24/11/2023
चक्रधरपुर :
आगामी 25 नवंबर दिन शनिवार को भगेरिया फाउंडेशन का 13वां रक्तदान शिविर आयोजित होगा ।
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इस बार रक्तदान शिविर में हम आम लोगों को आंखों के दान के लिऐ भी जागरूक एवं प्रोत्साहित करेंगे।
साथ ही साथ कुशल प्रशिक्षित आंखों के डॉक्टर द्वारा नि:शुल्क जांच शिविर एवं स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांटेशन आर्गेनाइजेशन (SOTTO) भारत सरकार की पूरी टीम की उपस्थिति में नेत्रदान के लिए आपको बहुत सारी जानकारी प्राप्त होगी।
आंखों के दान के लिए आज भी लोगो में अलग अलग भ्रांतियां एंव डर है ।
आईये जानते हैं कैसे किया जाता है आंखों दान एवं इससे जुड़ी वो सारी बातें जो आपको प्रोत्साहित करेगी की क्यों जरूरी है आंखों का दान।
अगर आप किसी को अपनी आंखें दान देते हैं तो इससे एक ही नहीं दो लोगों को रोशनी मिलती है।
आप भी नेत्रदान के बारे में काफी सुनते होंगे, लेकिन फिर भी आपके मन में कई सवाल होंगे कि आखिर किसी के मरने के बाद नेत्रदान कैसे होता है, क्या इसके लिए पूरी सर्जरी होती है या फिर पूरी आंखें निकाल लेते हैं, इसके अलावा किसी के मरने के बाद नेत्रदान के लिए घर वालों को क्या क्या करना होता है ?
जैसा कि आप सभी जानते है की मरणोपरांत आप अपने आंखो को दान दे सकते है।
डॉक्टरों का कहना है, अधिकतर मामलों में कोई भी नेत्रदान कर सकता है, इसमें ब्लड ग्रुप, आंखों के रंग, आई साइट, साइज, उम्र, लिंग आदि से कोई फर्क नहीं पड़ता है,
डोनर की उम्र, लिंग, ब्लड ग्रुप को कॉर्नियल टीश्यू लेने वाले व्यक्ति से मैच करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है,
यहां तक कि डायबिटीज, अस्थमा के मरीज भी आंखें दान कर सकते हैं, इसके अलावा हाइपरटेंशन या नॉन कम्यूनिकेबल बीमारी का सामना कर रहे मरीज भी आंखें दे सकते हैं।
हालांकि, जिन लोगों की मृत्यु कम्यूनिकेबल बीमारी, एड्स, रेबिज, हेपेटाइटिस बी या सी, टिटनेस आदि से हुई है तो उन मरीजों की आंखें दान में नहीं दी जा सकती है।
यहां एक बात ध्यान देने की है की किसी की मृत्यु के बाद जब तक आई बैंक से डॉक्टर की टीम न पहुंचे तब तक कुछ बातें उनके परिवारवालों को ध्यान रखनी चाहिए,
आंखें मृत्यु के 4 से 6 घंटे के बीच निकाल लेनी चाहिए और इसके लिए नजदीकी आई बैंक से संपर्क कर लेना चाहिए।
आंखे किसी ट्रेंड मेडिकल प्रोफेशनल की ओर से निकाली जा सकती है और इसकी प्रक्रिया परिस्थिति के अनुरूप घर या हॉस्पिटल दोनों में हो सकती है।
यहां एक बात बताना जरूरी है की मृतक नेत्रदाता की पूरी आई बॉल नहीं निकाली जाती है, जिससे कोई विकृति नहीं होती है, सिर्फ कॉर्नियल टीश्यू को ही निकाला जाता है,
इसलिए इसमें घबराने या डरने की आवश्यकता नहीं है, इस पूरे प्रोसेस में सिर्फ 10 से 15 मिनट का टाइम लगता है,
मृतक के घर वालों को मृतक की आंखों पर रुई लगा देनी चाहिए, साथ ही मृतक के सिर को 6 इंच तक ऊंचा कर देना चाहिए ताकि आंख से खून ना निकले ।
सिर को साफ पॉलीथीन और बर्फ से कवर कर देना चाहिए,
इसके अलावा जब तक कोई मेडिकल सुविधा घर नहीं पहुंचती है तब तक आंखों में एंटीबायोटिक ड्रॉप डाल देनी चाहिए और पंखें को बंद कर देना चाहिए, साथ ही ध्यान रखना चाहिए तब तक आंखें संक्रमित ना हो।
मृत्यु के बाद कोई भी फैमिली मेंबर आई बैंक में संपर्क कर नेत्रदान की सूचना और डिटेल दे सकता है, वो आपके यहां मेडिकल प्रोफेशनल्स की टीम भेजें ताकि कम्यूनिकेबल बीमारी की जांच के लिए ब्लड लेंगे और एक इंजेक्शन के बाद आंखे निकालने की प्रोसेस करेंगे।
इसके लिए आईबैंक की ओर से एक बेसिक फॉर्म भरवाया जाता है, इसके लिए कोई खास दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती है, यह एक साधारण और फास्ट प्रोसेस प्रक्रिया है,
ब्लड बैंक ये कोशिश करता है की जल्द से जल्द डॉक्टर निर्धारित गंतव्य तक पहुंचकर सारी प्रक्रिया पूर्ण करे।
इससे अंतिम संस्कार की व्यवस्था में कोई देरी नहीं होती है, और न ही मृतक के आंखों में कोई विकृति आती है।
दरअसल, आपके द्वारा दिया गया नेत्रदान आमतौर पर चार दिनों के अंदर, उन आंखों का इस्तेमाल कर लिया जाता है।
आई डोनर बनने की प्रक्रिया काफी सरल है, आई डोनर बनने के लिए अपने नजदीकी आईबैंक या नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांटेशन आर्गेनाइजेशन (NOTTO) भारत सरकार के वेबसाइट में ऑनलाइन रेसिस्ट्रेशन कर सकते है।
यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसमे फॉर्म के माध्यम से प्रतिज्ञा लेनी होती है,की आप नेत्रदान के लिऐ परिवारक परामर्श के पश्चात नेत्रदान के लिए उत्सुक है।
इन सारी प्रक्रिया के बाद आपको ( NOTTO) भारत सरकार द्वारा नेत्रदान प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा।
बस, इतनी ही प्रक्रिया को पूर्ण कर आप एक सजग संजीदा नेत्रदाता बन जाएंगे।
याद रखें ,किसी को भी आंखों की रोशनी देना एक अमूल्य उपहार है।
चिंतन कीजिएगा, आपके एक छोटी सी पहल से उन लाखों लोगों को इस खूबसूरत दुनियां को देखने निहारने का अवसर मिलेगा।
अगर आपके मन में कोई भी जिज्ञासा है तो आप हमारे कैंप में आये या हमसे संपर्क करें।
संपर्क
मनोज भगेरिया
9934396150
👁️ धन्यवाद 👁️
भगेरिया फाउंडेशन
चक्रधरपुर