Bhopal Ijtema Info

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Bhopal Ijtema Info This page is created for sharing information and news related to Annual event Bhopal Ijtema.

The Bhopal Ijtema is a significant religious gathering held annually in Bhopal, India, bringing together Muslims from various parts of the country and beyond. Ijtema, an Arabic word meaning "gathering" or "assembly," is a congregation that focuses on spiritual and religious activities, fostering a sense of unity and brotherhood among the participants. Organized by the Tablighi Jamaat, a global Isl

amic missionary organization, the Bhopal Ijtema serves as a platform for Muslims to strengthen their faith, engage in collective prayers, and receive guidance from esteemed scholars. The event typically spans over three days, during which attendees participate in various religious discourses, lectures, and prayers. It provides a unique opportunity for individuals to reflect on their spiritual journey, seek knowledge, and deepen their connection with Allah. One of the central themes of the Bhopal Ijtema is the promotion of peace, tolerance, and harmony. It emphasizes the importance of community service, moral conduct, and adherence to Islamic principles in everyday life. The event attracts a diverse crowd, transcending geographical and cultural boundaries, as Muslims from different backgrounds converge to share a common spiritual experience. The Bhopal Ijtema not only serves as a religious gathering but also plays a crucial role in fostering a sense of belonging and solidarity among the Muslim community. It highlights the values of compassion, humility, and mutual respect, promoting an atmosphere of understanding and cooperation. The event's impact extends beyond the confines of Bhopal, influencing the lives of participants and contributing to the broader narrative of Islamic spirituality and unity.

हम अपने मेहमान को दुश्मन के हवाले नहीं करते - अंग्रेज़ों की क़ैद से 1910 में विनायक दामोदर सावरकर भाग कर फ़्रांस चले गए,...
24/06/2025

हम अपने मेहमान को दुश्मन के हवाले नहीं करते -

अंग्रेज़ों की क़ैद से 1910 में विनायक दामोदर सावरकर भाग कर फ़्रांस चले गए, तब अंग्रेज़ों ने उन्हें फ़्रांस में घुस कर गिरफ़्तार कर लिया। और मानवाधिकार और ना जाने किन किन चीज़ की दुहाई देने वाला फ़्रांस हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा और सावरकर को अंग्रेज़ों से बचा नहीं पाया।

वहीं इसी दौर में सूफ़ी अम्बा प्रसाद और सरदार अजीत सिंह अंग्रेज़ों का ज़ुल्म सहते हुए ईरान पहुँचे तब अंग्रेज़ों ने इन दोनों के सर पर दो दो हज़ार का इनाम रख दिया और ईरान की हुकूमत से इन्हें अंग्रेज़ों को लौटाने की माँग की, पर सालारूल दौला ने यह कर साफ़ साफ़ इंकार कर दिया, कि वो अपने मेहमान को किसी दूसरों के हवाले नहीं करते हैं। यहाँ तक की अंग्रेज़ों ने रूस के साथ ईरान पर हमला भी कर दिया।

अमेरिका का सरेंडर:-ईरान को "Unconditional Surrender" कहने वाले अमेरिका ने ईरान के सामने 2 हफ्तों के लिए सरेंडर कर दिया ह...
20/06/2025

अमेरिका का सरेंडर:-

ईरान को "Unconditional Surrender" कहने वाले अमेरिका ने ईरान के सामने 2 हफ्तों के लिए सरेंडर कर दिया है और व्हाइट हाऊस की प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका "इज़राइल - ईरान" युद्ध में शामिल होगा या नहीं इसका फैसला दो हफ्ते में होगा।

एक सेकेंड में 50 किमी की रफ्तार से मार करने वाली अत्याधुनिक फतेह-1 जैसी मिसाइलों के दौर में अमेरिका 14 दिन अर्थात 3,024,000 सेकेंड में फैसला लेगा कि वह क्या करेगा।

दरअसल हकीकत यह है कि ईरान के तेवर से अमेरिका डर गया है ,आयरन डोम , डेविड स्प्रिंग, पेट्रियाट, एरो और थाड जैसे अमेरिकी ऐयर डिफेंस सिस्टम के रहते लगता था कि इज़राइल पर कोई एक कंकड़ नहीं मार सकता मगर ईरान ने उसे ध्वस्त करके जिस तरह इज़राइल पर हमला किया उससे अमेरिका को लगा कि वह इस युद्ध में कूदा तो मिडिल ईस्ट के देशों में मौजूद उसके सैन्य ठिकाने पर ईरान हमला कर देगा और अमेरिका सबसे अधिक डरता है अपने सैनिकों के मारे जाने से।

वैसे भी ईरान अपने मिसाइलों को इज़राइल पर मारता है तो ईराक और सीरिया होते हुए यह सभी मिसाइलें आती हैं, और यहां अमेरिकी अड्डे उसे मारने का असफल प्रयास करते हैं।

दरअसल अमेरिका मिडिल ईस्ट में मौजूद अपने जिस सैन्य अड्डे के बल पर सब देशों पर हुकूमत करता है ईरान ने उन सैन्य अड्डों के कारण ही अमेरिका को दबाव में ला दिया।

ध्यान दीजिए कि अमेरिका के सीरिया में सैन्य अड्डे पर 2000 सैनिक, ईराक में 2500, कुवैत में 13500 , जार्डन में 4500 , सऊदी अरब में 2700 , कतर में 10000 , और UAE में 3500 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। अमेरिका ने ईरान पर हमला किया तो ईरान के तेवर ऐसे हैं कि वह इनपर मिसाइल दाग देगा।

ईरान अब इन 14 दिन में उसके पास जितनी शक्ति है उसका प्रदर्शन करके संभव हो तो वह विस्फोट कर दे जिसे रोकने की दुनिया कोशिश कर रही है और इज़राइल को गाज़ा बना दें , सांप का फन कुचलना बहुत ज़रूरी होता है नहीं तो वह उठ कर फिर काटेगा।

और मिडिल ईस्ट के देश ईरान से नसीहत लें और गुलामी ही करना है तो ईरान की करें।

History Hour

Ma sha Allah May Iran live peacefully and isra. El washout from this earth.
15/06/2025

Ma sha Allah

May Iran live peacefully and isra. El washout from this earth.

