रहस्यमयी हिन्दी उपन्यास एवं कथाये

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ये 🧌है मुक्ति कोठरी भारत की सबसे डरावनी जगह, इतिहास जानने के बाद खड़े हो जाएंगे आपके रोंगटे☠️🧟देवभूमि नाम से विख्यात उत्...
16/03/2024

ये 🧌है मुक्ति कोठरी भारत की सबसे डरावनी जगह, इतिहास जानने के बाद खड़े हो जाएंगे आपके रोंगटे☠️🧟

देवभूमि नाम से विख्यात उत्तराखंड में आपको कई पवित्र स्थान देखने को मिलेंगे। हर साल यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। वहीं दूसरी तरफ इस पवित्र भूमि पर भारत की सबसे डरावनी जगह भी स्थित है। ये स्थान चंपावत जिले के लोहाघाट में है। यहीं पर मुक्ति कोठरी नाम से एक हॉन्टेड बंगला है, जिसके आस पास के इलाके को भारत के सबसे हॉरर जगहों में शुमार किया जाता है।

आस पास रहने वाले लोगों की मानें तो अक्सर यहां से कई अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती हैं। इसी वजह से कोई भी स्थानीय व्यक्ति मुक्ति कोठरी के नजदीक जाने की हिम्मत नहीं करता। पिछले कुछ सालों के दौरान इस जगह पर कई रहस्यमय घटनाएं हुई हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं लोहाघाट में स्थित मुक्ति कोठरी के बारे में, जिसे भारत की सबसे डरावनी जगह के तौर पर जाना जाता है।

मुक्ति कोठरी का इतिहास जानने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। आपको बता दें कि शुरुआती दौर में इस बंगले में एक ब्रिटिश फैमिली रहा करती थी। बाद में उस ब्रिटिश परिवार ने इस बंगले को हॉस्पिटल बनाने के लिए दान कर दिया।बंगलाहॉस्पिटल बनने के बाद काफी लोकप्रिय हुआ। कई लोग यहां पर अपना इलाज करवाने के लिए आया करते थे। अचानक एक नए डॉक्टर के आते ही सब कुछ बदल गया। ये डॉक्टर मरीजों को देखने के बाद उनकी मृत्यु से पहले इस बात का दावा कर देता कि वह कब मरने वाले हैं।

गौरतलब बात है कि मरीज की मृत्यु भी उसी दिन और उसी ही समय होती, जिसके बारे में डॉक्टर ने भविष्यवाणी की थी। स्थानीय लोगों की मानें तो डॉक्टर उन मरीजों को एक गुप्त कमरे (मुक्ति कोठरी) में ले जाकर मारता था, ताकि उसकी भविष्यवाणी गलत साबित ना हो। तभी से ये कहा जाता है कि जिन मरीजों की हत्या उस डॉक्टर ने अपनी भविष्यवाणी सही करने के लिए की थी। उनकी आत्माएं आज भी मुक्ति कोठरी में भटक रही हैं। इसी वजह से आज भी कोई व्यक्ति उस जगह के आस पास जाने की हिम्मत नहीं करता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक अक्सर यहां पर कई रहस्यमय घटनाएं होती हैं।🧟‍♀️🧟‍♂️🧟🧌🧞🧟‍♀️

🏤🏪भारत के सबसे भूतिया होटल, जानें क्या हैं इनके पीछे छुपी कहानियां!!🕍🏠आपके आसपास ऐसी कई जगहें होंगी जो कभी आबाद हुआ करती...
14/01/2024

🏤🏪भारत के सबसे भूतिया होटल, जानें क्या हैं इनके पीछे छुपी कहानियां!!🕍🏠

आपके आसपास ऐसी कई जगहें होंगी जो कभी आबाद हुआ करती थीं। मगर किसी एक घटना के बाद उस जगह पर सब कुछ बदल जाता है, लोग अचानक उस जगह को छोड़ने पर मजबूर होते हैं। लोगों के पलायन के पीछे कई अजीब घटनाओं का होना होता है। भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जो इन्हीं रहस्यों से भरी हुई हैं। इनमें भारत के कई होटल शामिल हैं, जो अपने यहां होने वाली अजीब चीजों के कारण जाने जाते हैं। अगर आप एडवेंचरस हैं, तो एक बार इन होटलों को देखने जरूर जाएं।

आज के आर्टिकल में हम आपको भारत के ऐसे होटलों के बारे में बताएंगे, जो अपने भूतिया किस्सों के लिए बहुत मशहूर हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर कौन से होटल हैं इस लिस्ट में शामिल।

बृजभवन पैलेस-🏣

यह पैलेस भारत के पुराने होटलों में से एक है, ब्रिटिश राज के दौरान इसमें ब्रिटेन के अफसर मेजर बर्टन रहा करते थे। जब 1857 में आजादी के लिए विद्रोह हुआ तो उसमें अफसर और उनके परिवार के लोगों की लाश पैलेस के हॉल में मिली, जिसके बाद से इस पैलेस को बंद कर दिया गया। साल 1980 में दोबारा इस पैलेस को खोला गया और होटल की शुरुआत की गई, जिसके बाद यहां आने वाले सैलानियों ने अजीब-अजीब घटनाओं को महसूस किया। इतना ही नहीं कोटा की महारानी ने भी यहां किसी ऊपरी साए के होने की बात कही है।

मॉर्गन हाउस:-🏚️

यह एक लॉज है, जो कालिम्पोंग के बीचों बीच स्थित है। इस लॉज को मॉर्गन हाउस के नाम से जाना जाता है, जिसे साल 1930 में जॉर्ज मॉर्गन ने बतौर टूरिस्ट लॉज बनवाया था। माना जाता है कि कई साल पहले वहां पर रहने वाली लेडी मॉर्गन की अचानक मृत्यु हो गई, जिसके बाद उनके परिवार वालों ने वो जगह छोड़ दी। कई सालों बाद इस हाउस को सरकारी गेस्ट हाउस के रूप में खोला गया। यहां पर आए सैलानियों ने यहां पर लेडी मॉर्गन की आत्मा को देखने का दावा किया। सैलानियों ने उस जगह पर किसी के चलने और बात करने की आवाजों को महसूस किया है।

ताज होटल मुंबई-

मुंबई में स्थित ताज होटल को भला कौन नहीं जानता, मगर यह जानकर आपको हैरानी होगी कि भारत का सबसे जाना माना होटल भी कई भूतिया गतिविधियों का शिकार हुआ है। इसके पीछे की कहानी सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे, माना जाता है कि इस होटल का ब्लूप्रिंट तैयार करने वाले आर्किटेक्ट डब्लूए चैंबर्स इंग्लैंड गए थे। जब वो वापस भारत आए तो उन्होंने ताज को बिल्कुल उल्टी दिशा में बना हुआ देखा, जिसके बाद उन्होंने होटल में ही अपनी जान दे दी। आज भी कई लोगों ने इस जगह पर किसी आत्मा के घूमने का अनुभव किया है।

