Ajay Kumar Gupta

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Akhilesh Pratap Singh Aashirwad banaa rahe ✋✋✋
04/05/2024

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🖤
29/04/2024

🖤

  U P E ❤️
25/04/2024

U P E ❤️

Ho jaye dubar 💯
21/04/2024

Ho jaye dubar 💯

Happy Ram Navmi All of you ❤️🙏
17/04/2024

Happy Ram Navmi All of you ❤️🙏

जिसके पास दूसरा Option हो वो आपका कभी नहीं हो सकता ... ? 😎😴
15/04/2024

जिसके पास दूसरा Option हो
वो आपका कभी नहीं हो सकता ... ? 😎😴

🩷🩷🩷
14/04/2024

🩷🩷🩷

समय-समय ki baat Hai 😴
14/04/2024

समय-समय ki baat Hai 😴

Jai bhim jai bharat 🇮🇳🇮🇳
14/04/2024

Jai bhim jai bharat 🇮🇳🇮🇳

Happy Birthday brother God bless you   💖❤️🥳
12/04/2024

Happy Birthday brother God bless you 💖❤️🥳

सभी क्षेत्रवासियों सहित सभी देशवासियों को ईद उल फितर की ढेर सारी बधाई शुभकामनाएं मुबारकबाद l
10/04/2024

सभी क्षेत्रवासियों सहित सभी देशवासियों को ईद उल फितर की ढेर सारी बधाई शुभकामनाएं मुबारकबाद l

Jai Mata Di Everyone
08/04/2024

Jai Mata Di
Everyone

😞💔😞
29/03/2024

😞💔😞

Happy Holi everyone
25/03/2024

Happy Holi everyone

Gajab ke Rog ❤️
21/03/2024

Gajab ke Rog ❤️

I.............L.........Y...............❤️
18/03/2024

I.............L.........Y...............❤️

Happy birthday  🎂🎉🎉🎂
14/03/2024

Happy birthday 🎂🎉🎉🎂

Keep sitting in front, your heart will agree The more you see the more you'll love it ❤️🥰💯
14/03/2024

Keep sitting in front, your heart will agree
The more you see the more you'll love it ❤️🥰💯

Happy birthday Beti  ❤️🎈🎁🎉🥳
12/03/2024

Happy birthday Beti ❤️🎈🎁🎉🥳

❤️❤️
11/03/2024

❤️❤️

❤️.....Ñ....❤️
10/03/2024

❤️.....Ñ....❤️

शिव ही सत्य है 🙏🙏
08/03/2024

शिव ही सत्य है 🙏🙏

break down and love someone falling in love with someone it's the same thing But the difference is profound.?
04/03/2024

break down and love someone
falling in love with someone
it's the same thing
But the difference is profound.?

Bhojpuri mood 🫣❤️❤️
02/03/2024

Bhojpuri mood 🫣❤️❤️

🙏
01/03/2024

🙏

हल्दी रस्म या फिजूल खर्ची

अमीरों के चक्कर में बेचारा गरीब पिस रहा है 🤔

आज कल ग्रामीण परिवेश में होने वाली शादियों में एक नई रस्म का जन्म हुआ है हल्दी रस्म।

हल्दी रस्म के दौरान हजारों रूपये खर्च कर के विशेष डेकोरेशन किया जाता है, उस दिन दूल्हा या दुल्हन विशेष पीत (पीले) वस्त्र धारण करते हैं। साल 2020 से पूर्व इस हल्दी रस्म का प्रचलन ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं पर भी देखने को नहीं मिलता था, लेकिन पिछले साल दो-तीन साल से इसका प्रचलन बहुत तेजी से ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ा है।

