07/08/2022
हिंदुस्तानी भाषा भारती - एक परिचय
हिन्दुस्तानी भाषा भारती - त्रैमासिक पत्रिका (हिन्दी)
‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन को समर्पित त्रैमासिक पत्रिका है । इसका प्रकाशन भारतीय भाषाओं के लिए कार्य करने वाली स्ववित्तपोषित संस्था ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’, दिल्ली द्वारा किया जाता है ।
‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ का मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए आधार स्थापित करना है । पत्रिका अन्य समकालीन साहित्यिक पत्रिकाओं से पृथक है, क्योंकि इस पत्रिका की नींव हिन्दी सहित अन्य भारतीय भाषाओं की जमीन पर रखी गई है । पत्रिका की यह विशेषता है कि इसमें हिन्दी साहित्य की प्रचलित विविध विधाओं जैसे गीत, कविता, कथा, उपन्यास, संस्मरण, यात्रा वृतांत, नाटक, एकांकी आदि को सम्मिलित न करके केवल हिन्दी भाषा के उन्नयन एवं संवर्धन और अन्य भारतीय भाषाओं, साहित्य, संस्कृति एवं लोक कलाओं से सम्बन्धित लेख/आलेख एवं शोध सामग्रियों का ही प्रकाशन किया जाता है । पत्रिका के स्थायी स्तम्भ ‘चमत्कार लोक भाषाओं का’ के अंतर्गत किसी एक भारतीय भाषा को विशेषांक के रूप में प्रकाशित किया जाता है । अब तक बुन्देली, छत्तीसगढ़ी, सिंधी, कुमाऊँनी, राजस्थानी, पंजाबी, भोजपुरी, नेपाली, मैथिली, अवधी, डोगरी, संस्कृत, संथाली, तमिल, कश्मीरी, मालवी, बघेली एवं पूर्वोत्तर भारत की भाषाओं पर केन्द्रित अंक प्रकाशित हो चुके हैं ।
पत्रिका के महत्त्वपूर्ण स्थायी स्तम्भ ‘साक्षात्कार’ के अंतर्गत विभिन्न सरकारी पदों पर बैठे हुए उच्चाधिकारियों, विद्वानों, भाषाविदों, शिक्षाविदों, प्रतिष्ठित साहित्यकारों, दिल्ली स्थित मित्र देशों के दूतावासों के राजनयिकों एवं राजदूतों के साक्षात्कारों को प्रकाशित किया जाता है । इन साक्षत्कारों की आधार भूमि केवल भाषा और संस्कृति पर ही केन्द्रित होती है । इसके साथ इसमें वरिष्ठ साहित्यकारों, भाषा सेवियों, भारतीय भाषाओं के पक्षधर विद्वानों के साक्षात्कारों को भी सम्मिलित किया जाता है, जो विभिन्न प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े हैं, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति रहें हैं, भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं, प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में कार्यानुभव प्राप्त युवाओं के प्रेरक व्यक्तित्व हैं, साथ ही सरकारी उच्च पदों पर आसीन वरिष्ठ अधिकारी हैं ।
भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार में युवाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने तथा भारतीय भाषाओं के प्रति उनके पठन संस्कृति और जिज्ञासु प्रवृत्ति को विकसित करने के लिए पत्रिका के नवीन अंक से ‘युवा मत’ स्तम्भ का शुभारम्भ किया गया है । ‘युवा मत’ स्तम्भ देश के विभिन्न महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत युवा लेखकों, शोधार्थियों, पत्रकारों, मीडियाकर्मियों के निज भाषा के प्रति उनके दृष्टिकोण, विचार, संवेदना, भाषिक चेतना, लेखकीय समझ और बौद्धिक स्तर को जानने-समझने का एक माध्यम है । इस नवीन स्तम्भ का उद्देश्य हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं पर युवाओं के विचारों एवं संवेदनाओं को अधिक से अधिक पाठकों, मुख्यधारा के साहित्यकारों, भाषाविदों, शिक्षाविदों एवं नीति-निर्माताओं तक पहुँचाना है ।
हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के प्रबल समर्थक तथा भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार में अग्रणीय भूमिका निर्वहन करने वाले श्री सुधाकर पाठक इस पत्रिका के संपादक हैं । पत्रिका के गुणस्तर एवं स्तरीयता को साहित्य जगत में सराहा जा रहा है । विभिन्न विश्वविद्यालयों, पुस्तकालयों एवं भाषा सेवी संस्थाओं में पत्रिका को शोध पत्रिका के श्रेणी में रखा गया है ।