Eid mubarak doston
07/06/2025

Eid mubarak doston

21/04/2025

तारीखें तय, सजेगी रूहानी महफिल, 14 से 17 नवंबर को होगा आलमी तब्लीगी इज्तिमा आयोजन

खान आशु
भोपाल। दुनिया के सबसे बड़े मजहबी समागम में शामिल भोपाल का आलमी तब्लीगी इज्तिमा इस बार नवंबर माह में आयोजित होगा। दिल्ली मरकज ने इसके लिए 14 से 17 नवंबर की तारीख तय कर दी है। आलमी तब्लीगी इज्तिमा का यह 78वां साल होगा।
वर्ष 1947 में महज 13 लोगों की जमावट के साथ शुरू हुआ आलमी तब्लीगी इज्तिमा अपने 78वें साल में पहुंच गया है। मस्जिद शकूर खां, ताजुल मसाजिद से होते हुए इस मजहबी समागम ने अब ईंटखेड़ी में अपनी रूहानियत का मुकाम बनाया है। देश दुनिया की जमातों की मौजूदगी वाले इस इज्तिमा में चार दिन बयान और तकरीर का दौर चलता है। शासन-प्रशासन के सहयोग के साथ बड़ी तादाद में वालेंटियर्स की मेहनत से तैयार होने वाला इस्तीमागाह हर बार एक नई तहरीर और नया सबक देकर जाता है। पिछले सालों में यहां 12 लाख से ज्यादा जमातियों के जुटने का रिकॉर्ड रहा है। हर साल बढ़ती तादाद के लिहाज से इस बार इस आयोजन में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
आलमी तब्लीगी इज्तिमा कमेटी के मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉ. मोहम्मद उमर खान ने बताया कि 78वें इज्तिमा आयोजन के लिए भी शासन, प्रशासन और वॉलेंटियर्स की मदद से बेहतर तैयारियां कर यादगार आयोजन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
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Bhopal riyasat nawab Hafiz hamidullah kha sahab
07/03/2025

Bhopal riyasat nawab Hafiz hamidullah kha sahab

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू।मोहतरम हज़रात!हमारे लिए बड़ी ख़ुशी और मसर्रत की बात है कि जमाअत ए इस्लामी हिंद ...
14/02/2025

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू।
मोहतरम हज़रात!
हमारे लिए बड़ी ख़ुशी और मसर्रत की बात है कि जमाअत ए इस्लामी हिंद के नायब अमीर, मोहतरम जनाब मौलाना वलिय्युल्लाह सईदी फ़लाही साहब, भोपाल तशरीफ़ ला रहे हैं, इस मौके़ पर आप से इस्तिफ़ादा करने के लिए 15 फ़रवरी बरोज़ सनीचर, बाद नमाज़ ए इशा, मोती मस्जिद बग़िया में एक ख़िताब ए आम, बउन्वान "इस्तिक़्बाल ए रमज़ान" का इन्इक़ाद किया जा रहा है, जिसमें मौलाना अतहर हबीब नदवी साहब, (नायब मोहतमिम दारुल उलूम ताजुल मसाजिद भोपाल) भी ख़िताब फ़रमाएंगे,आप हज़रात से शिरकत की दरख़ुवास्त है।

नोट:ख़वातीन के लिए पर्दे के साथ बैठने का माक़ूल इंतिज़ाम है।
अतहर अहमद बेग
नाज़िम ए शहर, जमाअत ए इस्लामी हिंद, भोपाल।

मस्जिदों का शहर, शहर भोपाल.... मस्जिदों का ताज... ताजुल मसाजिद.... *अमर उजाला* के लिए *खान आशु* की खास रिपोर्ट
19/12/2024

मस्जिदों का शहर, शहर भोपाल.... मस्जिदों का ताज... ताजुल मसाजिद....
*अमर उजाला* के लिए
*खान आशु* की खास रिपोर्ट

मस्जिदों के शहर भोपाल में एक मस्जिद ऐसी भी है, जो एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसे ताजुल ...

03/12/2024
02/12/2024
02/12/2024

तीन दिनों से ईंटखेड़ी में चल रहे 77वें आलमी तबलीगी इज्तिमा का समापन सोमवार सुबह हुआ। मौलाना सआद साहब कांधालवी साहब ....

आलमी तबलीगी इज्तिमा... तालीम, भाईचारा, सामाजिक समरसता की बातें.... कल सुबह 9 बजे दुआ ए खास के साथ होगा समापन *अमर उजाला*...
01/12/2024

आलमी तबलीगी इज्तिमा... तालीम, भाईचारा, सामाजिक समरसता की बातें.... कल सुबह 9 बजे दुआ ए खास के साथ होगा समापन
*अमर उजाला* के लिए
*खान आशु* की रिपोर्ट

https://www.amarujala.com/madhya-pradesh/bhopal/bhopal-iztima-news-talks-of-education-brotherhood-social-harmony-in-the-speeches-in-aalmi-tablighi-ijtima-2024-12-01

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Bhopal Iztima News: तकरीरों में तालीम, भाईचारा, सामाजिक समरसता की बातें, आलमी तबलीगी इज्तिमा में क्या हो रहा?

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