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महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ब्रह्मचारी गिरीश जी ने आज भोपाल में आयोजित २१वै आयुर्वेद पर्व में भाग ...
21/01/2025

महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ब्रह्मचारी गिरीश जी ने आज भोपाल में आयोजित २१वै आयुर्वेद पर्व में भाग लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन डॉ. मोहन यादव ने की. साथ में प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार और भोपाल से ही विधान सभा सदस्य श्री भगवानदास सबनानी भी उपस्थित थे. मंत्री द्वय ने मध्य प्रदेश में आयुर्वेद के क्षेत्र में शासन द्वारा किये जा रहे कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया और आयुर्वेद और उसके माध्यम से जनता के स्वास्थ्य लाभ सम्बन्धी अनेक घोषणाएं भी कीं. इस अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के अध्यक्ष पद्मभूषण वैद्य श्री देवेंद्र त्रिगुणा और वैद्य श्री राकेश शर्मा, अध्यक्ष आचार एवं पंजीयन, भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, आयुष विभाग केंद्रीय शासन एवं मध्य प्रदेश शाशन के वरिष्ठ अधिकारी और भारत भर से पधारे अनेक वरिष्ठ वैद्य और विद्वान उपस्थित थे.
ब्रह्मचारी गिरीश जी ने अपने सम्बोधन में कक्षा एक से पीएच डी स्तर तक शिक्षा में स्वास्थ्य शिक्षा को सम्मिलित करने का सुझाव दिया. उन्होंने बताया कि महर्षि संस्थान ने "महा स्वास्थ्य शिक्षा अभियान" प्रारम्भ किया है. भारत के ५०० जिलों मैं १००० वैद्यों की नियुक्ति करके जनमानस को आयुर्वेद के निवारक सिद्धांतों में प्रशिक्षित किया जायेगा जिससे रोगी होने से बचा जा सके.
गिरीश जी ने माननीय मुख्य मंत्री महोदय को प्रस्तावित किया कि न्यायप्रिय राजा विक्रमादित्य की नगरी अवंतिका में एक "वैदिक अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय" की स्थापना की जाये. महर्षि संस्थान यह न्यायालय मध्य प्रदेश शासन की सहायता से स्थापित करने को तैयार है. महर्षि जी ने इस हेतु सन ८० के दशक में प्रस्ताव किया था किन्तु उस समय किसी कारणवश इसकी स्थापना नहीं हो पायी थी. महर्षि संस्थान अब इस कार्य को सम्पादित करना चाहता है. माननीय मुख्य मंत्री महोदय ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में ब्रह्मचारी गिरीश जी के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा कि शासन इसकी अनुमति देगा और स्थापना में सहयोग देगा.
मीडिया द्वारा प्रश्नों के उत्तर में ब्रह्मचारी जी ने कहा की "ये कोई धार्मिक न्यायालय नहीं होगा, किन्तु भारतीय वैदिक सिद्धांतों, भारतीय न्याय पद्धति अर्थात पूर्ण ज्ञान पर आधारित वैश्विक समस्यों को सरलता से सुलझाकर विश्व शांति की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा. उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही विस्तृत प्रस्ताव सरकार को प्रेषित करेंगे.

21/01/2025

महाकुंभ साधना स्थली, प्रदर्शन स्थली नहीं ः ब्रह्मचारी गिरीश #महाकुम्भ_2025 में सभी ओर वैभव का जोरदार प्रदर्शन हो रहा है। बड़े आलीशान प्रवेश द्वार, उतने ही आलीशान मंडप व शिविर बनाए गए हैं। करोड़ों के खर्च से बने इन महलनुमा पंडालों से भी जब जी नहीं भरा तो भौकाली बाबाओं ने तीर्थराज प्रयाग के आंगन में बसी आध्यात्मिक नगरी महाकुंभ नगर फिल्मी हस्तियों का तड़का लगाना शुरू कर दिया। खूबसूरत मॉडल नागा सन्यासियों के जुलूस में शामिल होने लगी. अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त महर्षि महेश योगी संस्थान का उत्तरदायित्व संभाल रहे ब्रह्मचारी गिरीश जी ने भौकाली बाबाओं को बड़ी विनम्रता के साथ कड़ी लताड़ लगाई है। ब्रह्मचारी गिरीश का कहना था कि महाकुंभ साधना स्थली है, प्रदर्शन स्थली नहीं। ब्रह्मचारी गिरीश का कहना था कि संतों को अगर कुछ दिखाना है तो अपनी साधना, अपने योग का बल दिखाएं। धन बल नहीं।

