनाव भारतीय जनता पार्टी 2022 में नहीं लड़ रही है, यूपी का चुनाव जो भी लड़ रहे हैं वह महा त्यागी, महा तपस्वी ,महा बैरागी, महान संत ,महा ऋषि,योगी जी ही लड़ रहे हैं, अब यूपी का वक्त आ गया है, भगवान राम और भगवान कृष्ण दोनों के पहचान करके, उनके समर्थकों के साथ उनका समावेश हो गया है, ना कोई तोड़ सकता है, ना कोई जोड़ सकता है ,
है समय नदी की बाढ़ की जिसमें सब वजह करते हैं,
है समय वहां तूफान पर्वल पर्वत झुक जाया करते हैं, लेकिन ठाकुर अश्वनी सिंह जैसे होते हैं जो अपनी कलम की ताकत से इतिहास बनाया करते हैं ,
सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयापरम आदरणीय सर ,
आपके बहुमूल्य समय , अभिनंदन और आत्मीय मुलाक़ात के लिए सह्रदय आभार प्रकट करता हूँ ,मैं गद गद हूँ , पुलिकित हूँ और हर्षित हूँ, आप एक तेजस्वी , जानकार और कर्मठ व्यक्तित्व , समाज के लिए अनुभवी मार्ग दर्शक और भविष्य निर्माता हैं ,हमें आप पर गर्व हैं , आप हमेशा प्रगति और विकास के उच्च शिखरोस्थ पदस्त हों ऐसी परमसत्ता से प्रार्थना और कामना करते हैं,आपका आशीष पाकर मैं अतिशय आनंदित हूँ ,परमात्मा को कोटि-कोटि धन्यवाद ,आपके व्यक्तित्व के लिए मैं ये ज़रूर कहना चाहूँगा ,
लगा न सका उसके क़द का कोई अंदाज़ा , वो आसमाँ था, मगर सिर झुका के चलता था,
हे सनातन धर्म के अनुयाई आप समता और समानता के प्रतिमूर्ति, निष्पक्ष परोपकारी, करुणा के मूर्ति, लोकतंत्र के सफल योद्धा, सफल समाज सेवी, गरीबो के मसीहा, विकास पुरुष,आमजन के मार्गदर्शक, शिखर पर रहकर शून्य तक नजर रखने वाले सचेतक है योगी जी,
शुरू हो गई टिकट वाली नौटंकी...
अगर फलाने को टिकट नहीं दिया तो हम भाजपा को वोट नहीं देंगे!
अगर फलाने को टिकट दे दिया तो हम भाजपा को वोट नहीं देंगे!
ऐसी नौटंकी करने वाले कार्यकर्ताओं को तनिक सोचना चाहिए की आपकी ऐसी नौटंकी के चलते अगर सपा आ गई तब क्या कीजिएगा 5 साल बैठ के मंजीरा बजाइयेगा!
क्योंकि
पांच राज्यों के चुनावी घोषणा के बाद ठाकुर अश्वनी सिंह साहित्यकार एवं editor-in-chief एक खास मुलाकात टीवी प्रोग्राम एवं नेशनल मैगजीन की कलम से क्रमवार बिंदुओं पर आप का ध्यान कर रहा हूं।
1:-जब कभी विपक्ष द्वारा जम्मू-कश्मीर की समस्याओं को हल करने के बारे में पूछा गया, तो कांग्रेस नेताओं का जवाब था, "हम अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना नहीं कर सकते।"
2:-मुस्लिम देश हमारे खिलाफ हो जाएंगे और हम पेट्रोलियम पदार्थोंं की आपूर्ति से वंचित हो जाएंगे , जिससे हमारे देश के कल कारखाने उद्योग धंधे डीजल गाड़ियां पेट्रोल गाड़ियां बस ट्रक सब बंद हो जाएंगे।
3:-1971में जब सेना जम्मू- कश्मीर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आगे बढ़ रही थी, तो इंदिरा गांधी ने फील्ड मार्शल मानेकशॉ को सेना वापस पीछे लेने के लिए कहा। कारण बताया गया अंतरराष्ट्रीय दबाव। यह कभी नहीं बताया गया की वह अंतरराष्ट्रीय दबाव किसने बनाया और क्यों बनाया जब हम जीत रहे हैं तो हमें पीछे भागने की जरूरत क्या है।
4:'-जब नरसिम्हा राव ने परमाणु परीक्षण की योजना बनाई, तो वह अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण वापस ले ली गयी। इसका किसी ने आज तक कोई कारण नहीं बताया कारण क्या है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो हम अपने देश की लूट का माल दूसरे देशों को दे रहे थे ले रहे थे वह पारदर्शी नहीं था। और आज पारदर्शी है।
