25/01/2024
#बैलेट_पेपर_की_मांग_को_लेकर_विभिन्न_सामाजिक_संगठनों_के_लोगों_ने_दिया_ज्ञापन*
फतेहपुर! ईवीएम हटाओ #संयुक्त_मोर्चा के राष्ट्रीय आवाहन पर विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक संगठनों तथा लोकतंत्र और संविधान पर आस्था रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जुलूस के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर ईवीएम हटाओ वीवीपीएटी हटाओ, वैलेट पेपर लाओ भारत बचाओ, संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ, आदि के नारे लगाते हुए जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन भेजा। जिसमें संगठनों के पदाधिकारियों ने भारत की चुनाव प्रणाली में प्रयोग की जा रही ईवीएम मशीन तथा वीवीपीएटी मशीन सहित चुनाव आयोग पर कई तरह के सवाल खड़े करते हुए उनके जवाब देने एवं भारत की चुनाव प्रणाली से ईवीएम एवं बीवी पैट मशीन पर बैन लगाकर बैलट पेपर से चुनाव कराने की आवाज बुलंद की। उपस्थित पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाते हुए कहा कि
1- क्या भारत की महामहिम राष्ट्रपति महोदया, प्रधानमंत्री, अन्य मंत्री, सांसद, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधायकों, आदि को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की तकनीकी व कार्य प्रणाली की समुचित जानकारी है ?2- क्या इस देश की सर्वोच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों व उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों सहित निचली आधारितों के जिला न्यायाधीशों, मजिस्ट्रेट आदि को इस ईवीएम और वीवी पैट मशीन की तकनीकी व कार्य प्रणाली की समुचित जानकारी है ?
3- क्या इस देश के सरकारी गैर सरकारी विभागों, संस्थाओं के विभागों के अध्यक्षों सहित आईएएस, पीसीएस, प्रधान सचिव, मुख्य सचिव, आईजी, डीआईजी, इंस्पेक्टर व अन्य एसओ, एचएसओ आदि को इस ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन की तकनीकी कार्यप्रणाली के बाद बारे में समुचित जानकारी है?
4- इस देश के इंजीनियर (सॉफ्टवेयर इंजीनियर को छोड़कर) सभी डॉक्टर, सभी वकील ,विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, स्कूलों के प्रोफेसर, अध्यापक, अन्य डिग्रीधारी सहित, देश के पत्रकार लोगों को क्या इस ईवीएम और वीवी पैट मशीन की तकनीकी के बारे में कोई जानकारी है?
तो इन सब के जवाबों में पाया जाएगा की चुनाव में प्रयोग होने वाली ईवीएम मशीन वीवीपीएटी मशीन व कंट्रोल यूनिट के बारे में इन तमाम पढ़े लिखे विद्वान लोगों को इसकी टेक्निकल जानकारी नहीं है । तो फिर इनके अलावा इस देश की बहुत संख्यक आबादी में कम शिक्षित या अशिक्षित किसान, मजदूर, कामगार लोगों को इन मशीनों के बारे में कैसे कोई जानकारी हो सकती है ?
इस तरह से देश के बहुसंख्यक लोगों को मशीनों की तकनीकी जानकारी न होने के बावजूद भी चुनाव आयोग ऐसी मशीनों से आखिर क्यों चुनाव कराने पर आमादा है।
साथ ही लोगों ने 8 अक्टूबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी बनाम इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया के मुकदमे में दिए गए निर्णय कि ईवीएम से निष्पक्ष, पारदर्शी चुनाव नहीं हो सकता है, देश के लोगों का फिजिकली रूप से अपने मत की सत्यता को जानने और लोकतंत्र में विश्वास बनाए रखने के लिए ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल मशीन लगाने का आदेश दिया। परंतु चुनाव आयोग ने 2014 सहित 2017 तक के किसी भी चुनाव में पेपर ट्रेन मशीन का प्रयोग नहीं किया। जो कोर्ट की अवहेलना साबित होता है। और 24 अप्रैल 2017 के एक अन्य मुकदमे में पुन: सुप्रीम कोर्ट ने अनिवार्य रूप से सभी ईवीएम मशीनों के साथ सौ परसेंट पेपर ट्रेल मशीन लगाने का आदेश दिया। जिसकी वजह से 2019 के चुनाव में पेपर ट्रेल मशीन का प्रयोग हुआ। परंतु प्रश्न यह भी उठता है कि जब ईवीएम की गड़बड़ी को रोकने के लिए पेपर ट्रेल मशीन चुनाव आयोग ने लगाई, तो उससे निकलने वाली पर्चियां जो की वास्तविक रूप से वोट हैं, उनकी सत प्रतिशत गिनती क्यों नहीं की जा रही ? जो भारत के मतदाताओं के साथ बड़ा भद्दा मजाक है।
