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24/05/2022
कहते हैं खिलाडी, कवी, गायक, जज, डाक्टर, वकील और पत्रकार की कोई धर्म-जाती नहीं होती. इनका बस काम ही इनकी जाती-धर्म होता है. इनके काम पुरे देश या समाज के लिए होते हैं. लेकिन धर्म की आग कुछ इस कदर फैली है की हमारा कॉमन सेन्स जल के राख हो गया है. कल जब ऑस्कर में ए.आर. रहमान को ऑस्कर मिला तब वो देश का गौरव था.? फिर जरीन में क्या समस्या है ? मतलब आपके दिमाग में जहर धीरे -2 बढ़ रहा है
निकहत (निखत) जरीन टर्की के इस्ताम्बुल में हुयी मुक्केबाजी प्रतियोगिता में वर्ल्ड चैम्पियन बन गयी और किसी राज्य या केंद्र सरकार ने अभी तक किसी प्रकार की नौकरी, इनाम की घोषणा नहीं की. ये लड़की किसी धर्म के लिए नहीं देश के लिए मैडल लायी है. क्या हमारा समाज इतना नीचे गिर गया है की देश का नाम ऊंचा करने वालों का भी धर्म देखेगा ? जिस बात पर गर्व होना चाहिए उस बात पर महज इस लिए चुप रहेंगे क्योंकि खिलाडी हिन्दू नहीं है ?
जब अमेरिकी में जन्मी और वही की नागरिक कमला हैरिस अमेरिका में उपराष्ट्रपति बनी तो जबरजस्ती लोग उन्हें भारत से जोड़ने पाए उतारू थे क्योंकि उनके पूर्वज भारतीय थे. एक और अमेरिकी नागरिक नवीन जिंदल ने तो मिडिया में साफ़ कह दिया की मैं "भारतीय मूल का" कहलाने के लिए अमेरिका में नहीं जन्मा. मैं अमेरिका हूँ ..फिर भी हम जबरजस्ती उनपर गर्व करने को मरे जा रहे थे.
आज हमारे देश की एक खिलाडी विश्व चैम्पियन बनी है तो हम जश्न नहीं मना रहे, गर्व नहीं कर पा रहे ? क्या ये एक जिम्मेदार नागरिक का व्यव्हार है ? कहाँ मर गयी है आप की राष्ट्रभक्ति की भावना ? या उसके मायने भी आप अपने दिल की बजाय किसी पार्टी के IT Cell से सीखने लगे हैं ?