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कहानी - सत्य घटना पर आधारित मैडम, आप 'मेकअप' क्यों नहीं करती...✍️टीचर सुश्री रानी सोयामोई... कॉलेज के छात्रों से बातचीत ...
03/07/2024

कहानी - सत्य घटना पर आधारित

मैडम, आप 'मेकअप' क्यों नहीं करती...✍️

टीचर सुश्री रानी सोयामोई... कॉलेज के छात्रों से बातचीत करती हैं।

उन्होंने कलाई घड़ी के अलावा कोई आभूषण नहीं पहना था।
सबसे ज्यादा छात्रों को आश्चर्य हुआ कि उन्होंने 'फेस पाउडर' का भी इस्तेमाल नहीं किया।

भाषण अंग्रेजी में था। उन्होंने केवल एक या दो मिनट ही बोला, लेकिन उनके शब्द दृढ़ संकल्प से भरे थे।

फिर बच्चों ने उन से कुछ सवाल पूछे।

प्रश्न: आपका नाम क्या है?

मेरा नाम रानी है, सोयामोई मेरा पारिवारिक नाम है। मैं ओडिशा की मूल निवासी हूं।..और कुछ पूछना है?

दर्शकों में से एक दुबली-पतली लड़की खड़ी हुई।

"पूछो, बच्चे..."

"मैडम, आप मेकअप क्यों नहीं करतीं?"

टीचर का चेहरा अचानक पीला पड़ गया। उनके पतले माथे पर पसीना आ गया। उनके चेहरे की मुस्कान फीकी पड़ गई। दर्शक अचानक चुप हो गए।

उन्होंने टेबल पर रखी पानी की बोतल खोली और थोड़ा पानी पिया। फिर उसने धीरे से छात्र को बैठने का इशारा किया।
फिर वह धीरे से बोलने लगी।

"तुमने एक परेशान करने वाला सवाल पूछा है। यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब एक शब्द में नहीं दिया जा सकता। मुझे जवाब में तुम्हें अपनी जीवन कहानी सुनानी है। मुझे बताओ कि क्या तुम मेरी कहानी के लिए अपने कीमती दस मिनट निकालने को तैयार हो?"

"तैयार..."

मेरा जन्म ओडिशा के एक आदिवासी इलाके में हुआ था। गवर्नर ने रुककर दर्शकों की ओर देखा।

"मेरा जन्म कोडरमा जिले के आदिवासी इलाके में एक छोटी सी झोपड़ी में हुआ था, जो _'मीका'_ खदानों से भरा हुआ था।

मेरे पिता और माता खनिक थे। मेरे दो बड़े भाई और एक छोटी बहन थी। हम एक छोटी सी झोपड़ी में रहते थे जिसमें बारिश होने पर पानी टपकता था।
मेरे माता-पिता कम वेतन पर खदानों में काम करते थे क्योंकि उन्हें कोई और काम नहीं मिल पाया था। यह बहुत गंदा काम था।

जब मैं चार साल की थी, तब मेरे पिता, माता और दो भाई कई बीमारियों के कारण बिस्तर पर पड़े थे।

उस समय उन्हें यह नहीं पता था कि यह बीमारी खदानों में मौजूद घातक 'मीका धूल' को अंदर लेने से होती है।
जब मैं पाँच साल की थी, मेरे भाई बीमारी से मर गए।"

एक छोटी सी आह भरकर गवर्नर ने बोलना बंद कर दिया और अपने रूमाल से अपनी आँखें पोंछ लीं।

"ज़्यादातर दिनों में हमारा भोजन सादा पानी और एक या दो रोटियाँ हुआ करता था। मेरे दोनों भाई गंभीर बीमारी और भूख के कारण इस दुनिया से चले गए। मेरे गाँव में, डॉक्टर तो छोड़िए, स्कूल भी नहीं था। क्या आप ऐसे गाँव की कल्पना कर सकते हैं जहाँ स्कूल, अस्पताल या शौचालय न हो, बिजली न हो?

