इंजीनियरिंग एक बड़ा बचपन
ऐ खामोश जिंदगी, यूँ उदास मत रह;
कुछ कह मुझसे, यूँ मौन मत रह;
कुछ मिलते ही जो छूट जाता है, उससे यूँ बिछड़ जाने का अब डर रहता है।
जैसे बचपन कब बीत गया पता नहीं,
कहाँ ढूँढ़े उसे ये मालूम नहीं,
जिंदगी के सबसे हसीं पल,
वो जो किताबों के पन्नों के बीच छूट गए,
नाम क्या था उस किताब का पता नहीं।
बचपन की मासूमियत गई तो जवानी का जोश आया;
कुछ टूटे, कुछ छूटे खिलौने बचपन के,
उनके मिलने का सिलसिला अब शुरू हो आया,
कभी दोस्त बनकर, कभी प्यार बनकर;
आज लगता जैसे फिर से सब कुछ छूट रहा,
बनता हुआ सब टूट रहा
इंजीनियरिंग के ये आखिरी पल क्या बताऊँ कैसे बीत रहे,
कुछ अधूरे टूटे सपने लेकर और बहुत कुछ पाकर मैं अब जा रहा,
एक सफ़र में वो जो था मेरा कल,
मिले बचपन अगर सफ़र में तो कहना उससे की मैं खुद में एक बड़ा बचपन लेकर आ रहा।
इंजीनियरिंग एक बड़ा बचपन
ऐ खामोश जिंदगी, यूँ उदास मत रह;
कुछ कह मुझसे, यूँ मौन मत रह;
कुछ मिलते ही जो छूट जाता है, उससे यूँ बिछड़ जाने का अब डर रहता है।
जैसे बचपन कब बीत गया पता नहीं,
कहाँ ढूँढ़े उसे ये मालूम नहीं,
जिंदगी के सबसे हसीं पल,
वो जो किताबों के पन्नों के बीच छूट गए,
नाम क्या था उस किताब का पता नहीं।
बचपन की मासूमियत गई तो जवानी का जोश आया;
कुछ टूटे, कुछ छूटे खिलौने बचपन के,
उनके मिलने का सिलसिला अब शुरू हो आया,
कभी दोस्त बनकर, कभी प्यार बनकर;
आज लगता जैसे फिर से सब कुछ छूट रहा,
बनता हुआ सब टूट रहा
इंजीनियरिंग के ये आखिरी पल क्या बताऊँ कैसे बीत रहे,
कुछ अधूरे टूटे सपने लेकर और बहुत कुछ पाकर मैं अब जा रहा,
एक सफ़र में वो जो था मेरा कल,
मिले बचपन अगर सफ़र में तो कहना उससे की मैं खुद में एक बड़ा बचपन लेकर आ रहा।
#10
रोनित एक्का
शाखा - वैद्युतिकी अभियंत्रण
सत्र - 2021
कविता - स्वर्ग बना सकते हैं
कवि - रामधारी सिंह 'दिनकर'
#कलनाद
#9
आयुष आनंद
शाखा - रासायनिक अभियंत्रण
सत्र - 2023
कवि का नाम - अटल बिहारी वाजपेयी
कविता - "हिंदू तन- मन हिंदू जीवन रग- रग हिंदू मेरा परिचय"
#कलनाद
#8
आयुष कुमार
शाखा - वैद्युतिकी अभियंत्रण
सत्र - 2021
कविता - मेरा घर
कवि - शुभम श्याम
#कलनाद
#7
कुश कौसलेश
शाखा - वैद्युतिकी अभियंत्रण
सत्र - 2021
कविता - कृष्ण की चेतावनी
कवि - रामधारी सिंह 'दिनकर'
#कलनाद
#6
प्रशांत कुमार सिंह
शाखा - वैद्युतिकी अभियंत्रण
सत्र - 2021
कविता - कर्ण
कवि - रामधारी सिंह 'दिनकर'
#कलनाद
#5
जयंतो कुमार मोदक
शाखा - खनन अभियांत्रिकी
सत्र - 2023
कविता - सफ़र
कवि - (स्वरचित)
#कलनाद
#4
निशांत कुमार
शाखा - रसायन अभियांत्रिकी
सत्र - 2022
कविता - दो अनुभूतियाँ
कवि - अटल बिहारी वाजपेई
#कलनाद
#3
कौशल किशोर
शाखा - असैनिक अभियंत्रण
सत्र - 2023
कविता- चलता जाऊँ....
कवि- (स्वरचित)
#कलनाद
#2
निभा कुमारी
शाखा - रासायनिक अभियंत्रण
सत्र - 2023
कविता शीर्षक - चाँद
कवि - (स्वरचित)
#कलनाद
#1
शुभम कुमार
शाखा - संगणक विज्ञान एवं अभियंत्रण
सत्र - 2022
कविता - हो गई है पीर पर्वत
कवि - दुष्यंत कुमार
#कलनाद