12/10/2022
13 अक्तूबर 2022 को करवा-चौथ व्रत हैं। यह व्रत लगभग सभी भारतीय महिलाओं द्वारा अपने पति की खुशहाली आयु अच्छे स्वास्थ्य के साथ मान सम्मान तरक्की के लिए किया जाता है जितनी तरक्की पति की होगी पत्नी का मुकाम उतना उंचा होगा पत्नी चाहे गरीब की हो या अमीर की सभी सनातनी हिन्दू महिलाएं चाहती है उनका सुहाग अमर रहें कहीं कहीं पर वट सावित्री व्रत रखा जाता है। दोनों ही व्रत पति की दीर्घायु खुशहाली के लिए होते हैं परिवार के मंगल कामनाओं के लिए होते हैं।
सदा सौभाग्यवती भवः
यह आशीर्वाद हम न जानें, जीवन में कितनी बार सुनते हैं , जब भी सुनते हैं, अंदर से एक शीतलता, शांति और पूर्णता का आभास होता है!!
विवाह पश्चात ही बड़ों से इस आशीर्वचन का आरम्भ होता है, सदा सुहागन रहो का अर्थ तुम्हारा सौभाग्य हमेशा बना रहे , सुहाग यानि " पति "अर्थात तुम इस दुनियां से पहले जाओ, अपने पति के कंधों पर !! पति से पहले अपनी मृत्यु की कामना सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारे " भारत " देश की विवाहित महिलाऐं कर सकती हैं, और किसी भी देश की नारी नहीं!!
सिंदूर की लाली और माथे की बिंदिया मरते दम तक तुम्हारे , सौभाग्य के रुप में साथ रहे!!
स्त्री अनपढ़ हो या पढ़ी लिखी, ये आशीर्वाद
हर भारतीय विवाहित महिला चाहती है,
, ये हमारे " भारतीय संस्कार " हैं, जो आज की प्रगतिशील आधुनिक नारी भी इसकी इज्जत करती है, इसका मान रखती है!!
" गर्व है हम भारतीय महिलाऐं हैं "
❤️ करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं ❤️