एक दिन मेरे पिता ने मेरा भूखा, चमड़ी और हड्डियों से लथपथ हाथ पकड़ा और मुझे टिन की चादरों से ढकी एक बड़ी खदान में ले गए।
यह एक अभ्रक की खदान थी जिसने समय के साथ बदनामी हासिल कर ली थी।

यह एक पुरानी खदान थी जिसे खोदा गया और खोदा गया, जो अंतहीन रूप से पाताल में फैली हुई थी। मेरा काम नीचे की छोटी-छोटी गुफाओं में रेंगना और अभ्रक अयस्क इकट्ठा करना था। यह केवल दस साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ही संभव था।

अपने जीवन में पहली बार, मैंने पेट भर रोटियाँ खाईं। लेकिन उस दिन मुझे उल्टी हो गई।

जिस समय मुझे प्रथम श्रेणी में होना चाहिए था, मैं अंधेरे कमरों में अभ्रक इकट्ठा कर रही थी, जहाँ मैं ‘जहरीली धूल’ में साँस ले रहा था।

कभी-कभार ‘भूस्खलन’ में दुर्भाग्यपूर्ण बच्चों का मर जाना असामान्य नहीं था। और कभी-कभी कुछ ‘घातक बीमारियों’ से भी मर जाते थे

दिन में आठ घंटे काम करने के बाद, आप कम से कम एक बार के भोजन के लिए कमा पाते थे। मैं भूख और हर दिन जहरीली गैसों के साँस लेने के कारण दुबली और निर्जलित हो गई थी।

एक साल बाद मेरी बहन भी खदान में काम करने लगी। जैसे ही वे (पिता) थोड़े ठीक हुए, ऐसा समय आया कि मेरे पिता, माँ, बहन और मैं एक साथ काम करते थे और हम बिना भूख के रह सकते थे।

लेकिन किस्मत ने हमें दूसरे रूप में परेशान करना शुरू कर दिया था। एक दिन जब मैं तेज बुखार के कारण काम पर नहीं जा रही थी, अचानक बारिश हुई। खदान के नीचे काम करने वाले श्रमिकों पर खदान गिरने से सैकड़ों लोग मारे गए। उनमें मेरे पिता, माँ और बहन भी थे।"

रानी की दोनों आँखों से आँसू बहने लगे। दर्शकों में हर कोई साँस लेना भी भूल गया। कई लोगों की आँखें आँसुओं से भर गईं।

"आपको याद रखना होगा कि मैं सिर्फ़ छह साल की थी।
आखिरकार मैं सरकारी अगाती मंदिर पहुँची। वहाँ मेरी शिक्षा हुई। मैंने अपने गाँव से ही अपनी पहली अक्षर-पद्धति सीखी थी। आखिरकार यहाँ टीचर आपके सामने हैं।

आप सोच रहे होंगे कि इसका और इस बात का क्या संबंध है ? कि मैं मेकअप का इस्तेमाल नहीं करती।"

उसने दर्शकों की तरफ देखते हुए कहा।

"अपनी शिक्षा के दौरान ही मुझे एहसास हुआ कि उन दिनों अँधेरे में रेंगते हुए मैंने जो सारा अभ्रक इकट्ठा किया था, उसका इस्तेमाल मेकअप उत्पादों में किया जा रहा था।
अभ्रक पहला प्रकार का मोती जैसा सिलिकेट खनिज है।
कई बड़ी कॉस्मेटिक कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले खनिज मेकअप में, आपकी त्वचा के लिए सबसे चमकीला रंग बहुरंगी अभ्रक से आता है, जिसे 20,000 छोटे बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर निकालते हैं।

गुलाब की कोमलता उनके जले हुए सपनों, उनके बिखरते जीवन और चट्टानों के बीच कुचले गए उनके मांस और खून के साथ आपके गालों पर फैलती है।
खदानों से बच्चों के हाथों से उठाए गए लाखों डॉलर के अभ्रक का इस्तेमाल आज भी किया जाता है। हमारी सुंदरता को बढ़ाने के लिए।"

अब आप ही बताइए।
मैं अपने चेहरे पर मेकअप कैसे लगाऊं? मैं अपने भाइयों की याद में पेट भरकर कैसे खाऊं जो भूख से मर गए? मैं अपनी मां की याद में महंगे रेशमी कपड़े कैसे पहनूं जिन्होंने कभी फटे कपड़ों के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था?"

जब रानी चली गईं तो पूरा दर्शक अनजाने में ही खड़ा हो गया, उनके होठों पर हल्की मुस्कान थी, आँखों में आँसू पोंछे बिना, उनका सिर ऊँचा था।

(ओडिशा में अभी भी उच्चतम गुणवत्ता वाला अभ्रक खनन किया जाता है। 20,000 से अधिक छोटे बच्चे स्कूल जाने के बिना वहां काम करते हैं। वे मर जाते हैं, कुछ भूस्खलन में और कुछ बीमारी से...)