तो यह थी भारत के भूतिया होटलों की अजीबोगरीब कहानियां। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी दिलचस्प जगहों के बारे में जानने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

कौन हैं अष्टचिरंजीवी ? कहानी उन लोगों की जो हमेशा जीवित रहेंगे, कोई वरदान तो कोई शाप के कारण कभी मरेगा नहीं, ग्रंथों के ...
12/01/2024

कौन हैं अष्टचिरंजीवी ? कहानी उन लोगों की जो हमेशा जीवित रहेंगे, कोई वरदान तो कोई शाप के कारण कभी मरेगा नहीं, ग्रंथों के ऐसे पात्र जो अमर हैं आज भी!!!सिर्फ इनके नाम लेने से ही हो जाती है मनुष्य की उम्र लंबी ।।

अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनूमांश्च विभीषण:।

कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥

सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।

जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।

इस श्लोक की शुरू की दो पंक्तियों का अर्थ यह है कि अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और परशुराम ये सात चिरंजीवी हैं। इसके बाद अगली पंक्तियों का अर्थ यह है कि इन सात के साथ ही मार्कडेंय ऋषि के नाम का जाप करने से व्यक्ति निरोगी रहता है और लंबी आयु प्राप्त करता है।

आइये जानते है कौन है ग्रंथो के ऐसे पात्र जो जीवित् है आज भी :-

1)अश्वत्थामा: महाभारत के अनुसार गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र का नाम अश्वथामा था। द्वापर युग में हुए युद्ध में अश्वत्थामा ने कौरवों की ओर से युद्ध किया था। उस समय अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया था। वह इसे वापस नहीं ले सका। इस वजह से श्रीकृष्ण ने उसे पृथ्वी पर भटकते रहने का शाप दिया था।

2)राजा बलि: राजा बलि भक्त प्रहलाद के वंशज हैं। भगवान विष्णु के अवतार वामनदेव को अपना सबकुछ दान कर किया था। इनकी दानशीलता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने इनके द्वारपाल बन गए थे।

3)वेद व्यास: वेद व्यास चारों वेद ऋग्वेद, अथर्ववेद, सामवेद और यजुर्वेद का संपादन किया था। इनका पूरा नाम कृष्ण द्वैपायन है। इन्होंने 18 पुराणों की भी रचना की है। वेद व्यास, ऋषि पाराशर और सत्यवती के पुत्र थे।

4)हनुमान: त्रेता युग में अंजनी और केसरी के पुत्र के रूप में हनुमानजी का जन्म हुआ था। हनुमानजी माता सीता की खोज में लंका तक पहुंच गए। देवी सीता को श्रीराम का संदेश दिया था, इससे प्रसन्न होकर सीता ने इन्हें अजर-अमर रहने का वर दिया।

5)विभीषण:-रामायण केसबसे चर्चित पात्र विभीषण को भी चिरंजीवी माना गया है। विभीषण ने धर्म-अधर्म के युद्ध में धर्म का साथ दिया। विभीषण ने रावण को बहुत समझाया था कि वह श्रीराम से बैर न करें, लेकिन रावण नहीं माना। रावण के वध के बाद श्रीराम ने विभीषण को लंका सौंप दी थी।

6)कृपाचार्य: महाभारत में कौरव और पांडवों के गुरु कृपाचार्य बताए हैं। वे परम तपस्वी ऋषि हैं। अपने तप के बल इन्हें भी चिरंजीवी माना गया है।

7)ऋषि मार्कंडेय:-जिन्होंने भगवान शिव की घोर तपस्या रा करके चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त किया था.

8)परशुराम:-भगवान परशुराम जी को विष्णु का अवतार माना जाता है वह एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने इस पृथ्वी को 21 बार लड़कर क्षत्रिय रहित किया था कहा जाता है कि वह भी चिरंजीव है यानी अमर है!

गाहे बगाहे आपको इनमेसे किसी ना किसी एक कि कहनिया और उनके उपस्थिति के प्रमाणक भी समाचार पत्रो एवम न्यूज़ चैनल में देखने को मिल जते ही होंगे इनके अतिरिक्त आल्हा और उदल के बारे में भी उनके उनकी उपस्थिति और होने की कहनिया भी सुनी जा सकती है । असलियत कोई नही जानता क्योकि कहनिया रहस्यमयी होती है जब आप उन्हें जान नही पाते इसलिए पढ़ते रहिये ।। रहस्यमयी हिन्दी उपन्यास एवं कथाये और अपनी राय कमेंट करे!! नई कहानियो और के अनसुलझे रहस्यो को जानेने के लिए इस पेज को सब्सक्राइब करें।।

*सर्बियन डांसिंग लेडी* ।।वो भूतिया औरत जो सड़कों पर करती है डांस, देखने वालों की हो जाती है मौत! क्या है यह अनसुलझा रहस्...
12/01/2024

*सर्बियन डांसिंग लेडी* ।।वो भूतिया औरत जो सड़कों पर करती है डांस, देखने वालों की हो जाती है मौत! क्या है यह अनसुलझा रहस्य।।

आज कल आप ने यूट्यूब और इंस्टाग्राम में कई ऐसे वीडियो देखी होगी जिसमें लड़के और लड़कियां अंधरे में अकेले सुनसान सड़क पर डांस करते हाइवे और सड़कों में दिखाई देती है l जिन्हें लोग सर्बियन डांसिंग महिला कहते है इस तरह के वीडियो को कुछ सालों से सड़कों पर देखा जा रहा है. वो रात के अंधेरे में अकेले नाचते-गाते नजर आती है. सोशल मीडिया पर तो अब उसके वीडियोज भी वायरल होने लगे हैं।

दुनिया में कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब लोग ढूंढने की कोशिश तो करते हैं पर खोज नहीं पाते. इन दिनों सर्बिया में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है जो सभी के रोंगटे खड़े कर रहा है. यहां एक महिला अचानक ही चर्चा में आ गई है जो भूत बनकर सड़कों पर घूम रही है. ऐसे में ये बताना पाना मुश्किल है कि वो कोई प्रैंक कर रही है या फिर असल में वो कोई नकारात्मक शक्ति है! महिला का वीडियो (Dancing Lady video) जब से सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हुआ है, तब से लोगों ने उसे ‘Serbian Dancing Lady’ का नाम दे दिया है. आखिर उसका रहस्य है क्या? चलिए हम आपको बताते हैं।