वेद विद्या मार्तण्ड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने आज शुभ अभिजित मुहूर्त में महर्षि आश्रम संगम तट अरैल प्रयागराज में बहु प्रतीक्...
20/01/2025

वेद विद्या मार्तण्ड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने आज शुभ अभिजित मुहूर्त में महर्षि आश्रम संगम तट अरैल प्रयागराज में बहु प्रतीक्षित कैंटीन का उद्घाटन किया जिसका नाम "संगम प्रसाद:" रखा गया है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में वैदिक विद्वान, महर्षि संस्थान कार्यकर्ता और अतिथि उपस्थित थे। ब्रह्मचारी जी ने बताया कि यह कैंटीन आश्रम वासियों को उनके दैनिक उपयोग की वस्तुएं और खाद्य सामग्री किफायती मूल्य पर उपलब्ध कराएगी। Today Ved Vidya Martanad Brahmachari Girish Ji has inaugurated long awaited canteen in Maharishi Ashram, Sangamtat, Arail Prayagraj. Large gathering of Vedic Pundits, Members of Maharishi Organisation and other guests were present at the inauguration. Brahmachari Ji has informed that many items of daily use with food will be available on discounted rates for the residents of the Ashram.

18/01/2025

On Maharishiji's 108th birthday on 12th January @ Parmarth Sangam Aarti on Arail ghat (near Smarak), Kumbh Mela, Prayagraj.

वेदों का सुमधुर पाठ औऱ श्रवण ही देवताओं से आशीर्वाद प्राप्ति का साधन है : ब्रह्मचारी गिरीश जी तीर्थराज प्रयाग में आयोजित...
17/01/2025

वेदों का सुमधुर पाठ औऱ श्रवण ही देवताओं से आशीर्वाद प्राप्ति का साधन है : ब्रह्मचारी गिरीश जी

तीर्थराज प्रयाग में आयोजित महा कुम्भ - 2025 के अवसर पर प्रयागराज में संगम तट स्थित महर्षि आश्रम में महर्षि महेश योगी जी के तपोनिष्ठ शिष्य ब्रह्मचारी गिरीश जी ने आज महर्षि विद्या मंदिर के कुछ निदेशकों के साथ विंध्याचल स्थित विंध्यवासिनी देवी मंदिर पहुंचकर देवी माँ की पूजा अर्चना की एवं विश्व के समस्त नागरिकों के लिए उत्तम स्वास्थ्य, समृद्धि एवं शांति हेतु उनसे आशीर्वाद माँगा। इस शुभ अवसर पर उन्होंने बतलाया कि “ विंध्यवासिनी देवी समस्त महादेविओं लक्ष्मी जी, काली जी, दुर्गा जी, सरस्वती जी की मूल रूप हैं। केवल इनकी पूजा अर्चना से समस्त महादेविओं की कृपा एवं आशीर्वाद स्वमेव प्राप्त हो जाता है।”
इसके पश्चात उन्होंने विंध्याचल शहर के समीप स्थित महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ पहुँचकर वहां अध्ययनरत 145 बटुक पंडितों से भेंट की तथा उनके द्वारा किये जा रहे वेदों के अध्ययन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की । उन्होंने बटुक पंडितों द्वारा किये जा रहे वेदपाठ का श्रवण भी किया । ब्रह्मचारी गिरीश जी ने उन्हें बतलाया कि ” वेद पूर्ण ज्ञान हैं, वे आत्मा के स्पंदन हैं । वेदों का पाठ ऊँची आवाज में न कर धीमी एवं मीठी ध्वनि से करना चाहिए क्योंकि वेदों का सुमधुर पाठ ही देवताओं से आशीर्वाद प्राप्ति का साधन है।” उन्होंने सभी बटुक पंडितों, उनके आचार्यों एवं विद्यापीठ के व्यवस्थापक को उनके उज्जवल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रदान की ।