कई साल बाद.....
वह महिला, भारत गणराज्य की पहली नागरिक बनीं
महामहिम
द्रौपदी मुरूमु
भारत गणराज्य की राष्ट्रपति ✍️

साभार : फेसबुक

02/07/2024

ऑपरेशन पंचायत / मिशन पंचायत मे सालिकपुर ग्राम चित्रकूट जनपद से पंचायत की रपट....

मानिकपुर निवासी जन एक्सप्रेस के जिला संवाददाता चित्रकूट हेमनारायण हेमू ऊर्फ हेमू भाई को शानदार जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई...
30/06/2024

मानिकपुर निवासी जन एक्सप्रेस के जिला संवाददाता चित्रकूट हेमनारायण हेमू ऊर्फ हेमू भाई को शानदार जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ......

Saurabh Dwivedi

30/06/2024

हेलो ; शिक्षा माफियाओं अपने अपने स्कूल मे 25 % गरीब बच्चों के दाखिले की लिस्ट सार्वजनिक करो और माफिया मुक्त शिक्षा विभाग की पहल शुरू करो !

चलो तैयार हो जाओ अबकी बार एजुकेशन माफिया पर प्रहार.....

प्रवेशोत्सव..?आज से स्कूलों में प्रवेशोत्सव शुरू हो रहा है। लेकिन स्कूलों में शैक्षणिक स्टाफ से लेकर बच्चो के लिए आवश्यक...
30/06/2024

प्रवेशोत्सव..?
आज से स्कूलों में प्रवेशोत्सव शुरू हो रहा है। लेकिन स्कूलों में शैक्षणिक स्टाफ से लेकर बच्चो के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं तक का अभाव है। यह उत्सव उन बच्चों के लिए है,जो स्कूल तक आ रहे हैं। क्या कभी कोई उत्सव ऐसे बच्चों के लिए भी होगा,जो किसी न किसी कारणवश स्कूल तक आने में असमर्थ है..? स्कूलों की जिम्मेदारी होती है,कि उनके निर्धारित क्षेत्र में कोई बच्चा स्कूल से किसी भी कारण से वंचित न रह पाए।
इसके कारणों पर जाए तो शिक्षा विभाग से लेकर गैरजिम्मेदार मातापिता और शासन प्रशासन तक इसके लिए जिम्मेदार है। शासन ने प्रशासन और बिभाग से निर्णय लेनी की सामान्य क्षमताएं भी छीन ली है। शासन द्वारा निर्णयों में देरी की बजह से इसके दुष्परिणाम अंततः बच्चो को भुगतने पड़ते हैं। स्थानांतरण से लेकर सामान्य क्रियाकलापों में भी शासन और राजनीतिक दखलंदाजी होती है। अगर सारे निर्णय शासन में बैठे राजनीतिक लोगो को ही लेने है,तो फिर बिभाग किसलिए होते हैं..? इस देश की राजनीति हर क्षेत्र को अपने नियंत्रण में रखना चाहती है। बच्चों और स्कूलों की दुर्दशा के लिए भी राजनीतिज्ञ कम जिम्मेदार नही है।
अब देखने बाली बात यह है कि प्रवेशोत्सव से ऐसे कितने बच्चे वंचित रह जाते है,जो बालश्रम कर रहे है,भिक्षाबृत्ति कर रहे हैं,या अपने मातापिता सहित शासकीय कर्मचारियों,और शासकों की लापरवाही का शिकार हैं।
उत्सव में सभी बच्चें स्कूलों में शामिल हो पाए तभी उत्सव की सार्थकता है। नही तो ऐसे उत्सव सिर्फ कागजी खानापूर्ति और औपचारिकता भर रह जाएंगे। सभी कारणों को दूर कर,सभी बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सभी की है।
आइए शिक्षित और विकसित राष्ट्र निर्माण की इस जिम्मेदारी को मिलकर पूर्ण करते है।
बाल शिक्षा निशुल्क संस्थान

Rajkaran Prajapati

आफ्टर एमपी चंद्रशेखर रावण का जनता के नाम संदेश ....
26/06/2024

आफ्टर एमपी चंद्रशेखर रावण का जनता के नाम संदेश ....