पहले हल्दी की रस्म के पीछे कोई दिखावा नहीं होता था, बल्कि तार्किकता होती थी। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में आज की तरह साबुन व शैम्पू नहीं थे और ना ही ब्यूटी पार्लर था। इसलिए हल्दी के उबटन से घिसघिस कर दूल्हे-दुल्हन के चेहरे व शरीर से मृत चमड़ी और मेल को हटाने, चेहरे को मुलायम और चमकदार बनाने के लिए हल्दी, चंदन, आटा, दूध से तैयार उबटन का प्रयोग करते थे। ताकि दूल्हा-दुल्हन सुंदर लगे। इस काम की जिम्मेदारी घर-परिवार की महिलाओं की थी। लेकिन आजकल की हल्दी रस्म मोडिफाइड, दिखावटी और मंहगी हो गई है। जिसमें हजारों रूपये खर्च कर डेकोरेशन किया जाता है। महंगे पीले वस्त्र पहने जाते है। दूल्हा दुल्हन के घर जाता है और पूरे वातावरण, कार्यक्रम को पीताम्बरी बनाने के भरसक प्रयास किये जाते हैं। यह पीला ड्रामा घर के मुखिया के माथे पर तनाव की लकीरें खींचता है जिससे चिंतामय पसीना टपकता है।

पुराने समय में जहां कच्ची छतों के नीचे पक्के इरादों के साथ दूल्हा-दुल्हन बिना किसी दिखावे के फेरे लेकर अपना जीवन आनंद के साथ शुरू करते थे, लेकिन आज पक्के इरादे कम और दिखावा और बनावटीपन ज्यादा होने लगा है।

आजकल देखने में आ रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक रूप से असक्षम परिवार के लड़के भी इस शहरी बनावटीपन में शामिल होकर परिवार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ा रहे है। क्योंकि उन्हें अपने छुट भईए नेताओं, वन साइड हेयर कटिंग वाले या लम्बे बालों वाले सिगरेट का धुंआ उड़ाते दोस्तों को अपना ठरका दिखाना होता है। इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि के लिए रील बनानी है। बेटे के रील बनाने के चक्कर में बाप की कर्ज़ उतरने में ही रेल बन जाती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे घरों में फिजूल खर्ची में पैसा पानी की तरह बहाया जाता है जिनके मां-बाप ने हाड़-तोड़ मेहनत और पसीने की कमाई से पाई-पाई जोड़ कर मकान का ढांचा खड़ा किया लेकिन ये नवयौवन लड़के-लड़कियां बिना समझे अपने मां-बाप की हैसियत से विपरीत जाकर अनावश्यक खर्चा करते हैं।

जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हो उन परिवारों के बच्चों को मां-बाप से जिद्द करके इस तरह की फिजूल खर्ची नहीं करवानी चाहिए। आजकल काफी जगह यह भी देखने को मिलता है कि बच्चे (जिनकी शादी है) मां-बाप से कहते है आप कुछ नहीं जानते, आपको समझ नहीं है, आपकी सोच वही पुरानी अनपढ़ों वाली रहेगी, यह कहते हुए अपने माता-पिता को गंवारू, पिछड़ा, थे तो बौझ्अ बरगा हो कहते हैं। मैं जब भी यह सुनता हूं सोचने को विवश हो जाता हूं, पांव अस्थिर हो जाते हैं। बड़ी चिंता होती हैं कि मेरा युवा व छोटा भाई-बहिन किस दिशा में जा रहे हैं।

इस तरह की फिजूलखर्ची वाली रस्म को रोकने के समाचार पढ़ कर खुशी होती है लेकिन अपने घर, परिवार, समाज, गांव में ऐसे कार्यक्रम में शरीक होकर लुत्फ उठा रहे हैं, फोटो खिंचवाकर स्टेटस लगा रहे हैं।

Friends ✨,❤️❤️❤️
29/02/2024

Friends ✨,❤️❤️❤️

ẞवफा की चाहत में कुछ इस तरह रह गए,वक्त बदला, दुनिया बदली और वो भी बदल गए। 👍❤️
28/02/2024

ẞवफा की चाहत में कुछ इस तरह रह गए,
वक्त बदला, दुनिया बदली और वो भी बदल गए। 👍❤️

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