On the pious occasion of Mahakumbh at Prayagraj, Maharishi Vedic Pundits have chanted 1331 path of Rudrashtadhyayi and p...
16/01/2025

On the pious occasion of Mahakumbh at Prayagraj, Maharishi Vedic Pundits have chanted 1331 path of Rudrashtadhyayi and performed Hawan in Maharishi Ashram, situated on the bank of the Holy confluence of Ganga, Yamuna and Saraswati in divine presence of the most blessed disciple of His Holiness Maharishi Mahesh Yogi Ji, Brahmachari Girish ji. In his address Brahmachari Ji said that "Today's chanting of 1331 Rudrashtadhyayi is for the over all well being of all the citizens and providing invincibility to all nations of the world. In the afternoon, Katha of Shrimad Bhagwad Puran has started. Acharya Shri Badrish Ji Maharaj of Vrindavan is the Katha Vyas. This katha will continue till 21st January. Acharya Ji has explained the importance of Shrimad Bhagwat and listening it. He also explained that great king Pariksh*t has got Moksha and many other have enjoyed the same. He said the that listeners must be having soft and pure heart to listen so that the person enjoys the devotion value mentioned in the literature. Grand Kalash procession also was organised before Katha in which large number of Vedic Pundits and Ladies have participated. The procession received welcome and showers of flowers at many places on the way. In the evening, Professor Ravi Sharma has performed Sitar recital ad Bhajans were presented by the students of MVM Sultanpur teacher and Students.तीर्थ राज प्रयाग में आयोजित महा कुम्भ के अवसर पर अरैल , प्रयागराज में संगम तट स्थित महर्षि आश्रम में दिनाँक 15.01.2025 को समस्त विश्व के कल्याण हेतु महर्षि महेश योगी जी के तपोनिष्ठ शिष्य ब्रह्मचारी गिरीश जी की उपस्थिति में वैदिक पंडितों द्वारा रुद्राष्टाध्यायी के 1331 पाठ एवं हवन सम्पादित किये गए। इस अवसर पर ब्रह्मचारी गिरीश जी ने अपने सन्देश में कहा कि ” आज सम्पादित रुद्राष्टाध्यायी के1331 पाठ एवं हवन का मुख्य प्रयोजन विश्व के प्रत्येक नागरिक एवं राष्ट्र को अजयेता प्रदान करना है। ”
अपरान्ह में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का आयोजन प्रारंभ हुआ । यह कथामृत 21 जनवरी तक प्रवाहित होती रहेगी। कथा का वाचन वृंदावन से पधारे विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास एवं विद्वान श्री आचार्य बद्रीश जी महाराज के द्वारा किया जाएगा। महर्षि महेश योगी जी के तपोनिष्ठ शिष्य ब्रह्मचारी गिरीश जी की उपस्थिति में कथा का प्रारंभ करते हुए श्री आचार्य बद्रीश जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व समझाया एवं बताया कि राजा परीक्षित का मोक्ष एक सप्ताह के श्रीमद् भागवत के श्रवण से ही हुआ था और अभी तक न जाने कितने ही भक्तों ने श्रीमद् भागवत की कथा का श्रवण कर इसका पुण्यलाभ प्राप्त किया है। उन्होंने यह भी कहा कि कथा से पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए शुद्ध एवं निर्मल मन वाला श्रोता होना भी अत्यंत आवश्यक है ताकि कथा एवं उसके सार से मन ईश्वर भक्ति से ओत-प्रोत हो जाये । कथा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे । कथा प्रारंभ होने के पहले एक भव्य कलश शोभा यात्रा महर्षि स्मारक से प्रारंभ हुई जिसमें पंडित गणों एवं महिलाओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। यह यात्रा अरैल क्षेत्र प्रयागराज के मार्गों से होकर कथा पंडाल तक भव्यता के साथ पहुंची। मार्ग में स्थान- स्थान पर श्रद्धालुओं ने कलश शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा की।
संध्याकाल में विख्यात सितार वादक प्रोफेसर रवि शर्मा के सितार वादन एवं महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय सुल्तानपुर की चयनित छात्राओं द्वारा प्रस्तुत भजन एवं सामूहिक नृत्य ने उपस्थित भारी जन समूह को आल्हादित कर दिया ।