◇ नवागंतुक डीएम ने संभाला कार्यभारनवागन्तुक जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी०एन० ने आज जिला कोषागार पहुंच कर विधिवत कार्यभार ग्र...
26/06/2024

◇ नवागंतुक डीएम ने संभाला कार्यभार

नवागन्तुक जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी०एन० ने आज जिला कोषागार पहुंच कर विधिवत कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट के समस्त पटल का निरीक्षण भी किया।

उन्होंने बताया कि वह 2015 बैच के आईएएस हैं एवं मूलतः कर्नाटक बैंगलोर के मूल निवासी हैं। इससे पूर्व वह 2016 में असिस्टेंट कलेक्टर जौनपुर, 2017 ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ग़ाज़ीपुर , 2019 में सीडीओ देवरिया और 2021 से कानपुर नगर आयुक्त रहे हैं।

नवागंतुक जिलाधिकारी ने भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन मानस को दिलाने की अपनी पहली प्राथमिकता बताई है। साथ ही आम जनमानस की समस्याओं का निस्तारण शासन की मंशा के अनुरूप समयबद्ध तरीके से गुणवत्तापूर्ण कराया जाएगा।

चार्ज लेने के बाद नवागंतुक जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार, आईजीआरएस कक्ष, भूमि अध्यापति पटल, न्याय सहायक, ईआरके, आयुध सहायक, राजस्व अभिलेखागार, नजारत, कोषागार, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व कार्यालय, न्यायिक कार्यालय, नमामि गंगे कार्यालय, जिला निर्वाचन कार्यालय सहित अन्य पटलों का निरीक्षण किया।

राजस्व अभिलेखागार निरीक्षण के दौरान सीसीटीवी कैमरा संचालित रहने एवं नकल जारी होने की रेट सूची भी चस्पा करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, अपर जिलाधिकारी न्यायिक राजेश प्रसाद, नमामि गंगे वंदिता श्रीवास्तव, वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश सिंह, समस्त उप जिलाधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों सहित कलेक्ट्रेट एवं कोषागार के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

आज है जन्मदिन : जिलाध्यक्ष ना रहने के बावजूद भी सोशल मीडिया पर नजर आ रही लोकप्रियता। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष Chandra P...
26/06/2024

आज है जन्मदिन : जिलाध्यक्ष ना रहने के बावजूद भी सोशल मीडिया पर नजर आ रही लोकप्रियता।

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष Chandra Prakash Khare जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का लगा है अंबार , ऐसी लोकप्रियता से आज जरूर होंगे गदगद .... व्यक्ति नही व्यक्ति का काम याद रखा जाता है।

26/06/2024

वायनाड में प्रियंका गांधी को क्यों उम्मीदवार बनाया गया !

कांग्रेस पार्टी का कोई अन्य नेता चुनाव क्यों नहीं लड़ सकता वायनाड से ?

क्योंकि वायनाड जीतने वाली सेफ सीट है इसलिए गांधी परिवार से उम्मीदवार बनाया गया।

स्पीकर पद पर के सुरेश को इसलिए उम्मीदवार बनाया गया क्योंकि ये हारने वाले हैं।

हारने वाली सीट पर किसी और को उम्मीदवार बना देते हैं और सेफ सीट पर गांधी परिवार का उम्मीदवार बना देते हैं।

: बी एल संतोष, संगठन महामंत्री, भाजपा

25/06/2024

दबंग हैं गांव के विकास मे बाधा नही होने दे रहे चकबंदी , सालिकपुर ग्राम पंचायत जनपद चित्रकूट से ऑपरेशन पंचायत का दूसरा प्रोग्राम........

रीता सिंह बनीं थाना पहाड़ी की प्रथम महिला थानाध्यक्ष , ब्लाइंड केस का खुलासा करने मे हैं माहिर पहाड़ी / चित्रकूट : पुलिस...
25/06/2024

रीता सिंह बनीं थाना पहाड़ी की प्रथम महिला थानाध्यक्ष , ब्लाइंड केस का खुलासा करने मे हैं माहिर

पहाड़ी / चित्रकूट : पुलिस की बदलती तस्वीर मे गुड पुलिसिंग की चर्चा खूब होने लगी है इसलिए पत्रकारों से वार्ता करना और लगातार जन संवाद बनाए रखना भी पुलिस की जिम्मेदारी हो चुकी है।

हाल ही मे थाना पहाड़ी कमान संभालने वाली लेडी इंस्पेक्टर रीता सिंह कस्बे के अंदर एक राहगीर से चर्चा करती हुई देखी गईं , जानकारी लेने पर पता चला कि देर शाम के वक्त वह राहगीर पैदल ही कर्वी की ओर जा रहा था तो उन्होने कहा कि साधन का इंतजार कर लो अवश्य मिल जाएगा।