5:-आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रूप से कार्यवाही करने की बात करते हुए, कांग्रेस नेताओं ने फिर से अंतरराष्ट्रीय दबाव का हवाला दिया और कहा कि हमें सिखाया गया है कि "हम मुस्लिम दुनिया का विरोध नहीं कर सकते। इसका क्या कारण है आज तक किसी कांग्रेसी नेता ने नहीं बताया जबकि कांग्रेश की बागडोर संभाले हुए कई जातियों के संपर्क सूत्र कहें या हाइब्रिड प्रणाली से विकसित हमारे देश के कांग्रेश के जो इंदिरा खानदान से जुड़े हुए लोग हैं वह हाइब्रिड वाले हैं उन्होंने कभी नहीं बताया कि हम किसके दबाव में काम कर रहे हैं और कौन हमारे ऊपर भारत में राज कर रहा है अपने आप को छिपाते हुए यह कहते थे कि हम ही भारत के वजीरे आजम है।
6:-हर चुनाव के दौरान, स्थानीय नेता मतदाताओं से कहते रहे कि, अगर बीजेपी सत्ता में आती है, तो हमें बैल गाड़ियों पर यात्रा करनी पड़ सकती है, क्योंकि मुस्लिम दुनिया भारत को पेट्रोलियम आपूर्ति बंद कर देगी , जो कि अंतर्राष्ट्रीय दबाव है। इस तरह के झूठे वादे करके कांग्रेश अपना कब्जा सत्ता पर कब करती रही आज इसी का नतीजा है कि कांग्रेसी जीन पार्टियों से हाथ मिला रही है वह सभी पार्टियों के वजीरे आजम कांग्रेस का विरोध करके ही अपनी पार्टी खड़ा किए हैं और फिर अपनी दोगली नीतियों से कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं, ऐसे दोगले नेताओं से सावधान होने की जरूरत है वह लोग किसी के सगे नहीं हो सकते।
7:'-कांग्रेस शासन में जब हमने ओपेक देशों के सम्मेलन को संबोधित करने के लिए की कोशिश की, तो हम पाकिस्तान की दखल के कारण अपमानित हुए। हमारे दूत को अपने होटल के कमरे में बैठना पड़ा, जबकि पाकिस्तानी दूत गर्व से बैठक में शामिल हुए। अंतर्राष्ट्रीय दबाव के मुखौटे में अपना अपमान छिपाते हुए हमारे प्रतिनिधि के साथ सभी लोग वापस हिंदुस्तान लौट आये। और कारण बताएं मुस्लिम राष्ट्रों का दबाव।
इसके बाद क्या हुआ यह हम आपको बताते हैं,
1:' जब वाजपेयी ने परमाणु परीक्षण किया, तो अंतरराष्ट्रीय दबाव हवा हो गया।
2:- जब हमने सीमा पार से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रूप से कार्यवही की तो अंतरराष्ट्रीय के साथ साथ आंतरिक दबाव भी हवा हो गया।
3:-अब जब जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बना दिया गया है । यहां के निवासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है और वहां चारों तरफ विकास ही विकास नजर आ रहा है तो लोगों को अखंड भारत के ऊपर कटाक्ष करने की नौबत कहां से आ गई किसान की किसानी में या किसान को उसके फसल में फायदा हो या ना हो लेकिन कोई किसान आज की तारीख में ऐसा नहीं है जिस के अकाउंट में सरकार द्वारा सीधा उसके खाते में पैसे हर महीने किसान को ना मिल रहा हूं।
4:- धारा 370 को निरस्त करके दी, केंद्र शासित प्रदेश बना दिये गए हैं तो अंतरराष्ट्रीय दबाव न केवल हवा हो गया बल्कि समर्थन तक हासिल हो गया । आज विश्व में हमारी जहां पहचान नहीं होनी थी उन देशों की हम अगुवाई कर रहे हैं यह बहुत बड़ी बात है इसके तरफ आज तक किसी का ध्यान नहीं गया।
5:-जब हम ओपेक राष्ट्रों को संबोधित करने वाले थे, पाकिस्तान के दूत अपने होटल के कमरे में बैठे थे और हमारे विदेश मंत्री ने उस बैठक में गर्व से बात की और पाकिस्तान बैठक में शामिल हुए बिना, अपमानित होकर वापस लौट गया । और हमने कांग्रेस के जमाने का बदला लिया अपने दुश्मनों से तो अब अंतरराष्ट्रीय दबाव कहाँ गया।