On the occasion of Kumbh, Brahmchari Girish ji was interviewed by National Doordarshan news channel at Maharishi Smarak ...
15/01/2025

On the occasion of Kumbh, Brahmchari Girish ji was interviewed by National Doordarshan news channel at Maharishi Smarak Prayagraj and it was aired several times. नेशनल दूरदर्शन न्यूज़ चैनल द्वारा महर्षि स्मारक प्रयागराज में कुम्भ के अवसर पर ब्रह्मचारी गिरीश जी का साक्षात्कर किया गया जिसे अनेक बार प्रसारित किया गया।

महर्षि महेश योगीने विश्व को दिया भारतीय ज्ञान - विज्ञान का अमूल्य उपहार - स्वामी वासुदेवानंदमहर्षि की जयंती पर अरैल में ...
13/01/2025

महर्षि महेश योगीने विश्व को दिया भारतीय ज्ञान - विज्ञान का अमूल्य उपहार - स्वामी वासुदेवानंद
महर्षि की जयंती पर अरैल में ज्ञान युग दिवस का भव्य आयोजन, हुई वैदिक परंपराओं की गूंज
विश्व प्रसिद्ध चेतना वैज्ञानिक महर्षि महेश योगी की जयंती के उपलक्ष्य में संगम के किनारे स्थित अरैल में ज्ञान युग दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने की। उनके साथ महर्षि संस्थान के प्रमुख ब्रह्मचारी गिरीश और अनेक विद्वान साधु-संत मौजूद रहे। संगम किनारे स्थित महर्षि महेश योगी स्मारक परिसर में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महर्षि महेश योगी ने भारतीय संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद के उद्देश्यों को भी साकार किया। उन्होंने महर्षि संस्थान के प्रमुख ब्रह्मचारी गिरीश की भी प्रशंसा की, जिन्होंने महर्षि के संकल्पों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। ब्रह्मचारी गिरीश ने महर्षि योगी के जीवन, उनकी उपलब्धियों और उनके ज्ञान की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि महर्षि महेश योगी का मानना था कि संपूर्ण ज्ञान हमारी चेतना में निहित है। उनके द्वारा प्रणीत भावातीत ध्यान, तनाव और मानसिक परेशानी से मुक्ति का मार्ग है। जिसे अपना कर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति पा सकता है।
इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के प्रमुख चिदानंद सरस्वती ने कहा कि महर्षि के भावातीत ध्यान ने जीवन को सरल और सहज बनाया है। यह जीवन जीने की कला है और इस ज्ञान ने विश्व में शांति का मार्ग प्रशस्त किया है। महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलगुरु प्रो. भुवनेश शमी और महर्षि संस्थान के निदेशक मधुसूदन देशपांडे ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि मन की शांति से विश्व शांति की स्थापना संभव है। महर्षि के ध्यान और ज्ञान पद्धति से व्यक्ति आनंदित और स्वस्थ रहता है। समारोह का समापन वैदिक गुरु ज्ञान परंपरा के अनुसार वैदिक पूजन और शांति पाठ के साथ हुआ। प्रमुख संतों और विद्वानों ने भारतीय परंपराओं, योग और ध्यान पर अपने विचार साझा किए। श्रद्धालुओं ने भावातीत ध्यान और वैदिक परंपराओं का अनुभव किया। बच्चों और साधु-संतों ने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस दौरान सैकड़ों साधु-संत, महर्षि संस्थान के अधिकारी-कर्मचारी और महर्षि विद्या मंदिर के छात्र उपस्थित रहे। इस समारोह ने भारतीय संस्कृति, ज्ञान और ध्यान के महत्व को न केवल रेखांकित किया बल्कि इसे आत्मसात करने की प्रेरणा भी दी।

