07/01/2023
हिन्दू महाकाव्य ‘महाभारत’ में यादव ओर आभीर शब्द का लगातार उल्लेख हुआ है। जहाँ यादव को चद्रवंशी क्षत्रिय बताया गया है वहीँ आभीरों का उल्लेख शूद्रों के साथ किया गया है। पौराणिक ग्रन्थ ‘विष्णु पुराण’, हरिवंश पुराण’ ओर ‘पदम् पुराण’ में यदुवंश का विस्तार से वर्णन किया गया है।
कुछ इतिहासकारों और कट्टर जातकों के अनुसार भगवान कृष्ण को यादव अहीर जाति का वंशज माना जाता है, लेकिन इस बात का प्रमाण किसी के पास उपलब्ध नहीं है। यादव जाति हिंदू एवं सिख धर्म में विभाजित है, इस जाति के लोग मुख्यतः भारत एवं नेपाल में पाए जाते हैं। भारत में इनकी संख्या काफी बड़ी मात्रा में पाई जाती है, जो कि मुख्यत: उत्तर भारत, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, तमिलनाडु आदि राज्यों में पाए जाते हैं।
यादव वंश प्रमुख रूप से आभीर, अंधक, वृष्णि तथा सात्वत नामक समुदायो से मिलकर बना था, जो कि भगवान कृष्ण के उपासक थे। यह लोग प्राचीन भारतीय साहित्य मे यदुवंश के एक प्रमुख अंग के रूप मे वर्णित है। प्राचीन, मध्यकालीन व आधुनिक भारत की कई जातियाँ तथा राज वंश स्वयं को यदु का वंशज बताते है और यादव नाम से जाने जाते है।
यादव जाति को क्षत्रिय समुदाय में गिना जाता है, इतिहास की दृष्टि से इस जाति के लोगों का दबदबा रहा है। अहीर जाति की बहादुरी और वीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि जब 1962 में भारत और चीन का युद्ध हुआ था, उस युद्ध के दौरान 13 कुमाऊँ रेजीमेंट को अहीर कंपनी के द्वारा रेजंगल का मोर्चा संभालने का दायित्व दिया गया था।
यादव' शब्द अनेकों पारंपरिक उपजातियों के समूह से बना है, जैसे कि ' हिन्दी भाषी क्षेत्र' के 'अहीर', महाराष्ट्र के 'गवली', आंध्र प्रदेश व कर्नाटक के 'गोल्ला', तथा तमिलनाडू के 'कोनार' तथा केरल के 'मनियार'। हिन्दी भाषी क्षेत्रों में अहीर,ग्वाला तथा यादव शब्द प्रायः एक दूसरे के पर्याय माने जाते हैं। कुछ वर्तमान राजपूत वंश भी स्वयं के यादव होने का दावा करते हैं। तथा वर्तमान यादव भी स्वयं को क्षत्रिय मानते है। यादव मुख्यतः यदुवंशी, नंदवंशी व ग्वालवंशी उपजातीय नामों से जाने जाते है। यादव समुदाय के अंतर्गत 20 से भी अधिक उपजातियाँ सम्मिलित हैं। वे प्रमुखतः ऋषि गोत्र अत्री से है तथा अहीर उपजातियों में अनेकों कुल गोत्र है जिनके आधार पर सगोत्रीय विवाह वर्जित है।
In the Hindu epic 'Mahabharata' there is a constant mention of the word Yadav and Aabhir. While Yadav is described as a Chadravanshi Kshatriya, Abhiras are mentioned along with the Shudras. Yaduvansh is described in detail in the mythological texts' Vishnu Purana ', Harivansh Purana' and 'Padam Purana'.
According to some historians and hardcore Jatakas, Lord Krishna is considered to be a descendant of the Yadav Ahir caste, but no proof is available. The Yadav caste is divided into Hindu and Sikhism, people of this caste are mainly found in India and Nepal. Their numbers are found in large quantities in India, which are mainly found in the states of North India, Haryana, Rajasthan, Madhya Pradesh, Uttarakhand, Bihar, Tamil Nadu etc.
The Yadav dynasty consisted primarily of communities called the Aabhiras, Andhakas, Vrishnis and Satvatas, who were worshipers of Lord Krishna. These people are described in ancient Indian literature as a major part of the Yaduvansh. Many castes and rajas of ancient, medieval and modern India claim themselves as descendants of Yadu and are known as Yadavas.
The Yadav caste is counted among the Kshatriya community, in terms of history, the people of this caste have been dominant. The bravery and valor of the Ahir caste can be gauged from the fact that during the war of India and China in 1962, during that war, 13 Kumaon Regiment was given the responsibility of taking control of the Regnal by the Ahir Company.
The valor and valor displayed by the Ahir soldiers during this front was amazing and unimaginable. The might and sacrifice of the Yadav soldiers is remembered by the people till date, in view of their sacrifice, the battle point memorial was named "Ahir Dham". In present times too, people of bigotry tend to be found in large quantities in the Yadav caste. The behavior and routine of this caste resembles those of the Gurjars and Jat community.
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The word 'Yadav' is derived from a group of many traditional sub-castes, such as 'Ahir' from 'Hindi-speaking region', 'Gawli' from Maharashtra, 'Golla' from Andhra Pradesh and Karnataka, and 'Konar' from Tamil Nadu and 'Maniyar' from Kerala. '. In Hindi speaking areas, the words Ahir, Gwala and Yadav are often synonymous with each other. Some current Rajput clans also claim to be Yadavs of their own. And the present Yadavs also consider themselves as Kshatriyas. Yadavs are mainly known by sub-caste names like Yaduvanshi, Nandavanshi and Gwalvanshi.