उद्देश्य :
भारत एक बहु-भाषी एवं बहु -सांस्कृतिक विविधताओं से सम्पन्न गौरवशाली राष्ट्र है । अपनी पुरातन परंपराओं, भाषिक एवं सांस्कृतिक सौन्दर्यीकरण के लिए भारत विश्व में अनुपम है । किसी भी देश की भाषा उसकी अस्मिता और राष्ट्रीय महत्त्व का प्रमुख अंग होती है । भाषा के द्वारा ही किसी देश की विराट सभ्यता, संस्कृति, इतिहास, साहित्य, रहन-सहन, लोक-कलाओं और सामाजिक संरचनाओं आदि को विस्तृत रूप से समझा जा सकता है । भाषा केवल अभिव्यक्ति सम्प्रेषण करने का माध्यम भर नहीं है बल्कि यह देश की सांस्कृतिक संचेतना को दीर्घकाल तक यथावत बनाए रखने के लिए आवश्यक आधार भूमि भी है । इतना महत्त्वपूर्ण और गंभीर विषय होने के बावजूद भी भारत का आम जनमानस अपनी भाषा के प्रति सजग और जागरूक नहीं हो पाया है । आम नागरिकों की प्राथमिकता रोटी, कपड़ा और मकान जैसे जीवन के आधारभूत तत्वों तक ही सीमित होती है । यही कारण है कि भाषा को लेकर उनमें कोई सरोकार और चिंता नहीं पाई जाती । वे इस बात से भी अनभिज्ञ हैं कि धीरे-धीरे उनकी बोलचाल और रोजगार की भाषा को उनसे छीना जा रहा है और उसके बदले अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषाओं को उनके रहन-सहन एवं दैनिक प्रयोजन की भाषा के रूप में विकसित किया जा रहा है । भारतीय भाषाओं के लिए यह एक दु:खद एवं निराशाजनक स्थिति है । देश का प्रबुद्ध एवं साहित्यिक वर्ग इन गंभीर समस्याओं से विमुख है । देश में इस समय कई साहित्यिक पत्रिकाओं का नियमित प्रकाशन हो रहा है, किन्तु भाषा पर आधारित पत्रिकाएँ नगण्य हैं । सरकारी संस्थानों के द्वारा भाषा केन्द्रित पत्रिकाओं का प्रकाशन तो हो रहा है किन्तु उनकी पहुँच भी सर्वसुलभ नहीं है । पाठकों, साहित्यकारों, पत्रकारों, लेखकों, शोधार्थियों, मीडियाकर्मियों, सरकारी उच्चाधिकारियों आदि को अपनी भाषा की वास्तविक स्थिति से परिचित कराए बिना भाषाओं की स्थिति में परिवर्तन लाने की बात करना कोई दिवास्वप्न देखने जैसा है । एक जिम्मेदार संस्था होने के नाते इन समस्याओं एवं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक स्ववित्तपोषित संस्था ने अपने सीमित संसाधनों से भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार का प्रण लिया है । विशुद्ध रूप से हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं पर केन्द्रित इस शोधपरक त्रैमासिक पत्रिका का विगत कई वर्षों से नियमित प्रकाशन किया जा रहा है । ‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ पत्रिका के माध्यम से भारतीय भाषाओं के लिए एक सशक्त आधारभूमि तैयार करना और आम जनमानस को निज भाषा के महत्त्व और उसकी चुनौतियों एवं संभावनाओं को साझा करना इस पत्रिका का मुख्य उद्देश्य है ।
‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ पत्रिका के मुख्य उद्देश्य :-
1. विद्यालयी स्तर पर भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए शिक्षक प्रकोष्ठ के दिल्ली, गाजियाबाद एवं गुरुग्राम क्षेत्र के 800 से अधिक भाषा शिक्षकों के माध्यम से विभिन्न सरकारी एवं निजी विद्यालयों के पुस्तकालयों तक पत्रिका को उपलब्ध कराना, जिसके द्वारा छात्र वर्ग, शिक्षक वर्ग एवं विद्यालय प्रबंधन समिति आदि भारतीय भाषाओं की वस्तुस्थिति से परिचित हो सकें ।
2. साक्षात्कार के माध्यम से देश के ख्यात साहित्यकारों, पत्रकारों, शिक्षाविदों, भाषाविदों, मीडियाकर्मियों, प्रशासनिक सेवा अधिकारियों, सरकारी उच्चाधिकारियों आदि के हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं की स्थिति पर उनके विचार-विमर्श, अनुभवों एवं सुझावों को पाठकों तक पहुँचाना ।