कुछ रिपोर्ट्स और फिजी फैक्ट्स टीवी इंस्टाग्राम अकाउंट के मुताबिक सर्बियन डांसिंग महिला (Serbian dancing woman viral video) को सबसे पहले साल 2009 में सड़कों पर देखा गया था. पर कई रिपोर्ट्स का दावा है कि उसे 1998 से सड़कों पर देखा जा रहा है. फिजी फैक्ट्स टीवी इंस्टाग्राम अकाउंट पर बताया गया कि 2009 में दिखने के बाद वो दोबारा नहीं नजर आई. उस वक्त मीडिया ने उसे कवर नहीं किया क्योंकि उन्हें लगा कि ये कोई खबर नहीं है. कोई सनकी महिला लोगों को सिर्फ डराने के लिए ऐसा कर रही होगी. पर साल 2018 में जब उसे फिर से देखा गया, तब सबके होश उड़ गए. न्यूज चैनलों ने उसे फिर नहीं कवर किया पर तब तक सोशल मीडिया पर तेजी से वो वायरल होने लगी. टिकटॉक पर उसका वीडियो वायरल हुआ. अब साल 2023 में वो दोबारा देखी गई है।

सड़कों पर नाचते दिखाई देती है महिला
सबसे ज्यादा डरावनी बात ये है कि महिला सड़क पर अकेले, रात के अंधेरे में नाचती है. उसके डांस स्टेप भी हमेशा एक तरह के होते हैं. अगर कोई उसे डांस करते हुए देखने लगेगा या उसका वीडियो बना लेगा तो वो उसके ऊपर हमला कर देती है. कथित तौर पर उसे देखने वाले दो लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ लोग उसका वीडियो बनाकर वहां से भाग निकलने में कामयाब हुए हैं. लोगों को हिदायत दी जा रही है कि अगर ऐसी महिला से सामना हो, तो लोग वहां खड़े होकर उसे नाचते हुए ना देखें, बस दूसरे रास्ते से वहां से चले जाएं, उसे परेशान ना करें।

पुरानी कहानी से जुड़े हैं महिला के तार
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी खबरें सोशल मीडिया पर आ रही थीं कि उस महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, पर इस खबर पर काफी विवाद है. अभी ये तय नहीं है कि उसे गिरफ्तार किया गया है या नहीं. रिपोर्ट में बताया गया कि ये एक अफवाह है जो एक पुरानी कहानी से जुड़ी है. माना जाता है कि सैकड़ों सालों पहले सर्बिया के एक गांव में एक युवती रहती थी, जिसे दूसरे गांव के शख्स से प्यार हो गया. पर उसके माता-पिता इस रिश्ते के लिए नहीं माने तो उसने अपनी जान दे दी और अब उसी का भूत सड़कों पर दुखभरे गीत गाते और नाचते हुए घूमता है. उसे देखने वालों के साथ बहुत बुरा होता है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. उसके जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, वो सर्बिया के बेलब्रेग में शूट किए बताए जा रहे हैं.

एक ऐसा रहस्यमय गांव, जहां हर साल हजारों पक्षी करने आते हैं खुदकुशी!!!🐦‍⬛🐦‍⬛पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य असम ढेर सारी खा...
08/01/2024

एक ऐसा रहस्यमय गांव, जहां हर साल हजारों पक्षी करने आते हैं खुदकुशी!!!🐦‍⬛🐦‍⬛

पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य असम ढेर सारी खासियतों वाले इस राज्य की कई बातें काफी रहस्यमय भी हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि असम में एक ऐसी जगह है, जहां हजारों पक्षी आत्महत्या कर लेते हैं।

दरअसल, असम के दिमा हासो जिले की पहाड़ी में स्थित जतिंगा घाटी पक्षियों का सुसाइड पॉइंट के तौर पर काफी मशहूर है। हर साल सितंबर महीने में जतिंगा गांव पक्षियों की आत्महत्या के कारण सुर्खियों में आ जाता है। इस जगह पर ना केवल स्थानीय पक्षी बल्कि प्रवासी पक्षी भी पहुंच कर सुसाइड कर लेते हैं। इस वजह से जतिंगा गांव काफी रहस्यमय माना जाता है। आत्महत्या करने की प्रवृत्ति, तो इंसानों में आम है, लेकिन पक्षियों के मामले में ये बात एकदम अलग हो जाती है। जतिंगा गांव में पक्षी तेजी से उड़ते हुए किसी इमारत या पेड़ से टकरा जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। ऐसा इक्का-दुक्का नहीं, बल्कि हजारों पक्षियों के साथ होता है। सबसे अजीब बात, तो ये है कि ये पक्षी शाम 7 से रात 10 बजे के बीच ही ऐसा करते हैं, जबकि आम मौसम में इन पक्षियों की प्रवृति दिन में ही बाहर निकलने की होती है और रात में वे घोंसले में लौट जाते हैं।

आत्महत्या की इस दौड़ में स्थानीय और प्रवासी चिड़ियों की करीब 40 प्रजाति शामिल हैं। प्राकृतिक कारणों से जतिंगा गांव नौ महीने बाहरी दुनिया से अलग-थलग ही रहता है। इतना ही नहीं जतिंगा घाटी में रात में प्रवेश करना प्रतिबंधित है। पक्षी विशेषज्ञों का मानना है कि चुंबकीय ताकत इस रहस्यमय घटना की वजह है।

नम और कोहरे-भरे मौसम में हवाएं तेजी से बहती हैं, तो रात के अंधेरे में पक्षी रोशनी के आसपास उड़ने लगते हैं। रोशनी कम होने के कारण उन्हें साफ दिखाई नहीं देता है, जिसके कारण वे किसी इमारत या पेड़ या वाहनों से टकरा जाते हैं। ऐसे में जतिंगा गांव में शाम के समयगाड़ियां चलाने पर मनाही हो गई ताकि रोशनी न हो। हालांकि, इसके बावजूद भी पक्षियों की मौत का क्रम जारी रहा।

जतिंगा गांव के लोग इसके पीछे रहस्यमय ताकत का हाथ मानते हैं। गांव के लोगों का ऐसा कहना है कि हवाओं में कोई पारलौकिक ताकत आ जाती है, जो पक्षियों से ऐसा करवाती है। उनका ये भी मानना है कि इस दौरान इंसानी आबादी का भी बाहर आना खतरनाक हो सकता है। सितंबर-अक्तूबर के दौरान जतिंगा की सड़कें शाम के समय एकदम सुनसान हो जाती हैं।