क्योंकि बदलते माहौल मे अब देर रात भी प्राइवेट या सरकारी साधन मिल जाते हैं , उनके इस प्रकार के प्रयास की चर्चा नागरिक सुरक्षा के रूप मे हुई जो कानून का पहला नियम और उद्देश्य है। जिससे आम लोग कहते सुनाई दिए कि नवागंतुक इंस्पेक्टर संवेदनशील हैं।

इधर पत्रकार वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि कस्बे मे जाम की समस्या ना हो इसके लिए बेहतर प्रयास किए जाएंगे। थाना क्षेत्र के अंतर्गत जो समस्या सामने आएगी उसे समाप्त करने के लिए तेजी से प्रयास किए जाएंगे।

उन्होने कहा कि अपराध मुक्त थाना क्षेत्र बनाए जाने का उद्देश्य मे सभी नागरिक पुलिस का सहयोग करें और पुलिस अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाएगी।

तेज तर्रार इंस्पेक्टर के रूप मे प्रसिद्ध हो चुकी रीता सिंह के उस केस की चर्चा हर जगह चल रही है जो ब्लाइंड केस था। मानिकपुर थाना क्षेत्र मे व्यापारी के साथ लूट का चर्चित प्रकरण था , जिसमे लोकेशन पता करने तक के सबूत लुटेरों ने नही रखे थे।

इस ब्लाइंड केस को दिल - दिमाग से उन्होंने शीघ्र ही हल कर दिया था। मध्यप्रदेश से लुटेरों के तार जुड़े थे तो इस प्रकार के खुलासे से पुलिस महकमा हो या आम जन के बीच सबका विश्वास दृढ हो जाता है।

अब पहाड़ी थाना की कमान संभालने के बाद इस क्षेत्र को अपराध मुक्त करने के लिए वह हर कदम उठाने के लिए तैयार हैं , ऐसा उन्होंने पत्रकार वार्ता मे बातचीत करते हुए संकेत दिए हैं।

पूर्व सांसद  जी भूटान से सम्मानित होकर आए चित्रकूट तो अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के जिलाध्यक्ष शिवशंकर त्रिपाठी व ब...
23/06/2024

पूर्व सांसद जी भूटान से सम्मानित होकर आए चित्रकूट तो अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के जिलाध्यक्ष शिवशंकर त्रिपाठी व बसपा लोकसभा प्रत्याशी रह चुके मयंक द्विवेदी स्वागत सम्मान करने पहुंचे।

23/06/2024

हाथी समर्थक ब्राह्मण प्रधान के लगा एससी एसटी एक्ट : ग्राम पंचायत बरगढ़ चित्रकूट के प्रधान शैलेश शुक्ला पर एससी एसटी एक्ट लगाया गया जिस पर प्रधान का बयान हो रहा वायरल कि राजनीतिक द्वेष से फंसाया जा रहा है।

अब अफसरों से न्याय की गुहार लगाई जा रही है , सबसे अधिक एससी एसटी एक्ट बसपा के शासनकाल मे लग रहे थे। केन्द्र की मोदी सरकार ने इस एक्ट को और अधिक प्रभावी बना दिया था।

जबकि ब्राह्मण समाज का और सवर्ण समाज का कहना है कि इस एक्ट से सवर्णों का उत्पीड़न लगातार हो रहा है लेकिन सवर्ण समाज की आवाज को सुनने वाला देश - प्रदेश मे ना कोई दल है और ना कोई सरकार है।

सवर्णों के विकास का ब्रेकर बने इस एक्ट के दुरूपयोग के किस्से खूब प्रचलित है।

राहुल गांधी जी....
21/06/2024

राहुल गांधी जी....

18/06/2024

ये इंडी गठबंधन वालों को 10 दिन से ज्यादा लग गये यह समझने में कि वो चुनाव हार गये हैं तब जाकर, EVM विलाप शुरू हुआ।

18/06/2024

ऑपरेशन पंचायत : पंचायत बक्टा बुजुर्ग जनपद चित्रकूट एक नजर असली पंचायत पर हर घर जल हर घर नल योजना से गांव आबाद हुए या बर्बाद

18/06/2024

ऑपरेशन पंचायत : पंचायत बक्टा बुजुर्ग जनपद चित्रकूट एक नजर असली पंचायत पर हर घर जल हर घर नल योजना से गांव आबाद हुए या बर्बाद

17/06/2024

भाजपा चित्रकूट मे गुटबाजी का संघर्ष असली भाजपा - नकली भाजपा तक आ चुका है , अब गुट दो नही तीन हो चुके हैं।