3. भारत स्थित विदेशी दूतावासों के राजदूतों एवं राजनयिकों से शिष्टाचार भेंट करना और भाषा एवं संस्कृति के माध्यम से दो मित्र राष्ट्रों के बीच सुमधुर सम्बन्ध स्थापित करना ।
4. केवल हिन्दी भाषा तक सीमित न होकर आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भारतीय भाषाओं, बोलियों एवं लोक भाषाओं पर केन्द्रित विशेषांक प्रकाशित कर राष्ट्रीय एकता, सार्वभौमिकता एवं अखंडता को सुदृढ़ करना ।
5. भारतीय भाषाओं के संरक्षण के अभियान में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना । विभिन्न महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत युवा लेखकों, शोधार्थियों, पत्रकारों, मीडियाकर्मियों आदि के भाषिक चेत और लेखन क्षमता को विकसित करना तथा भारतीय भाषाओं के प्रति उनकी शोधात्मक एवं जिज्ञासु प्रवृत्ति को समृद्ध करना ।
6. ग्रामीण पृष्ठभूमि के लेखकों को मुख्यधारा के लेखन से जोड़ना । विभिन्न बोलियों एवं लोक कलाओं की दशा और दिशा पर उनके निजी अनुभवों को प्रबुद्ध लेखकों, साहित्यकारों, नीति-निर्माताओं एवं पाठकों तक पहुँचाना ।
7. हिन्दी की राष्ट्रीय स्वीकार्यता, वैश्विक स्तर पर हिन्दी की उपस्थिति, रोजगार की भाषा के रूप में हिन्दी का प्रभुत्त्व क्षेत्र, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में हिन्दी की स्थिति, देवनागरी लिपि पर मंडराती चुनौतियों, हिंगलिश और रोमन लिपि से फैलती भाषाई प्रदुषण आदि जैसे जीवंत एवं समसामयिक विषयों पर प्रबुद्ध लेखकों, भाषा सेवी संस्थाओं के अधिकारियों, शोधार्थियों, शिक्षकों, विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राचार्यों एवं संपादकों के शोधपरक लेखों के माध्यम से हिन्दी की वास्तविकता, समस्याओं एवं संभावनाओं आदि को प्रेषित करना ।
पत्रिका के ‘साक्षात्कार स्तम्भ’ में अब तक प्रकाशित वरिष्ठ साहित्यकारों, पत्रकारों, प्रशासनिक सेवा अधिकारियों, मीडियाकर्मियों, विभिन्न देशों के राजनयिकों, शिक्षाविदों एवं विभिन्न सरकारी संस्थाओं के उच्चाधिकारियों आदि की सूची :-
1. डॉ. अशोक चक्रधर, वरिष्ठ साहित्यकार, निर्देशक, अभिनेता एवं शिक्षाविद
2. डॉ. हरीश नवल, वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद
3. डॉ. कमल किशोर गोयनका, वरिष्ठ साहित्यकार
4. प्रो. अवनीश कुमार, अध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, पूर्व निदेशक केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय
5. प्रो. नन्द किशोर पांडेय, निदेशक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा
6. डॉ. सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र
7. डॉ. नामवर सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार एवं आलोचक
8. श्री बल्देव भाई शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, दिल्ली
9. सुश्री मैत्रयी पुष्पा, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व उपाध्यक्ष, हिन्दी अकादमी, दिल्ली
10. प्रो. रामदरश मिश्र, वरिष्ठ साहित्यकार एवं लेखक
11. श्री महेश चन्द्र शर्मा, अध्यक्ष, दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मलेन
12. श्री राहुल देव, वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षाविद
13. डॉ. गोविन्द व्यास, लेखक एवं मंत्री, हिन्दी भवन, दिल्ली
14. श्री गंगाप्रसाद उप्रेती, कुलपति, नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, काठमांडू, नेपाल
15. श्री योगेश पुंजा, राजदूत, फिजी गणराज्य
16. श्री सुरेन्द्र शर्मा, सुविख्यात हास्य कवि
17. डॉ. रामशरण गौड़, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड
18. सुश्री आशना कन्हाई, राजदूत, सूरीनाम गणराज्य
19. श्रीमती चित्रा मुद्गल, वरिष्ठ साहित्यकार
20. श्री निशांत जैन, लेखक एवं प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आई.ए.एस.)