6:'-जब भारत ने बालाकोट में सीमा पार आतंकवादियों पर हमला किया, तो कोई भी मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा नहीं हुआ लेकिन, कई मुस्लिम देशों ने भारत का खुलकर समर्थन किया। इस पर भी कांग्रेस ने सबक नहीं लिया तो इसमें मेरा क्या कसूर।
7:- इजरायल और मुस्लिम राष्ट्रों ने पूरी दुनिया मे मिलकर भारत का समर्थन किया। वहाँ भी, अंतर्राष्ट्रीय दबाव हवा हो गया।
8:-जब हमने ट्रिपल तालाक को हटा दिया, तो भी अंतरराष्ट्रीय दबाव वाष्पित हो गया।मुस्लिम दुनिया, एक-एक करके भारतीय प्रधानमंत्री को उनके सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से अलंकृत कर रही है तो विचार अवश्य किया जाना चाहिए कि अब वह अंतरराष्ट्रीय दबाव कहाँ गायब हो गया।
9:-इसका मतलब कांग्रेस के षडयंत्रकारी शासन में अंतरराष्ट्रीय दबाव सिर्फ एक ऐसा षडयंत्रकारी बहाना था, जिसको उसने भारत के लोगों के दिमाग पर हमेशा हावी रख, पाकिस्तान जैसे आंतकवादी देश को हमेशा सुरक्षा प्रदान करती रही। पाकिस्तान की गीदड भभकियों को मोदी जी की सरकार ने बिल्कुल हवा हवाई कर दिया है।
10:-काग्रेंस के नेताओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाजार में जमा किया गया उनका बेहिसाब काला धन का ही दबाव था, जिसके कारण, काग्रेंस ने भारत को इतना ज्यादा कमजोर बनाकर रख दिया था, और इसे ही ये काग्रेंसी अंतरराष्ट्रीय दबाव कहकर, भारत की जनता को डराने का काम करते रहे। वास्तविकता मे पाकिस्तान का जेहादी आंतकवाद और दुनियां मे पेट्रोलियम की घेराबंदी की वास्तविकता को छिपाने के लिए ही ये सब काग्रेंसी षडयंत्र थे। सभी सच्चे भारतीयो को काग्रेंस के इन षडयंत्रो पर गहराई से सिर्फ चिंतन करने की बेहद आवश्यकता है।
11:- एक भी भारतीय बता दें कि अंग्रेजों के जमाने में किसी कांग्रेसी को फांसी की सजा हुई हो या किसी कांग्रेसी को सरेआम कोड़े बरसाए गए हो,
कारण साफ है कांग्रेसी की चाल और नियत दोनों राष्ट्र पर कब्जा करके धन कमाने की थी आज प्रत्यक्ष उदाहरण इस देश के कांग्रेश काल में बनाए गए सरकारी पैसे से इंडस्ट्रीज और उसी सरकारी इंडस्ट्रीज को निजी हाथों में बेचना यह कांग्रेसी बहुत बड़ी घिनौनी चलती चाल थी ,जिसे भुलाया नहीं जा सकता है , क्षेत्रीय पार्टियों में अपने-अपने राज्यों में सरकारी उपक्रम भेज कर बहुत बड़ा कुठाराघात किया है यह बहुत बड़ा पाप का काम है किसी की क्या औकात जो सरकारी जमीन जो किसी मुख्यमंत्री क्यों ना हो किसी प्रधानमंत्री की ना हो उसे कैसे भेज सकता है अगर वह भेज सकता है तो हम भारत का पार्लियामेंट राष्ट्रपति भवन लाल किला या अशुभ अन्य ऐतिहासिक स्मारक भवनों को भी भेज सकते हैं फर्क यह है कि हम यह काम नहीं कर सकते यह कॉल कांग्रेसी कर सकते हैं उनके रहमो करम पर पलने वाले उनके विरोधी क्षेत्रीय पार्टियों के नेता अपनी लाइफ में जो ठगी के काम किया और जो भाजपा छोड़कर जा रहे हैं यह वही विधायक हैं जिनको भारतीय जनता पार्टी ने 1 साल पहले कर दिया कि आप का ट्रैक रिकॉर्ड अगर अच्छा बताएगा विधायक बनेंगे वरना आप अपने टिकट कैंसिल समझो तो यह वही भाग रहे हैं जिन्होंने कुछ काम किया नहीं किया तो गलत किया युवा क्या सनी जनता की रिपोर्ट आ चुकी है