पुरूषों की गुटबाजी देख संगठन मे नारी शक्ति को जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देकर शीर्ष नेतृत्व 2027 का फार्मुला तय करने की तैयारी मे जुट चुका है।

परिवर्तन की सूरत मे नारी शक्ति ही विकल्प के रूप मे शीर्ष नेतृत्व को इसलिए भी दिख रहा है कि सपा से महिला सांसद है और भाजपा से अब 2027 तक महिलाएं ही चित्रकूट - बांदा मे नेतृत्व का विकल्प बन रही हैं।

जनपद मे संगठन स्तर पर काम कर रही समृद्ध और सबल व सफल नारी शक्ति को संगठन बड़ी जिम्मेदारी देगा......... सूत्र

15/06/2024

लखनऊ - उत्तर प्रदेश में करारी हार पर बीजेपी में तकरार

➡भाजपा में भितरघातियों पर बन रही है रिपोर्ट
➡44 सीटों पर भाजपा क्यों हारी, बन रही रिपोर्ट
➡3 स्तर पर अलग-अलग रिपोर्ट आलाकमान को भेजी जाएगी
➡ग्राउंड स्तर पर कहां चूक हुई इसका पता लगाया जा रहा
➡जिलों में भितरघात करने वालों के नाम तलाशे जा रहे
➡प्रत्याशी चयन को लेकर भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है
➡प्रत्याशी हार का ठीकरा भितरघात करने वालों पर फोड़ रहे
➡जिलों में पार्टी के नेता कह रहे,पार्टी ने गलत प्रत्याशी दिया
➡उम्मीदवार, संगठन के लोगों को बुलाकर फीडबैक लिया जा रहा
➡चर्चा है फाइनल रिपोर्ट पर दिल्ली कोई एक्शन प्लान बनाएगा
➡भितरघात करने वाले नेताओं की संख्या बहुत ज्यादा है
➡प्रदेश में पार्टी सभी नेताओं पर एक्शन नहीं ले सकती.

वह 23 साल की दिल्ली NIFT से पासआउट युवती है। एक कंपनी में एग्जीक्यूटिव है।उसकी मां टीचर और पिता इंजीनियर हैं,एक छोटी बहन...
14/06/2024

वह 23 साल की दिल्ली NIFT से पासआउट युवती है। एक कंपनी में एग्जीक्यूटिव है।उसकी मां टीचर और पिता इंजीनियर हैं,एक छोटी बहन भी है।देश की राजधानी से सटे शहर गाजियाबाद में रहती है।

वह अपना एक यू ट्यूब चैनल भी चलाती है जिसका नाम है "कुंवारी बेगम"। जिसमें गेमिंग के बहाने वह लोगों की सेक्स डिजायर भड़काती है और अपने सब्सक्राइबर बढ़ाने के लिए अश्लील विडियोज़ अपलोड करती है। शिशुओं के साथ यौन शौषण कैसे किया जाए अपनी एक वीडियो में बताती है और कल गाजियाबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर ली जाती है।

लगभग 900 लोग इस पर आपत्ति दर्ज करते हैं और लगभग 2, 2000 लाख लोग इसे सोशल मीडिया पर देख चुके हैं और विडंबना ये है कि इनके अधिकतर विवर्स की उम्र 10 से 18 के बीच की है।

ये खाली अवाक रहने, शर्मशार होने और बहस करने का विषय नहीं है,बेहद चिंता का विषय है। किस दौर में और कैसे माहौल में जी रहे हैं हम! क्या सीख रहे है बच्चे? क्या देख और समझ रहे हैं?समाज का ये कौन सा वीभत्स काल है जो विकराल रूप धारण कर रहा है?

• सैक्स टैबू सब्जेक्ट है हमारे देश में,इस पर बात करने की मनाही है। वो दीगर बात है कि अपने अपने स्तर पर हर कोई इस बारे में जानकारी हासिल करता रहता है।सोशल मीडिया तो यूं भी सर्वसुलभ साधन है अब।

सुबह से जबसे ये खबर अखबार में पढ़ी है,दिमाग सुन्न हो गया जैसे! ,रिश्तों में एकाकी पड़ते बच्चों को आधी अधूरी जानकारी,यौन जिज्ञासा,और क्षणिक आनंद किस गर्त में लेकर जा रहा है? रिश्तों का एकाकीपन मैने इसलिए कहा कि अब सबका सबसे बड़ा रिश्तेदार सोशल मीडिया ही रह गया है। जीने मरने हंसने बोलने की बातें सबकी सोशल मीडिया से ही मिलती हैं।बच्चे बड़े अपने पराए क्या कर रहे हैं? यहीं से जानकारी मिलती हैं।
• भयावह नहीं है ये??
• आइए विचार करते हैं,बात करते हैं,जीवन को बीहड़ बनने से रोकना, हम सबकी जिम्मेदारी है।
• मैं इस पर अब बात करती रहूंगी,आप भी अपने आसपास और अपनों से बात कीजिए।
• _ममता नागर