कथित तौर पर पक्षियों की आत्महत्या का सिलसिला साल 1910 से ही चला आ रहा है, लेकिन बाहरी दुनिया को ये बात 1957 में पता चली। साल 1957 में पक्षी विज्ञानी E.P. Gee किसी काम से जतिंगा आए हुए थे। इस दौरान उन्होंने खुद इस घटना को देखा और इसका जिक्र अपनी किताब 'द वाइल्डलाइफ ऑफ इंडिया' में किया। देश-विदेश के कई वैज्ञानिक इस घटना पर रिसर्च कर चुके हैं, लेकिन अभी तक सही वजह का पता नहीं चल पाया है।🧌

कौन🐦‍⬛ है काकभुशुंडी, 🦅जानिये उनका का समय यात्रा रहस्य....lअध्‍यात्म रामायण : सर्वप्रथम श्रीराम की कथा भगवान श्री शंकर न...
22/12/2023

कौन🐦‍⬛ है काकभुशुंडी, 🦅जानिये उनका का समय यात्रा रहस्य....l

अध्‍यात्म रामायण :

सर्वप्रथम श्रीराम की कथा भगवान श्री शंकर ने माता पार्वतीजी को सुनाई थी। उस कथा को एक कौवे ने भी सुन लिया। उसी कौवे का पुनर्जन्म कागभुशुण्डि के रूप में हुआ। काकभुशुण्डि को पूर्व जन्म में भगवान शंकर के मुख से सुनी वह रामकथा पूरी की पूरी याद थी। उन्होंने यह कथा अपने शिष्यों को सुनाई। इस प्रकार रामकथा का प्रचार-प्रसार हुआ। भगवान शंकर के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा 'अध्यात्म रामायण' के नाम से विख्यात है।

काकभुशुण्डि : लोमश ऋषि के शाप के चलते काकभुशुण्डि कौवा बन गए थे। लोमश ऋषि ने शाप से मु‍क्त होने के लिए उन्हें राम मंत्र और इच्छामृत्यु का वरदान दिया। कौवे के रूप में ही उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन व्यतीत किया। वाल्मीकि से पहले ही काकभुशुण्डि ने रामायण गिद्धराज गरूड़ को सुना दी थी।

लोमश ऋषि परम तपस्वी तथा विद्वान थे। इन्हें पुराणों में अमर माना गया है। हिन्दू महाकाव्य महाभारत के अनुसार ये पाण्डवों के ज्येष्ठ भ्राता युधिष्ठिर के साथ तीर्थयात्रा पर गए थे और उन्हें सब तीर्थों का वृत्तान्त बतलाया था। लोमश ऋषि बड़े-बड़े रोमों या रोओं वाले थे। इन्होंने भगवान शिव से यह वरदान पाया था कि एक कल्प के बाद मेरा एक रोम गिरे और इस प्रकार जब मेरे शरीर के सारे के सारे रोम गिर जाऐं, तब मेरी मृत्यु हो।

जब रावण के पुत्र मेघनाथ ने श्रीराम से युद्ध करते हुए श्रीराम को नागपाश से बांध दिया था, तब देवर्षि नारद के कहने पर गिद्धराज गरूड़ ने नागपाश के समस्त नागों को खाकर श्रीराम को नागपाश के बंधन से मुक्त कर दिया था। भगवान राम के इस तरह नागपाश में बंध जाने पर श्रीराम के भगवान होने पर गरूड़ को संदेह हो गया। गरूड़ का संदेह दूर करने के लिए देवर्षि नारद उन्हें ब्रह्माजी के पास भेज देते हैं। ब्रह्माजी उनको शंकरजी के पास भेज देते हैं। भगवान शंकर ने भी गरूड़ को उनका संदेह मिटाने के लिए काकभुशुण्डिजी के पास भेज दिया। अंत में काकभुशुण्डिजी ने राम के चरित्र की पवित्र कथा सुनाकर गरूड़ के संदेह को दूर किया।

वैदिक साहित्य के बाद जो रामकथाएं लिखी गईं, उनमें वाल्मीकि रामायण सर्वोपरि है। वाल्मीकि श्रीराम के समकालीन थे और उन्होंने रामायण तब लिखी, जब रावण-वध के बाद राम का राज्याभिषेक हो चुका था। एक दिन वे वन में ऋषि भारद्वाज के साथ घूम रहे थे और उन्होंने एक व्याघ द्वारा क्रौंच पक्षी को मारे जाने की हृदयविदारक घटना देखी और तभी उनके मन से एक श्लोक फूट पड़ा। बस यहीं से इस कथा को लिखने की प्रेरणा मिली।

यह इसी कल्प की कथा है और यही प्रामाणिक है। वाल्मीकिजी ने राम से संबंधित घटनाचक्र को अपने जीवनकाल में स्वयं देखा या सुना था इसलिए उनकी रामायण सत्य के काफी निकट है, लेकिन उनकी रामायण के सिर्फ 6 ही कांड थे। उत्तरकांड को बौद्धकाल में जोड़ा गया। उत्तरकांड क्यों नहीं लिखा वाल्मीकि ने? या उत्तरकांड क्यों जोड़ा गया, यह सवाल अभी भी खोजा जाता है।

अद्भुत रामायण संस्कृत भाषा में रचित 27 सर्गों का काव्य-विशेष है। कहा जाता है कि इस ग्रंथ के प्रणेता भी वाल्मीकि थे। किंतु शोधकर्ताओं के अनुसार इसकी भाषा और रचना से लगता है कि किसी बहुत परवर्ती कवि ने इसका प्रणयन किया है अर्थात अब यह वाल्मीकि कृत नहीं रही। तो क्या वाल्मीकि यह चाहते थे कि मेरी रामायण में विवादित विषय न हो, क्योंकि वे श्रीराम को एक मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में ही स्थापित करना चाहते थे?