21. डॉ. रमा शर्मा, प्राचार्या, हंसराज महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय
22. श्री दिनेश तिवारी, पूर्व उपाध्यक्ष, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया
23. प्रो. गिरीश्वर मिश्र, शिक्षाविद एवं पूर्व कुलपति म.गाँ.अं.हि.वि., वर्धा
24. डॉ. अनामिका, लेखिका एवं साहित्यकार
25. डॉ. जीतराम भट्ट, सचिव, हिन्दी अकादमी, दिल्ली
26. श्री ललित कुमार, लेखक, ब्लॉगर, कविताकोश के संस्थापक
27. श्री राकेश मिश्र, कवि एवं प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आई.ए.एस.)
28. प्रो. कुमुद शर्मा, शिक्षाविद, आलोचक एवं मीडिया विश्लेषक
29. डॉ. शीला झुनझुनवाला, वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक
30. डॉ. ओम निश्चल, आलोचक, कवि एवं भाषाविद
31. श्री कृष्ण कुमार यादव, भारतीय डाक सेवा अधिकारी, निदेशक, डाक सेवाएँ, लखनऊ मु.परिक्षेत्र
32. श्री शरत चन्द अग्रवाल, वरिष्ठ सलाहकार, भारतीय योग संस्थान, दिल्ली
अब तक ‘लोक भाषाओं का चमत्कार’ स्तम्भ के अंतर्गत विशेषांक के रूप में प्रकाशित आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भारतीय भाषाएँ, उप भाषाएँ एवं बोलियों की सूची :-
1. बुन्देली
2. छत्तीसगढ़ी
3. सिंधी
4. कुमाऊँनी
5. राजस्थानी
6. पंजाबी
7. भोजपुरी
8. नेपाली
9. मैथिली
10. अवधी
11. डोगरी
12. संस्कृत
13. संथाली
14. तमिल
15. कश्मीरी
16. मालवी
17. बघेली
18. पूर्वोत्तर भारत की भाषाएँ
हिन्दी भाषा पर केन्द्रित सारगर्भित एवं शोधपरक लेखों के माध्यम से हिन्दी भाषा की वर्तमान स्थिति से पाठकों एवं समाज को निज भाषा के प्रति सजग और जागरूक करने वाले कुछ प्रमुख लेखकों की सूची :-
1. डॉ. कमल किशोर गोयनका
2. प्रो. गिरीश्वर मिश्र
3. डॉ. कृष्ण कुमार गोस्वामी
4. डॉ. वेद प्रताप वैदिक
5. डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय
6. प्रो. ऋषभ देव शर्मा
7. श्री राकेश पाण्डेय
8. डॉ. उर्मिला मिश्रा
9. श्री मनीष वैद्य
10. डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’
11. श्री उमेश चतुर्वेदी
12. डॉ. बलबीर सिंह
13. डॉ. दिग्विजय शर्मा
14. श्री राहुल खटे
15. मेजर सरस त्रिपाठी
16. श्री रामकृष्ण वाजपेई
17. श्री सुनील बादल
18. डॉ. प्रदीप उपाध्याय
19. प्रो. हरीश कुमार शर्मा
20. श्री संजय ठाकुर
21. श्री अरविंद जयतिलक
22. डॉ. मृणालिका ओझा
23. श्री हितेंद्र मिश्र
24. डॉ. राम गरीब पाण्डेय ‘विकल’
25. डॉ. प्रभु जोशी
26. डॉ. विशेष गुप्ता
27. डॉ. गीता भट्ट
28. डॉ. किशोर वासवानी
29. डॉ. योगेन्द्रनाथ मिश्र
30. श्री अवधेश कुमार मिश्र
31. डॉ. प्रेमपाल शर्मा
32. डॉ. मीनाक्षी जोशी
33. डॉ. शैलन्द्र कुमार शर्मा
34. श्री संजीव निगम
35. डॉ. जोगा सिंह
36. डॉ. वीरेंद्र परमार