14/06/2024

1957 में नेहरू की जीत का अंतर :- 29,018 वोट

1962 में नेहरू की जीत का अंतर :- 64,571 वोट

1967 में इंदिरा गांधी की जीत का अंतर :- 91,703 वोट

1971 में इंदिरा गांधी की जीत का अंतर :- 111,810 वोट

1977 में इंदिरा गांधी की हार का अंतर :- 55,202 वोट

Operation panchayat : पहले आप्रेशन विलेज नाम रखा था लेकिन संशोधन किया है अब आप्रेशन पंचायत नाम रहेगा , इस प्रोग्राम को द...
13/06/2024

Operation panchayat : पहले आप्रेशन विलेज नाम रखा था लेकिन संशोधन किया है अब आप्रेशन पंचायत नाम रहेगा , इस प्रोग्राम को दिलचस्प भी बनाया जाएगा।

कभी गांव पर चर्चा शुरू किया था तब बीच मे काम रूक गया था। फिर एक बार गांव की ओर चल पड़े हैं , जो भी सहयोगी साथी मिलेंगे सबके साथ मिलकर टीम वर्क किया जाएगा।

मायावती का बड़ा बयान !"मुस्लिम आतंकवादी हिन्दुओ को टारगेट कर के मारते हैं।""PM मोदी आतंकवादियों को घर में घुसकर मारे, हम...
12/06/2024

मायावती का बड़ा बयान !

"मुस्लिम आतंकवादी हिन्दुओ को टारगेट कर के मारते हैं।"

"PM मोदी आतंकवादियों को घर में घुसकर मारे, हम और हमारी पार्टी आपका समर्थन करते हैं।"

"आतंकी तत्वों को ढेर करने के लिए, सरकार व सुरक्षा बलों द्वारा जो भी सख्त कदम उठाये जा रहे हैं हम उसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं।"

"जात जात यही खेल सब जगह खेल रहे हैं सेना भी नही बच रही जात वालों से 👇लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी नए आर्मी चीफ बनाए...
12/06/2024

"जात जात यही खेल सब जगह खेल रहे हैं सेना भी नही बच रही जात वालों से 👇

लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी नए आर्मी चीफ बनाए गए हैं. वे मौजूदा सेनाध्‍यक्ष जनरल मनोज सी पांडेय का स्‍थान लेंगे।

पिछले तीन थल सेना अध्यक्ष की जातियां देखिये किस जाति के है?

नए थल सेना अध्यक्ष जो बनाये जाएंगे उनकी जाति देखिये वो किस जाति के है?

यही वाला तो आरक्षण चाहिए दलित और पिछड़ो को जो बिना किसी भेदभाव के मिलता है।

और हां योग्यता का बहाना न देना , दलित और पिछड़ो में योग्यता अधिक ही होगी बस इन्हें बराबर के मौके नही मिले।

बालीवुड मे एक्ट्रेस इस्लामिक एक्टर ही क्यों पसंद करती हैं ? राय दें .......
12/06/2024

बालीवुड मे एक्ट्रेस इस्लामिक एक्टर ही क्यों पसंद करती हैं ? राय दें .......

11/06/2024

बड़ी खबर !

मोदी 3.0 ने चीन को दिया मुंहतोड़ जवाब !

भारत ने तिब्बत में 30 जगहों के नाम बदले।

यह कदम चीन द्वारा अप्रैल में अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों का नाम बदलने का सीधा जवाब है।

चीन के इस फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

साल 2017 से चीन ने अरुणाचल प्रदेश में जितने इलाकों का नाम बदला है, भारत ने इस लेटेस्ट लिस्ट में तिब्बत के उतने ही इलाकों का नाम अपने हिसाब से रखा है।

इस लिस्ट में 11 आवासीय क्षेत्र, 12 पहाड़, चार नदियां, एक झील, एक पहाड़ी दर्रा और भूमि का एक टुकड़ा शामिल है, जो चीनी अक्षरों, तिब्बती और पिनयिन में प्रस्तुत किया गया है।

11/06/2024

ग्राम पंचायत की ये समस्या भी बीजेपी की हार का कारण , मनमानी करने वाले अफसर बने हार का कारण

11/06/2024

जिसे दर्द का सृजन करना आ गया उसे जीवन जीना आ गया ...