सर्वे भवंतु सुखिना सर्वे संतु निरामया, वसुधेव कुटुंबकम कि परिभाषा सारे विश्व को देने वाली धरती भारत मातासमय आपसे करबद्ध प्रार्थना कर रही है कि इस समय हमारा देश करोना महामारी से पीड़ित है , तीसरी लहरा आ चुकी है इसी के साथ स्वच्छ ,सुंदर और स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आज 5 राजू का चुनावी बिगुल बज चुका है, मैं बताने जा रहा हूं, जिसे आज तक किसी मीडिया चैनल में नहीं बताया है और नहीं दिखाया है देश के पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज गया है आजाद भारत के हाथ में पहला मौका है जब लोकतंत्र का यह उत्सव तमाम पाबंदीओं के साथ मनाया जाएगा ,इस बार आप पर भी पहले से ज्यादा जिम्मेदारी है, आपका सबसे बड़ा करुणा महामारी के घातक हमले से जो प्राण लेवा होता है हुड को और समाज को बचाना तथा इसके साथ ही चुनावों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना है हमें उस धरती पर जन्म लेने गौरव महसूस होती है जहां इसके जनन से पहले लोकतंत्र अंगड़ाई ली थी अब हमारे ऊपर इसे दिन दिन मजबूत करने की जिम्मेदारी है यह देश भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर , भगवान बाल्मिकी , महा ऋषि रविदास, महर्षि भृगु, महर्षि विश्वामित्र आदि गुरुओं की धरती है , चंद्रगुप्त मौर्य ,विक्रमादित्य ,सम्राट अशोक, चाणक्य जैसे पूरी दुनिया को अपने बताए हुए रास्ते पर चलने के लिए मजबूर करने वालो की यह धरती है इसी सब ने कुछ न कुछ सिखा है अब इसे हमें दिनो दिन मजबूत करने की जरूरत है।
या पहला मौका नहीं है यह पहला मौका जरूर है जब चुनाव की घोषणा करते ही चुनाव आयोग ने तमाम चुनावी रैलियों जलशो और तं झाम भरे रोड शो पर रोक लगा दी है, फिलहाल इसे जनवरी तक के लिए ही लागू किया गया है, चुनाव आयोग का मानना है कि हालात के आधार पर इन पाबंदियों की समीक्षा की जाएगी, आयोग को लगता है कि आने वाले 1 हफ्ते में करोना इस देश से विदा हो जाएगा ,यह वह वायरस है, जिसने लगातार अपनी तीव्रता में बढ़ोतरी किया है ,करोना की तीसरी लहर में महज 10 दिन मे ही करोना संक्रमण एक लाख का आकड़ा पार कर लिया है, यह वृद्धि लगातार जारी है, शुक्र है ,अभी तक अस्पतालों में बिस्तर मौजूद हैं, और मौत का आंकड़ा भी पहले के मुकाबले कम है, हालांकि कोई भी विशेषज्ञ दावे के साथ नहीं कह सकता है कि कल क्या होगा, भविष्य में कुछ भी हो, पर यह तो तय है कि 10 मार्च 2022 को यानी मतगणना के दिन तक करोना इस देश से जाने वाला नहीं है, अच्छा होता आयोग भीड़ जुटाने वाले सभी तरह के तौर-तरीकों पर मुकम्मल रोक लगा देता, जहां तक हो सके सभी गांवों एवं शहरों तथा निर्वाचन केंद्रों को भी प्रोटोकाल का पालन का सर्कुलर जारी कर दे, सवाल है यह है कि अभीतक के जारी सर्कुलर कितने कारगर साबित हुए हैं, इसके लिए हमें बंगाल के चुनाव के बाद करोना पीड़ितों के आंकड़ों में हुई 500 गुना से अधिक वृद्धि को याद कर लेना चाहिए, रैलियां हो या ना हो, रोडशो हो ,सड़क जाम करें या ना करें, पर एक बात तय है, कि इस बार सोशल मीडिया एक बड़े प्रचार हथियार के तौर पर सामने आएगा ,आयोग में सोशल मीडिया पर निगरानी की पुख्ता इंतजाम का दावा किया है ,और यह भी कहा है कि इसका उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी ,हमें यकीन है कि आयोग का तंत्र अवश्य ऐसा करेगा ,इस पर हमें