साथ ही चुनाव आयोग विभिन्न आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा मांगी गई सूचना को छुपाने या ना बताने के साथ-साथ गलत जानकारी देने का भी काम कर रहा है। जिसको "द क्विंट" की रिपोर्ट के अनुसार अच्छी तरह से जाना और समझा जा सकता है। साथ ही लोगों ने चुनाव आयोग पर यह भी आरोप लगाया की चुनाव आयोग के द्वारा खरीदी गई मशीनों की संख्या की दी गई जानकारी और जिन कंपनियों से खरीदा उनके द्वारा दी गई जानकारी से मिलान किया गया तो चुनाव आयोग की बात झूठ पाई गई ।जिसका भी चुनाव आयोग ने आज तक कोई जवाब कोर्ट के सामने नहीं दिया। साथ ही देश के विभिन्न प्रदेशो की कोर्टों में चुनाव को लेकर तमाम वाद लंबित हैं, जिन पर भी चुनाव आयोग ईवीएम की चुनाव प्रणाली को निष्पक्ष और पारदर्शी होने का कोई जवाब नहीं दे पा रहा है। साथ ही 2019 के चुनाव परिणाम का जो डाटा चुनाव आयोग की साइट में अपलोड किया गया उसमें भी भारी मात्रा में अनियमित पाई गई जिसमें बहुतायत सीटों पर बूथ पर पड़े वोट और मतगणना में गिने वोटों में भारी अंतर पाया गया। जिस पर सवाल खड़ा करने पर चुनाव आयोग ने बिना कोई सूचना, जानकारी दिए उस डाटा को चुनाव आयोग की साइट से डिलीट कर दिया । साथ ही अलग-अलग प्रदेशों के चुनाव में यह भी देखने को मिला कि कहीं-कहीं पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी के खुद के बूथ में जिसमें प्रत्याशी ने खुद वोट डाला हुआ है वहां उस प्रत्याशी को भी जीरो वोट मिला है। जिससे साबित होता है की ईवीएम और वीवी पैट मशीन से वोट की चोरी कराने में चुनाव आयोग शामिल है।और चुनाव आयोग किसी के दबाव में काम करता दिखाई दे रहा है।जबकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 और 339 में चुनाव आयोग को बिना डरे हुए निष्पक्ष रूप से चुनाव करने के लिए स्वतंत्र अधिकार बहाल किए गए हैं। इस तरह से चुनाव आयोग के द्वारा देश के संविधान और लोकतंत्र पर भारी संकट खड़ा होता दिखाई देता है।और देश की जनता के बीच चुनाव आयोग सहित चुनाव प्रणाली में प्रयोग होने वाली इन मशीनों से गहरा अविश्वास बढ़ता जा रहा है।देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए उपस्थित संगठनों के लोगों ने जनता की तरफ से ज्ञापन देते हुए महामहिम राष्ट्रपति महोदया से मांग की, कि देश की चुनाव प्रणाली से ईवीएम को पूर्णत : बैन किया जाए। और वैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने का आदेश चुनाव आयोग को दें। जिससे देश के मतदाताओं का देश के लोकतंत्र और संविधान पर विश्वास बचा रहे ।
इस मौके पर प्रमुख रूप से- एडवोकेट वीरेंद्र यादव, एडवोकेट जननायक सचान, डॉ अमित पाल, फूल सिंह मौर्य, प्रेमनाथ विश्वकर्मा, डॉ अशोक पटेल, चौधरी मंजयकार, एड दीपक कुमार डब्लू, अयूब खान, नीरज पाल, मोहम्मद आजम ,चंद्रशेखर सवाता, तरन्नुम परवीन, एडवोकेट जगदीश मौर्य, एडवोकेट सुनील उमराव, एडवोकेट सुरेंद्र सिंह, दिनेश शर्मा, राजू कुर्मी, धीरेंद्र मौर्य टीकू, एडवोकेट राजकुमार मौर्य, तनवीर हैदर, सऊद अहमद, एडवोकेट शुघर लाल यादव, धर्मेंद्र सिंह पटेल, मोहम्मद आतिफ, मारूफ सिद्दीकी, सुमित साहू, एडवोकेट अश्विनी यादव, बाबूलाल पाल, दिलीप पाल, राजेंद्र कुमार पासवान, एडवोकेट पुष्पेंद्र सिंह यादव, रामचंद्र पाल, एडवोकेट प्रभात पटेल, हिमांशु पटेल, अजीत कुमार, एडवोकेट संदीप कुमार माली, वीर सिंह यादव, एडवोकेट सिद्धांत प्रताप सिंह, रईस अहमद, गार्गी दीन बाजपेई, एडवोकेट संदीप प्रजापतो, राकेश प्रजापतो, राम लखन लोधी, चौधरी मोहन, इरशाद अहमद, शादाब अली, शंकर लाल सविता, रजोल सेन, राजेंद्र प्रसाद, अमृतलाल, रामकिशोर सविता, एडवोकेट इंद्रजीत यादव, एडवोकेट जितेंद्र शर्मा, शारदा देवी, कलावती ,रामकिशोर प्रजापति ,विनीत कुमार, डॉक्टर अखिलेश सविता, सुशील कुमार ,राजू, गणेश प्रसाद, डॉक्टर विक्रम, राहुल सविता, फूल सिंह लोधी, बिंदा प्रसाद, ओमप्रकाश गिहार, सुरेश कुमार संतू, आदि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।