भाजपा नेता देव त्रिपाठी की भविष्यवाणी...
09/06/2024

भाजपा नेता देव त्रिपाठी की भविष्यवाणी...

ब्राह्मण जिस दिन जुलूस निकाले थे अगर शांति से निकलते हुए शहर के व्यापारियों के हाथ जोड़ लेते तो व्यापारी जुड़ सकता था। अ...
09/06/2024

ब्राह्मण जिस दिन जुलूस निकाले थे अगर शांति से निकलते हुए शहर के व्यापारियों के हाथ जोड़ लेते तो व्यापारी जुड़ सकता था।

अगर ब्राह्मण के साथ व्यापारी जुड़ जाता तो बसपा के पक्ष मे परिणाम आ जाता लेकिन ओनली हेट पालिटिक्स के बदौलत ब्राह्मणवाद की इस राजनीति से व्यापारी और अन्य जातियाँ नही जुड़ सकीं।

बसपा की कमजोरी का एक पहलू यह भी रहा कि जिन्होंने ब्राह्मणवाद की इस राजनीति को बढ़ावा दिया वो अंत समय तक गांव गांव संपर्क करने नही निकले।

इसलिए मयंक द्विवेदी और बसपा सोशल मीडिया पर नंबर वन दिखती रही लेकिन वोट की गणित मे उतनी ही कमजोर थी।

अब भाजपा प्रत्याशी की हार को अपनी जीत बताकर संतोष कर रहे हैं और उसको ही अपने अभिमान का कारण पुनः बना रहे हैं। जबकि बसपा की जीत से ही ब्राह्मण समाज के मान सम्मान की रक्षा होनी थी , जिसे गवां चुके हैं।

इस प्रकार की जातिवाद की राजनीति विधानसभा मे तो कारगर हो जाती लेकिन लोकसभा मे ऐसा हो पाना असंभव होता है जैसे 2007 मे ब्राह्मणवाद की राजनीति का लाभ मिला और सपा से आरके सिंह पटेल कुछ पंद्रह सौ से चुनाव हार चुके थे।

चुनाव के बड़े रणनीतिकार नेता परिणाम जानते थे लेकिन एक बार फिर एक युवा ब्राह्मण प्रत्याशी का प्रयोग कर खुद के अस्तित्व को बचाने के लिए ब्राह्मण समाज की राजनीति की कब्र खोदने का काम भी किया गया है।

बसपा के मुकाबले बीजेपी मे ब्राह्मण नेतृत्व अधिक है और ब्राह्मण सम्मान भी निहित है लेकिन कुछ एक संगठन जो परोक्ष रूप से कभी सपा के लिए तो कभी बसपा के लिए काम करते हैं उन संगठनों ने लखनऊ दिल्ली मे अपने अस्तित्व के लिए स्थानीय ब्राह्मणवाद की राजनीति को धार देकर खुद के लिए बड़ा काम किया है जिसे 2027 मे कैश कराने का काम करेंगे।

इस्कॉन का एक आंदोलन याद होगा कि शांतिपूर्ण आंदोलन कर विश्व को झुका दिया था वैसे ही शांतिपूर्ण जुलूस निकलता तो व्यापारी समाज को जोड़कर बसपा चुनाव जीत सकती थी लेकिन अपनी जीत से ज्यादा बीजेपी के आरके सिंह पटेल को हराने मे दिलचस्पी थी तो कुछ युवा ब्राह्मण सहित 10 - 20 हजार वोट प्रभावित कर मतलब हल किया गया।

अभी नैतिकता ये कहती है कि मयंक द्विवेदी का पूरे 5 साल साथ देना चाहिए और जिस दलित समाज ने वोट किया है उनके संकट मे साथ खड़ा होना चाहिए उनके लिए काम करना चाहिए तब जाकर शायद सफलता मिले क्योंकि बिना सर्वसमाज को जोड़े लोकतंत्र मे सिर्फ ब्राह्मणवाद की राजनीति के सहारे ब्राह्मण कभी चुनाव तो नही जीतेगा।

भाजपा को ब्राह्मण बुजुर्ग और ब्राह्मण नारी शक्ति ने एकमुश्त वोट तो किया है इससे साफ है कि बसपा के समर्थक ब्राह्मण नेता बुरी तरह असफल हुए हैं लेकिन मास्टर प्लान सपा को जिताने मे कामयाब रहे.....

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