Group practice of TM was organised at hundreds of places country wide on 12th January Age of Enlightenment Day
13/01/2025

Group practice of TM was organised at hundreds of places country wide on 12th January Age of Enlightenment Day

भारत के महान सपूत एवं चेतना वैज्ञानिक परम् पूज्य महर्षि महेश योगी जी के 108 वें जन्मोत्सव 'ज्ञान युग दिवस' की आप सभी को ...
12/01/2025

भारत के महान सपूत एवं चेतना वैज्ञानिक परम् पूज्य महर्षि महेश योगी जी के 108 वें जन्मोत्सव 'ज्ञान युग दिवस' की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
जय गुरुदेव, जय महर्षि
ब्रह्मचारी गिरीश

Best wishes to all of you on the 108th Birth Anniversary 'Age of Enlightenment Day' of The Great Son and Saint of IndiaH...
12/01/2025

Best wishes to all of you on the 108th Birth Anniversary 'Age of Enlightenment Day' of The Great Son and Saint of India
His Holiness Maharishi Mahesh Yogi Ji

Jai Guru Dev, Jai Maharishi
Brahmachari Girish

Glimpse of Maharishi Smarak on Gyan Yug Diwas -108th birth anniversary celebration  of His Holiness Maharishi Mahesh Yog...
11/01/2025

Glimpse of Maharishi Smarak on Gyan Yug Diwas -108th birth anniversary celebration of His Holiness Maharishi Mahesh Yogi.

जीवन आनंद है : ब्रह्मचारी गिरीश जी अध्यक्ष, महर्षि विद्या मन्दिर विद्यालय समूहमान्यता है "जीवन संघर्ष है" अतः आज हमें इस...
08/01/2025