सभी पर इस बड़ी जिम्मेदारी आ पड़ी है, सोशल मीडिया जोड़ने से अधिक तोड़ने का प्रक्षेपास्त्र बनता जा रहा है,बुली बाई ऐप के प्रकरण में जाहिर कर दिया है, इस चुनाव में हमें ऐसे तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है, हमारी तो यह भी अपील होगी कि ऐसे तत्वों के खिलाफ बिना खौफ संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट करें, कोई ना सुने तो हमें बताएं, मैं हमेशा की तरह साफ-सुथरे और सफल चुनाव का पक्षधर हूं ,हर जगह हर गांव में आपसे आपके कुल के देवी देवता आपसे जरूर कहेंगे और रात को आपसे जरूर रूबरू होंगे, क्योंकि अखिलेश यादव ने खुद कहा है कि श्री कृष्ण भगवान हमारे को सपनों में आ रहे हैं मुझे ऐसी बात नहीं करनी चाहिए लेकिन मजबूरी में कह रहा हूं क्योंकि जब कंस का अंतिम समय आया था तो उसको भी भगवान कृष्ण सपनों में रात में दिन में महल में खंभों में हर व्यक्ति में नजर आने लगे थे क्योंकि उसका पाप का घड़ा भर चुका था, हमने अपनी आचार संहिता का खुलासा किया है ,मेरा मानना है कि सुधार की शुरुआत आप के अपने भीतर से होनी चाहिए,अब जब चुनाव का श्रीगणेश हो चुका है तो फिर देरी किस बात की, आइए मिलकर राजनीति करते हैं ताकि स्वच्छ और स्वस्थ लोकतंत्र में हमारी भी कारगर भूमिका हो सके, हमारी संस्था का उद्देश्य जातिवाद पर नहीं जातिवाद का विनाश एवं जनकल्याण हमारा लक्ष्य होना चाहिए, छोटी बड़ी आसपास की ऐसी घटनाएं जो किसी वजह से दब जाती हैं लेकिन जब वह सामने आती हैं तो वह समाज की एक बड़ी आईना होती हैं, हमारी संस्था का उद्देश्य साफ है कि हम लोकतंत्र पर विश्वास करते हैं, और लोकतंत्र की हत्या करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने से भी नहीं हिचकते यह संपूर्ण भारत के सभी क्षत्रियों के लिए क्षत्रिय धर्मं है ।*जीत निश्चित हो तो,कायर भी जंग लड़ लेते है बहादुर तो वो लोग है ,जो हार निश्चित हो फिर भी मैदान नहीं छोड़ते
भरोसा " ईश्वर " पर है,
तो जो लिखा है तकदीर में, वो ही पाओगे
मगर , भरोसा अगर " खुद " पर है ,
तो ईश्वर वही लिखेगा , जो आप चाहोगे,
क्योंकि आज तक जितने भी नेता भाजपा छोड़ कर के अन्य पार्टियों के पास गए उनकी औकात चाय व शत्रुघ्न सिन्हा जैसे सुपरस्टार हो या कोई आम भारतीय नेता उसकी औकात पूरे भारत की जनता ने देख लिया है इसलिए घबराने की अफसोस करने की कोई जरूरत नहीं है
होई है वही जो राम रचि राखा
जिन लोगों ने राम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर के कारणों को लेकर के सरकार के फिजूलखर्ची के लोग करके उलाहना दे रहे थे हराम जादो से कहता हूं कि देखो भगवान का चमत्कार सारा खर्चा जो राम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर में लगा था तो भगवान ने छप्पर फाड़ के दीवार तोड़ के कानपुर से ही वापस लौटा दिया यह परमपिता परमेश्वर की कृपा है देवाधिदेव महादेव की कृपा है इसको कम समझोगे तो कम हो जाओगे और भगवान करे किसी को कम समझने वाले को , या भगवान के भक्तों पर गोली चलाने वाले आताताइयो के ऊपर भगवान क्या करते हैं यह आपको बताने की जरूरत नहीं है उत्तर प्रदेश में नारियों की इज्जत हो रही है हमारे वेद पुराणों की तरह यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता लेकिन सपा सरकार में क्या होता था यह जगजाहिर है
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