काकभुशुण्डि के बारे में दिलचस्प कहानी :-

वह भगवान शिव का एक उत्साही भक्त था और भगवान विष्णु को घृणा की दृष्टि से देखता था, भले ही उसके गुरु ने उसकी मानसिकता को बदलने की बहुत कोशिश की। एक बार काकभुशुण्डि ने भगवान शिव की पूजा करते समय अपने गुरु को सम्मान देने से इनकार कर दिया। इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्हें हजारों वर्षों तक सर्प के रूप में जीवित रहने का श्राप मिला (गुरु का हिंदू धर्म में सर्वोच्च स्थान है)। गुरु ने भगवान शिव से उनके श्राप को कम करने की प्रार्थना की। भगवान ने अपने श्राप को हल्का करते हुए कहा कि काकभुशुण्डि कौवे के रूप में हजार जन्म लेने के बाद राम के भक्त बन जायेंगे (कागा का संस्कृत में अर्थ कौआ है)। साथ ही इस 1000 जन्मों में वह जन्म और मृत्यु के कष्ट से भी बच जायेगा। भगवान शिव ने उन्हें यह भी आशीर्वाद दिया कि उनकी स्मृति अक्षुण्ण रहेगी ताकि वे अपनी पिछली जन्म की भक्ति को भविष्य के जन्मों में ले सकें।

श्राप के अनुसार, 1000 जीवन चक्र पूरे करने के बाद, काकभुशुण्डि एक ब्राह्मण के रूप में पैदा हुए और बड़े होकर एक ऋषि और भगवान राम के अनुयायी बन गए। लोमश ऋषि का प्रवचन सुनते समय वे उनके विचारों से असहमत हो गए और इससे ऋषि क्रोधित हो गए और उन्होंने काकभुशुण्डि को फिर से कौवा बनने का श्राप दे दिया। श्राप को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हुए कौए रूपी ऋषि ने अपना मन श्रीराम पर केंद्रित करके उड़ान भरी।

जब भगवान शिव को पता चला कि उनके भक्त काकभुशुण्डि को एक और श्राप मिला है, तो उन्होंने ऋषि से इसे सुधारने के लिए कहा। काकभुशुण्डि की विनम्रता से आश्चर्यचकित होकर ऋषि लोमश ने श्राप पर पश्चाताप करते हुए उन्हें वापस बुलाया।

भगवान शिव ने शाप, श्री राम का मंत्र और ध्यान की विधि प्रदान की। उन्होंने संपूर्ण रामचरित्रमानस का पाठ भी किया और उन्हें सदैव भगवान राम की भक्ति का आशीर्वाद दिया। काकभुशुण्डि बहुत प्रसन्न हुए। वह चला गया और सृष्टि के सत्ताईस चक्रों तक जीवित रहा। उन्हें अमरता का वरदान प्राप्त था, वे कौवे के रूप में जीवित रहे क्योंकि उन्हें भगवान राम के निकट रहने का अवसर मिलता। जब भी, भगवान राम का जन्म होता है, वह अयोध्या जाते हैं और भगवान राम को एक बच्चे के रूप में बड़े होते और खेलते हुए देखते हैं।

भगवान शिव ने उसे काल से दूर रहने का भी वरदान दिया। उन्हें समय यात्रा करने की क्षमता भी प्राप्त थी ताकि वे रामायण की कहानी को फिर से बना सकें। इसी क्षमता के कारण काकभुशुण्डि ग्यारह बार रामायण और सोलह बार महाभारत को अलग-अलग परिणामों के साथ देख पाए।

काकभुशुण्डि समय यात्रा:-🚀

वेदों और पुराणों के अनुसार काकभुशुण्डि ने 11 रामायण और 16 महाभारत देखी हैं। वह कल्प के अंत तक अपने शाश्वत स्वरूप में जीवित रहेगा। भगवान राम ने ही काकभुशुण्डि को अमर बनाया था। कौए के रूप में अपने एक जन्म के दौरान काकभुशुण्डि की मुलाकात बालक राम से हुई। प्रभु खेल रहा था और उसने उसे पकड़ने की कोशिश की। समय आने पर काकभुशुण्डि को भगवान के मुख के दर्शन हुए। अपने मुख में आकाशगंगाओं और ब्रह्मांड को देखने के बाद, काकभुशुण्डि ने भगवान राम से दूर उड़ना बंद कर दिया और उनके पास लौट आए। काकभुशुण्डि ने जगत्नाथ, भगवान राम को न पहचानने के लिए क्षमा मांगी। भगवान ने उन्हें दिव्य मुस्कान दी और काकभुशुण्डि से उनकी इच्छा पूछी। काकभुशुण्डि ने कहा कि वह भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति हमेशा-हमेशा के लिए अदा करना चाहते हैं। काकभुशुण्डि के प्रेम और समर्पण से प्रसन्न होकर भगवान राम ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि काल (समय) काकभुशुण्डि को नहीं मार सकता और वह इस कल्प के अंत तक जीवित रहेंगे। संत द्वारा प्राप्त शाश्वत आनंद को “काकभुशुण्डि समय यात्रा” (time travel) 🚀🛸कहा जाता है।

यह पूरी कहानी कई लोगों को अतार्किक लगेगी. हालाँकि, इस प्रकरण का दिलचस्प बिंदु यह है कि भले ही यह तर्कहीन लगता है, एक ही समय में समय यात्रा और कई ब्रह्मांडों के अस्तित्व की संभावना की कल्पना कर सकता है।🚀

'वो' रात में आता है, बेड तक पहुंच जाता है...पकड़ने दौड़ें तो हो जाता है गायब; पहरा देने वाले बोले- श्मसान में घुसते दिखा...
19/12/2023

'वो' रात में आता है, बेड तक पहुंच जाता है...पकड़ने दौड़ें तो हो जाता है गायब; पहरा देने वाले बोले- श्मसान में घुसते दिखा”

🧌आधी रात के बाद एक शख्स सफेद धोती-कुर्ता पहने और सिर पर लोहे के जाल का हेलमेट लगाकर नंगे पांव गांव में घुसता है. फिर घर में सो रही महिलाओं की कमर पर वार करता है. घर के पुरुषों ने उसका पीछा किया. लेकिन श्मसान की झाड़ियों में कहां गायब हो गया? पता ही नहीं चला!!

अंबाला के दुखेड़ी गांव में इन दिनों दहशत का माहौल बना हुआ है. आधी रात के बाद एक शख्स सफेद धोती-कुर्ता पहने और सिर पर लोहे के जाल का हेलमेट लगा नंगे पांव गांव में घुसता है और घर में सो रही महिलाओं पर वार करता है. यह हरकत करने से पहले शख्स मंदिर और खेड़े में दिया जलाकर पूजा करता है और फिर लोगों के घरों में घुसकर महिलाओं पर वार करता है. साथ ही लोगों की आंखों के सामने ही गायब हो जाता है. गांव में दहशत फैलाने वाले इस शख्स की तस्वीर चौक-चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई. फिलहाल पूरे गांव में डर का माहौल है. ग्रामीणों ने अब पहरा लगाना शुरू कर दिया है.

