25/08/2023
सिविल केस फाइल करने से लेकर जजमेंट तक पूरा प्रोसेस हिंदी में ???
सिविल केस फाइल करने से लेकर जजमेंट तक का पूरा प्रोसेस इस प्रकार है:
1. मुकदमा दायर करना
सिविल केस फाइल करने के लिए सबसे पहले मुकदमा दायर करना होता है। मुकदमा दायर करने के लिए, वादकर्ता को एक वाद दायर करना होता है। वाद दायर करने के लिए, वादकर्ता को एक वाद पत्र तैयार करना होता है, जिसमें मुकदमे का विवरण, मांग और साक्ष्यों की सूची शामिल होती है। वाद पत्र को सम्बंधित कोर्ट में जमा किया जाता है।
2. अदालत का नोटिस
वाद पत्र जमा करने के बाद, कोर्ट वाद पत्र की एक प्रति प्रतिवादी को भेजती है। प्रतिवादी को मुकदमे में जवाब देने के लिए एक समय सीमा दी जाती है।
3. जवाब दाखिल करना
प्रतिवादी को मुकदमे में जवाब दाखिल करना होता है। जवाब में, प्रतिवादी वादकर्ता के दावों का खंडन कर सकता है या अपने स्वयं के दावे कर सकता है। प्रतिवादी को अपने दावों के समर्थन में साक्ष्य भी पेश करने होते हैं।
4. प्रारंभिक सुनवाई
वाद पत्र और जवाब दाखिल करने के बाद, कोर्ट एक प्रारंभिक सुनवाई करती है। प्रारंभिक सुनवाई में, कोर्ट वाद की स्थिति का आकलन करता है और आगे की कार्यवाही के लिए निर्देश जारी करता है।
5. साक्ष्य पेश करना
प्रारंभिक सुनवाई के बाद, दोनों पक्षों को साक्ष्य पेश करने का अवसर दिया जाता है। साक्ष्य पेश करने के लिए, दोनों पक्षों को गवाहों को बुलाना होता है। गवाहों को गवाही देने के लिए कोर्ट के सामने पेश होना होता है।
6. बहस
साक्ष्य पेश करने के बाद, दोनों पक्षों को अपनी बहस करने का अवसर दिया जाता है। बहस में, दोनों पक्ष अपने दावों का समर्थन करने के लिए तर्क देते हैं।
7. फैसला
बहस के बाद, कोर्ट अपना फैसला सुनाता है। फैसले में, कोर्ट वाद का निपटारा करता है और वाद के पक्षकारों को उनके अधिकारों और दायित्वों के बारे में बताता है।
सिविल केस फाइल करने और जजमेंट प्राप्त करने में आमतौर पर कई साल लगते हैं। यह समय मुकदमे की जटिलता, साक्ष्यों की मात्रा और दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता पर निर्भर करता है।