Suresh Sangwan Officel

Suresh Sangwan Officel Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Suresh Sangwan Officel, Video Creator, Sarangpur, Charkhi Dadri.

17/12/2024

बेटी जब शादी के मंडप से ससुराल जाती है तब पराई नहीं लगती मगर जब वह मायके आकर हाथ मुंह धोने के बाद सामने टंगे टाविल के बजाय अपने बैग से छोटे से रुमाल से मुंह पौंछती है , तब वह पराई लगती है.
जब वह रसोई के दरवाजे पर अपरिचित सी खड़ी हो जाती है , तब वह पराई लगती है.
जब वह पानी के गिलास के लिए इधर उधर आँखें घुमाती है , तब वह पराई लगती है.
जब वह पूछती है वाशिंग मशीन चलाऊँ क्या तब वह पराई लगती है.
जब टेबल पर खाना लगने के बाद भी बर्तन खोल कर नहीं देखती तब वह पराई लगती है.
जब पैसे गिनते समय अपनी नजरें चुराती है तब वह पराई लगती है.
जब बात बात पर अनावश्यक ठहाके लगाकर खुश होने का नाटक करती है तब वह पराई लगती है.....
और लौटते समय 'अब कब आएगी' के जवाब में 'देखो कब आना होता है' यह जवाब देती है, तब हमेशा के लिए पराई हो गई ऐसे लगती है.
लेकिन गाड़ी में बैठने के बाद जब वह चुपके से
अपनी आखें छुपा के सुखाने की कोशिश करती । तो वह परायापन एक झटके में बह जाता तब वो पराई सी लगती
😪
नहीं चाहिए हिस्सा भइया मेरा मायका सजाए रखना ,
कुछ ना देना मुझको
बस प्यार बनाए रखना ,
पापा के इस घर में
मेरी याद बसाए रखना ,
बच्चों के मन में मेरामान बनाए रखना ,
बेटी हूँ सदा इस घर की
ये सम्मान सजाये रखना।।....
बेटी से माँ का सफ़र (बहुत खूबसूरत पंक्तिया ,
सभी महिलाओ को समर्पित)
बेटी से माँ का सफ़र .
बेफिक्री से फिकर का सफ़र .
रोने से चुप कराने का सफ़र उत्सुकत्ता से संयम का सफ़र .
पहले जो आँचल में छुप जाया करती थी.
आज किसी को आँचल में छुपा लेती हैं|
पहले जो ऊँगली पे गरम लगने से घर को सर पे उठाया करती थी ।
आज हाथ जल जाने पर भी खाना बनाया करती हैं|
पहले जो छोटी छोटी बातों पे रो जाया करती थी.
आज बो बड़ी बड़ी बातों को मन में छुपाया करती हैं|
पहले भाई,,दोस्तों से लड़ लिया करती थी.
आज उनसे बात करने को भी तरस जाती हैं|
माँ,माँ कह कर पूरे घर में उछला करती थी.
आज माँ सुन के धीरे से मुस्कुराया करती हैं|
10 बजे उठने पर भी जल्दी उठ जाना होता था.
आज 7 बजे उठने पर भी लेट हो जाया करती हैं|
खुद के शौक पूरे करते करते ही साल गुजर जाता था.
आज खुद के लिए एक कपडा लेने को तरस जाया करती है|
पूरे दिन फ्री होके भी बिजी बताया करती थी.
अब पूरे दिन काम करके भी काम चोर कहलाया करती हैं|
एक एग्जाम के लिए पूरे साल पढ़ा करती थी.
अब हर दिन बिना तैयारी के एग्जाम दिया करती हैं|
ना जाने कब किसी की बेटी किसी की माँ बन गई.
कब बेटी से माँ के सफ़र में तब्दील हो गई .?
बेटी है तो कल है|

बहुत प्यारी होती है बेटियाँ ,
न जाने लोग बोझ क्यों समझते हैं बेटियाँ ll ❤️

पोस्ट अच्छी लगी हो तो लाईक शेयर से भर दीजिए....🙏🙏

#लक्ष्मी_कांत_पाण्डेय

03/11/2024
Jai shree shyam
11/09/2024

Jai shree shyam

26/08/2024

Address

Sarangpur
Charkhi Dadri
127026

Telephone

+9518646288

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Suresh Sangwan Officel posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Suresh Sangwan Officel:

Share

Category