गांव के ही जगदीश सिंह ने बताया कि उसका घर गांव के कॉर्नर पर है और उसने घर के पास बने श्मशान घाट में उस व्यक्ति को घुसते देखा. ग्रामीणों ने उसका पीछा किया. लेकिन श्मसान की झाड़ियों में कहां गायब हो गया? पता ही नहीं चला. इससे गांववाले काफी चिंतित हैं. हमलावर 🧌शख्स किसी के पकड़ में नहीं आ रहा. (True incidence Also in news Ref by Aaj Tak news 📰 07 Nov 2023)

बिहार की 5 🧟‍♀️🧌🧟🧛🧟‍♂️सबसे हॉन्टेड जगहें, यहाँ दिन में भी जाने से डरते हैं लोग!!!बिहार एक ऐतिहासिक जगह है, जो की अपनी सं...
01/12/2023

बिहार की 5 🧟‍♀️🧌🧟🧛🧟‍♂️सबसे हॉन्टेड जगहें, यहाँ दिन में भी जाने से डरते हैं लोग!!!

बिहार एक ऐतिहासिक जगह है, जो की अपनी संस्कृति और भाषा के लिए जाना जाता है। इस सबके अलावा बिहार भूतिया घटनाओं के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। बिहार में कुछ ऐसी जगहें है जहां दिन में भी जाना आपको भारी पड़ सकता है। चलिए जानते हैं बिहार की 5 सबसे हॉन्टेड जगहों के बारे में।

1. सिवान का कब्रिस्तान (Siwan’s Cemetery)🧟🧛🏻‍♂️

बिहार के सिवान जिले में एक कब्रिस्तान है। इस कब्रिस्तान को सबसे हॉन्टेड जगहों में से एक माना जाता है। यहाँ के लोगों का कहना है कि शाम के समय इस कब्रिस्तान के आसपास कोई नहीं जाता है। इस कब्रिस्तान से जुड़ी और भी कई अजीबो गरीब कहानियां भी है। आस-पास के लोगों का कहना है कि रात में यहां पर कई आवाजें सुनाई देती हैं।

2. मधुबनी का तालाब (Madhubani pond)🧜🏻‍♀️

मधुबनी अपनी पेंटिंग के लिए बहुत फेमस है। मधुबनी अपनी पेंटिंग के अलावा एक तालाब को लेकर भी बहुत फेमस है। यहाँ लोग बताते हैं कि कई साल पहले मधुबनी तालाब में लोगों से भरी एक नाव पलट गई थी। जिसमें लगभग 50 लोग सवार थे, इसमें सभी 50 लोग मारे गए। इस घटना के बाद से तालाब में दोबारा कभी नाव नहीं चलाई गई।

3. पटना- औरंगाबाद रोड (🧟‍♀️Patna- Aurangabad Road)

पटना और औरंगाबाद को जोड़ने वाली सड़क पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस सड़क को बिहार की सबसे हॉन्टेड जगहों में से एक माना जाता है। यहाँ के लोगों का कहना है कि यहां पर देर रात आत्माएं भटकती हैं।

4. पटना का भूत बंगला (Patna’s Ghost Bungalow)🧟‍♂️

बिहार की राजधानी पटना में एक पुराना बंगला है जहां पर कई हांटेड घटनाएं हो चुकी है। जिसके कारण इसे पटना का भूत बंगला कहा जाता है। यह बंगला लोहिया नगर में स्थित है। इसको लेकर लोगों का कहना है कि इस बंगले में प्रेत आत्माओं का कब्जा है।

5. जालान संग्रहालय (Jalan Museum)🧌

जालान संग्रहालय भी बिहार के सबसे हॉन्टेड जगहों में से एक है। जालान संग्रहालय को किले घर के नाम से भी जाना जाता है। लोगों का कहना है कि जालान संग्रहालय में केयरटेकर की आत्मा भटकती है। इस संग्रहालय में आने वाले कई लोगों ने आत्मा को देखा भी है।

इन कहानियों में कितनी सच्चाई है इसका दावा नहीं किया जा सकता है। उम्मेद करते हैं कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी।😈😵‍💫👻

Kundanbag ..इस घर में ऐसा क्या हुआ था जो आज भी मिस्ट्री बनी हुई है??यह घटना 2002 की है जहाँ निजाम का शहर हैदराबाद के कुं...
01/12/2023

Kundanbag ..इस घर में ऐसा क्या हुआ था जो आज भी मिस्ट्री बनी हुई है??

यह घटना 2002 की है जहाँ निजाम का शहर हैदराबाद के कुंदन बाग इलाके (Kundanbagh Haunted House) में एक घटना घटी, जो कि उस समय की बहुत ही चर्चित घटना थी और आज भी यह मिस्ट्री बनी हुई है।

कहानी शुरू होती है एक चोर से तो वो चोर एक दिन चोरी करने के लिए निकला हुआ था। घूमते-घूमते रेकी करते-करते एक घर पर उसकी नजर पड़ी जो कि बिल्कुल खाली पड़ा हुआ था। उसे लगा कि ये घर खाली पड़ा हुआ है बढ़िया मौका है और चोर ने सोच आज इस घर पर हाथ साफ कर लेते हैं। अब वो दीवार कूद कर घर के अंदर पहुँचा, घर के अंदर बिल्कुल लाइट नहीं थी। चोर अपनी टॉर्च जला कर घर के अंदर धीरे-धीरे इंटर किया घर के अंदर बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ था और देखकर ऐसा लग रहा था कि इस घर को कई दिनों से साफ नहीं किया गया है। वो पूरे घर में इधर-उधर टॉर्च जालक देख रहा था इसी बीच उसको हॉल में सीढ़ी दिखा और वो सीढ़ी से ऊपर की तरफ चला गया जहाँ और भी कई कमरे बने हुए थे।

अब चोर इधर-उधर टॉर्च जला कर देखने लगा तभी उसकी नजर एक कमरे में गई उस कमरे मे जा कर उसने अपनी टॉर्च चारों तरफ घुमाई, जैसे उसकी टौर्च की रौशनी रूम में रखे बेड पर पड़ी .. चोर के हाथ से टॉर्च छूट गया और जोर-जोर से कापने लगा ऐसा लग रहा था कि काटो तो खून नहीं आखिर उसने बेड पर ऐसा क्या देख लिया।

उस बेड पर 3 खून से सनी डेड बॉडी पड़ी हुई थी। यह देखकर चोर उल्टे पैर बहुत तेजी से घर से बाहर भागा, घर का दीवार कूद कर कुछ दूर भगने के बाद वह रूका और काफी बुरी तरीके से हाफ रहा था, ऐसा सीन देखकर चोर की हालत एकदम खराब हो गई थी। वह थोड़ी देर रूका और सोचा क्या करू, किसी को बताऊ या न बताऊ, उसने सोच पुलिस को बता देता हूँ, लेकिन फिर सोच कि आखिर एक चोर पुलिस को क्यूँ फोन करेगा। इसी बीच उसके मन में पता नहीं क्या आया उसने अपना फोन निकाल और पुलिस को कॉल कर के बात दिया कि एक घर में 3 खून से सनी डेड बॉडीस पड़ी हुई है।

