ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ और 1653 में पूरा हुआ। इसकी लागत उस समय के लगभग 32 करोड़ रुपये थी।
ताजमहल को बनाने में लगभग 22,000 श्रमिकों ने काम किया।
ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया है, जो भारत के दक्षिण में स्थित राजस्थान राज्य से लाया गया था।
ताजमहल के चारों ओर चार मीनारें हैं, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाती हैं।
ताजमहल को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
* शरीर पर लगाए जाने वाले सुगंधित टैल्कम पाउडर 'टैल्क' नामक पत्थर से बनाया जाता है। यह सबसे मुलायम खनिज है। इसमें बाद में सुगंधि मिला दी जाती है।
* शरीर पर लगाए जाने वाले सुगंधित टैल्कम पाउडर 'टैल्क' नामक पत्थर से बनाया जाता है। यह सबसे मुलायम खनिज है। इसमें बाद में सुगंधि मिला दी जाती है।
तितलियां पैरों से स्वाद लेती हैं।
रॉकेट सीधा ही ऊपर जाता है🚀🚀
किसी भी विमान को ऊपर उठने के लिए धक्के की जरूरत पड़ती है। एरोप्लेन, पक्षी और उड़ने वाले कीट के पंखों से जब हवा टकराता है, तो इस हवा को पंखों से पीछे धकेलकर, वे ऊपर उठते हैं। रॉकेट में पंख नहीं होते हैं, इसलिए उन्हें ऊपर उठने के लिए जरूरी धक्का इसके इंजन से ही मिलता है। प्लेन ज्यादा भारी होता है और उसे ऊपर उठने के लिए हवा को बहुत तेज गति से पीछे छोड़ना पड़ता है, इसलिए वह पहले रनवे पर कुछ दूर चलकर पंखों से हवा को ठेलने जितना बल प्राप्त करता है। रॉकेट को जमीन पर दौड़ाने और फिर आसमान में धक्का देने के बजाय उसे सीधे हवा में उठा देने का काम इंजन आसानी से कर पाता है। रॉकेट और एरोप्लेन दोनों एक ही सिद्धांत पर काम करते हैं। दोनों गैसें पीछे छोड़ते हैं और उससे उन्हें आगे जाने का धक्का मिलता है।
।।। लोहे की गेंद पानी में डूब जाती है, लेकिन जहाज नहीं डूबता।।। ऐसा क्यों........
भौतिकशास्त्री आर्किमिडीज के सिद्धांत के अनुसार जब किसी वस्तु को द्रव्य में पूर्ण रूप या आंशिक रूप से डुबाया जाता है, तो वह हल्की हो जाती है। यानी आभासी रूप से उसके भार में कमी आ जाती है और यह आभासी भार में कमी वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव्य के बराबर होती है। लोहे की छोटी सी गेंद पानी में डूब जाती है, क्योंकि उसके द्वारा हटाए गए जल का भार उस गेंद के भार से कम होता है। इसी तरह जहाज पानी में इसलिए नहीं डूबता, क्योंकि उसके द्वारा हटाए गए जल का भार उसके भार के बराबर होता है।।