चोर फोन कर के निकाल गया, अब पुलिस उस घर पर पहुंची और घर का गेट खोला गया तो सच में वहाँ 3 खून से सनी डेड बॉडी पड़ी हुई थी। पुलिस अब उस तीनों डेड बॉडीस को घर से निकला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अब इस घटना को ले कर पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। उसी रात के अगले दिन पुलिस उस घर में आ कर छान-बिन शुरू किया और आस पास के घरों में पूछ-ताछ शुरू किया।

इसी बीच अगले दिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आता है और ये बात पुलिस को पता चलता है कि ये जो डेड बॉडीस है इनकी मौत अभी नहीं बल्कि 5 या 6 महीने पहले ही हो चुकी है। अब ये खबर जब मुहल्ले में फैली तो लोगों का दिमाग खराब होना शुरू हो गया। उस मुहल्ले के लोगों ने तरह-तरह की बातें बनाना शुरू कर दिया था।

ऐसा क्या हुआ था उस घर में इसके लिए थोड़ा पहले चलना होगा, आस-पड़ोस का कहना है कि उस घर में 4 लोग रहा करते थें, पति-पत्नी और उनके 2 बच्चे, कुछ दिन बाद पति उस घर को अचानक छोड़ कर चल गया। अब उस घर में बच गयें बस तीन लोग। आस -पड़ोस के लोगों का कहना था कि वो जो औरत थी वो दिमागी तौर से बीमार थी। समय बीतने के साथ-साथ उस औरत की बीमारी बढ़ती गई, तो पति उनको छोड़ कर चला गया।

इसके कुछ दिन बाद तीनों बड़ी अजीब हरकतें करना शुरू कर दिया। लोग बताते थें कि उनके घर से जोर-जोर से चीखने की आवाज़े आती थी। कई लोगों ने यह भी देखा कि उसकी छोटी बेटी जिसकी उम्र करीब 12 साल की थी वो खून से भरी बोतल से खेला करती थी। कुछ लोगों का यह भी कहना था कि वो औरत एक थैला ले कर घर के आस-पास दिखती थीं और उस थैले से खून टपकता रहता था। अब जब यें बात वहाँ के लोगों को पता चला कि इन लोगों के मरे 6 महीने बीत चुके हैं तो लोग काफी हैरान थें। आस-पास के लोग तो उनलोगों को कल भी देखे थें और उन्हें पड़ोसी हर रोज देखा करते थें। यें तीनों बड़ी अजीब-अजीब से हरकते किया करते थें इसलिए पड़ोसी भी इनसे बात नहीं करते थें।

अब यें सारी बातें जानकार पुलिस भी हैरान थी। उनके लिए इस केस को सुलझा पाना एक मिस्ट्री बन गई। पुलिस ने इस केस को कई ऐंगल से जाँच किया, लेकिन उन्हे कुछ पता नहीं चल पाया उन्होंने यह भी जाँच किया कि क्या पता इन लोगों ने आत्महत्या किया हो या फिर उस औरत के पति ने मार दिया हो, लेकिन पुलिस के सवालों के जबाब आज तक नहीं मिल पाया। पुलिस ने हमेशा के लिए उस घर को लॉक कर दिया और केस को भी बंद कर दिया।

आज भी ऐसे कई लड़के है जो यूट्यूब विडिओ बनाने के लिए Kundanbagh Haunted House जाते हैं, और रात में रूकते भी है लेकिन हर बार तो नहीं कभी-कभी उस घर के आस-पास या उस घर में कुछ ऐसी घटना हो जाती जिससे आस-पास रहने वाले लोग काफी डर जाते हैं। जैसे: जब से उस घर से डेड बॉडीस बरामद हुई थी तब से इस घर को हाउन्टेड मन कर लोकल बिजली बिभाग ने इस घर बिजली कनेक्शन काट दिया था, फिर भी रात को कभी-कभी घर के फर्स्ट फ्लोर पर लोगों को एक बल्ब जलते दिखता है। ऐसे ही कई घटना है जो Kundanbagh House को और Haunted बनती है।

अगर बाली इंडोनेशिया जाने का पलान बना रहे हो तो इन 07 जगहों पर जाना मत भूलना🪶यदि आप एक भटकती हुई आत्मा हैं ☠️जो एक स्वर्ग...
18/03/2023

अगर बाली इंडोनेशिया जाने का पलान बना रहे हो तो इन 07 जगहों पर जाना मत भूलना🪶

यदि आप एक भटकती हुई आत्मा हैं ☠️जो एक स्वर्गीय गंतव्य पर भयानक अनुभव की तलाश में हैं, तो कुछ ही समय में बाली की यात्रा करें। बाली द्वीप इंडोनेशिया के प्रांत में पाया जाने वाला एक जादुई गांव है। यह विरासत स्थलों, समृद्ध संस्कृतियों, स्वादिष्ट व्यंजनों और विद्युतीय नाइटलाइफ़ के मंत्रमुग्ध संयोजन के रूप में प्रसिद्ध है। दुनिया भर से यात्री अपने विशाल कारणों को लेकर आश्चर्यजनक रूप से प्रभावित द्वीप पर आते हैं।सभी के बीच, कारकों में से एक भूत के डर का अस्तित्व है, जिसे वादा किए गए देश में छोड़ दिया गया है। खोई हुई आत्माओं को देखने के क्रम में, अपने यात्रा के साथियों के साथ इंडोनेशिया के एक रोमांचक भ्रमण की योजना बनाने से पहले बाली में इन शीर्ष चुनिंदा प्रेतवाधित स्थानों की जाँच करनी चाहिए।

बाली में शीर्ष 7 प्रेतवाधित स्थान
हालांकि बाली द्वीप अपने शानदार समुद्र तटों, शांत स्मारकों, अद्भुत मंदिरों और हरे-भरे जंगलों के जीवंत गांवों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन भूतिया स्थलों की ऐसी कोई कमी नहीं है। बाली में सबसे आश्चर्यजनक शीर्ष प्रेतवाधित स्थानों में से कुछ इस प्रकार हैं:

1. पुरा गोवा लवाहा

पुरा गोवा लवाहा व्यापक रूप से इंडोनेशिया के क्लुंगकुंग और करंगसेम रीजेंसी के बीच पेसिंगघन गांव में आश्चर्यजनक रूप से निर्मित सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। स्थानीय लोगों के अनुसार, पर्यटकों के आकर्षण को आमतौर पर 'बैट केव' के नाम से जाना जाता है।

मंदिर के प्रवेश द्वार में दो ऊँचे बरगद के पेड़ हैं जो अंदर गठरी मंडप की ओर जाते हैं। परिसर के भीतर एक तीर्थस्थल है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह पौराणिक ड्रैगन नागा बासुकी के अद्भुत मोनोग्राम का निवास करता है जो ब्रह्मांड को संतुलित करता है। जबकि बैकपैकर आकर्षक जगह पर पूजा करते हैं, वे अक्सर गुफा के अंदर से निकलने वाली प्राकृतिक उच्च पिच की आवाजें सुनते हैं।

2. तमन पर्व बालि
तमन महोत्सव बाली

तमन महोत्सव बाली इंडोनेशियाई द्वीप पर सनूर के डरावना शहर में स्थित बाली में सबसे प्रेतवाधित स्थानों में से एक है। यह एक परित्यक्त मनोरंजन थीम पार्क है, जो पडांग गलाक के मंत्रमुग्ध कर देने वाले समुद्र तट पर पाया जाता है। जैसा कि बाली के स्थानीय लोगों ने कहा है, तीर्थ स्थल खोई हुई आत्माओं का निवास है।

संपत्ति में ऊबड़-खाबड़ प्रवेश द्वार, खाली कैफेटेरिया, और पतित संरचनाएं शामिल हैं, जो इसे दिन के उजाले में भी एक अत्यंत विकराल रूप देती हैं। यदि आप पर्याप्त बहादुर हैं, तो घने पत्ते और पेट्रीफाइंग लताओं के माध्यम से चलें, सजावटी पत्थर की नक्काशी को निहारें।

3. घोस्ट पैलेस होटल
घोस्ट पैलेस होटल,

द घोस्ट पैलेस होटल बाली के केंद्रीय हाइलैंड्स पर बेदुगुल के क्षेत्र में स्थित है। यह एक परित्यक्त और भयानक पहाड़ी रिज़ॉर्ट है जो आसानी से ट्रॉटर्स द्वारा शानदार आकर्षणों, विशेष रूप से बेराटन झील और उलुन दानू मंदिर के रास्ते में देखा जाता है।

19वीं सदी की शुरुआत में, पीआई बेदुगुल तमन रेक्रीसी होटल और रिज़ॉर्ट शांत भूमि पर आश्चर्यजनक रूप से निर्मित होने के लिए प्रसिद्ध है। 20 से अधिक वर्षों के लिए परित्यक्त होने के बाद, यह बाली, इंडोनेशिया में लोकप्रिय भूत महलों में से एक माना जाता था। इसके अलावा, दिन के उजाले में डरावनी जगह की खोज करने की अत्यधिक सलाह दी जाती है। यह कुटा बाली में सबसे प्रेतवाधित स्थानों में से एक है ।

4. लॉस्ट प्लेन, साउथ कुटा
स्टॉप सनसेट

बाली में प्रेतवाधित स्थानों की सूची में जोड़ा गया एक और छिपा हुआ डरावना गंतव्य लॉस्ट प्लेन है। यह आमतौर पर बाईपास न्गुराह राय के साथ-साथ शानदार जगह विशेष रूप से नुसु दुआ की आकर्षक यात्रा पर पाया जाता है।

जैसा कि अफवाहों से पता चलता है, मालिक ने इसे एक भव्य रेस्तरां में बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह काफी हद तक विफल रहा। इस प्रकार, परित्यक्त विमान बस हरे-भरे यार्ड पर बैठता है, द्वीप तक जुड़ जाता है। यह व्यापक रूप से हर साल बड़ी संख्या में गंतव्य से गुजरने वाले सैनिकों द्वारा देखे जाने के लिए जाना जाता है।

5. गाला गाला अंडरग्राउंड हाउस
गाला गाला अंडरग्राउंड हाउस

यदि आप नुसा लेम्बवोंगन की खोज कर रहे हैं, तो भयानक गाला गाला अंडरग्राउंड हाउस की ओर चलें। जैसा कि इतिहास विकसित होता है, प्राचीन गुफा के अंदर कोरवों से छिपे हुए पांडवों से प्रेरित होकर, मेड ब्यासा ने लेम्बोंगन गांव में अविश्वसनीय गुफा परियोजना का नेतृत्व किया।

भुतहा घर बंजर भूमि पर एक छेद में 7 मीटर से अधिक गहरे निर्माण के लिए जाना जाता है। जो कोई भी आश्चर्यजनक जगह पर जाता है वह निश्चित रूप से एक रसोईघर, रहने का कमरा और सोने के क्वार्टर वाले परिसर से चकित हो जाता है। बाली के लिए एक बहुत ही उत्तम पलायन पर, 19 वीं शताब्दी की शुरुआत में बने डरावना भूमिगत घर को देखने से न चूकें।

6. बेंगकला गांव
बाली में बेंगकला

बाली में सबसे प्रेतवाधित स्थानों में से एक होने के नाते, बेंगकला गाँव इंडोनेशियाई द्वीप पर कुबुन्तमब्राहन जिले में स्थित है। यह आमतौर पर बाली के लोगों के बीच 'बहरे छल्ले के गांव' के रूप में जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही पता चला है, यहाँ रहने वाली 2% से अधिक आबादी सात पीढ़ियों से 'कोलोक' नाम के जन्म से बहरी है।

विकलांगता के बावजूद, ग्रामीण अपने बधिर भगवान में महान विश्वास से प्राप्त एक अद्वितीय सामाजिक संकेत प्रणाली का पालन करते हैं। नृत्य, संगीत और मार्शल आर्ट जैसे उनके सांस्कृतिक प्रदर्शनों का आनंद लिया जा सकता है। यह बाली में असली प्रेतवाधित स्थानों में से एक है ।

7. पेम्यूटरन अंडरवाटर टेम्पल

Pemuteran पानी के नीचे मंदिरअनुकूलित उद्धरण प्राप्त करें
यदि आप उन लोगों में से हैं जो पानी के भूतों के शौकीन हैं, तो पेम्यूटरन अंडरवाटर टेंपल आपके लिए खोज करने के लिए एक आदर्श स्थान है। अपने यात्रा साथी के साथ पेमूतरन गांव के तटीय ज्वार से फ़िरोज़ा पानी में गोता लगाने का आनंद लें।

जैसा कि शोधकर्ताओं द्वारा जाना जाता है, अद्भुत हिंदू मंदिर का निर्माण पर्यावरण संरक्षण परियोजना के रूप में समुद्री वन्यजीवों के बीच किया गया है। भले ही यह जगह अत्यधिक सुंदरता को बनाए रखती है, लेकिन पानी के नीचे की साइट में खराब दृश्यता के कारण स्थानीय गोताखोर और ट्रॉटर अक्सर वहां आने से बचते हैं।

तो क्या आप डरने के लिए तैयार हैं?

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