जीवन आनंद है : ब्रह्मचारी गिरीश जी अध्यक्ष, महर्षि विद्या मन्दिर विद्यालय समूह
मान्यता है "जीवन संघर्ष है" अतः आज हमें इस पर ही बात करना चाहिए। वर्तमान परिदृश्य में हमें अपने चारों ओर नकारात्मकता ही प्रतीत होती है। ऐसा क्यों होता है? इसका अर्थ यह नहीं है कि हमारे आस-पास का वातावरण नकारात्मकता से भरा हुआ है। यह भी हो सकता है कि हम सकारात्मकता को देख ही नहीं रहे हैं क्योंकि हम पर नकारात्मकता हावी हो गई है और यही सच है। हम सभी ने दो प्रकार की मक्खियों को देखा है। एक मक्खी वह है जो गंदगी पर निवास करती है, उसका जीवन मात्र प्रदूषण पर ही निर्भर करता है और वह उस प्रदूषण का उपयोग कर संक्रमण फैलाती है और दूसरी ओर एक और मक्खी है वह उद्यानों, उपवनों में रहती है। अपने जीवन-यापन के लिए पुष्पों के पराग का चयन करती है, उसका उपभोग कर शहद का निर्माण कर उसे एकत्रित कर अपने निवास पर उसका भंडारण करती है। ठीक इसी प्रकार हम भी भीतर से प्रदूषित हो गए हैं। हमारे विचार व दृष्टि भी प्रदूषित हो गई है। इसलिए हम बुरा सोच रहे हैं, बुरा देख रहे हैं, बुरा सुन रहे हैं, बुरा बोल रहे हैं। अतः शुद्धि हमें स्वयं की करनी चाहिए। जब हम भीतर से स्वच्छ रहेंगे तो हमारे विचारों पर उसका प्रभाव पड़ेगा, हमारे चारों ओर का वातावरण सकारात्त्मक हो जायेगा। गुरु नानकदेव जी कहते थे "जिन खोजा तिन पड्यां गहरे पानी पैठ" चेतना की गहराई में आप जो खोजोगे उसे आप प्राप्त कर लोगे। गोस्वामी तुलसी दास जी ने श्रीरामचरित मानस में भी उचित प्रसंग के माध्यम से हमें समझाने का प्रयास किया है।
मन कामना सिद्धि नर पावा। जे यह कथा कपट तजि गावा ।।
श्रीरामचरितमानस में काकभुशुंडि जी गरुड़ जी से कह रहे हैं कि जल जब तक दूध में रहता है, तब तक दूध के भाव ही बिकता है, पर ज्यों ही व्यक्ति उसमें कपट की खटाई डाल देता है तो फिर पानी का कोई मूल्य नहीं रह जाता है। रावण और मारीच कपट रूप धारण कर ही मृत्यु को प्राप्त हुए। रावण द्वारा साधु का वेश बनाकर जाने का तात्पर्य यह है कि रावण को अपने निज स्वरूप पर विश्वास नहीं था। व्यक्ति जब कुछ बनता है, जो होता नहीं है, कपट वहीं से प्रारंभ हो जाता है। जो है, उसे छिपाता है। यह त्रिकाल सत्य है कि नाया की इस पद्धति का आश्रय लेने वाले विनाश को प्राप्त होते हैं। व्यक्ति की मति मारी जाती है और वर्तमान में भोगों का आकर्षण भविष्य को पूरी तरह समाप्त कर देता है। यह परंपरा हर युग में चलती रहती है। इसी तारतम्य में एक सुंदर कथा भी है। एक बार एक शिष्य ने गुरु से पूछा कि 'उत्सव मनाने के लिए कौन सा दिन श्रेष्ठ है?' तो गुरु ने कहा कि 'मृत्यु का दिन।' शिष्य ने कहा, 'यह कैसे पता चलेगा कि मृत्यु का दिन कौन सा है?' तब गुरुजी ने कहा- प्रत्येक दिन, प्रत्येक पल को उत्सव के समान मनाएँ तो जीवन का सोलहवां संस्कार मृत्यु भी उत्सव बन जाएगा।' जीवन में आने वाले सुख-दुःख, उतार-चढ़ाव और परेशानियों को सहज रूप से स्वीकार कर लेना और उन्हें आभूषण समझ धारण कर लेना ही समझदारी है। तभी आप समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल पाएँगे। जो आज की तिथि में हमारे पास उपलब्ध है उसी में संतोष कर लेना और जो नहीं है उसके लिए शोक नहीं करना जीवन को उत्सव बनाने में कारगर सिद्ध होता है। व्यर्थ में अतीत और भविष्य के बारे में सोचना, वर्तमान को कुएँ में धकेलने के समान है। ऐसा करके हम बाधाओं को निमंत्रण देते हैं। यह बिल्कुल भी आवश्यक नहीं कि आज जो आपके पास है वह जीवनपर्यंत आपका ही बना रहेगा। यदि यह भाव हम तिरोहित कर दें तो जीवन में उत्सव के रंग सदा ही बने रहेंगे। जीवन में यूँ ही उत्सव की स्थिति बनी रहे उसके लिए आवश्यक है कि हम अपने अंतस में झांकते रहें। जो कार्य कल करना है, उसे आज ही करके स्वयं को किसी भी बंधन से मुक्त कर लें और अपनी प्रसन्नता को दोगुना कर लें। आप जैसे हैं वैसे ही भगवान की शरण में चले जाइये। समस्त छल, कपट का त्याग करें तो जीवन आनंदमय हो जाएगा, क्योंकि जीवन तो वास्तव में आनंद ही है।
जय गुरुदेव, जय महर्षि।

महर्षि महेश योगी का अवतरण दिवस 12 को महर्षि के जन्मदिन पर विभिन्न कार्यक्रमों का भव्य आयोजन। पुनर्स्थापना एवं विश्व महर्...
08/01/2025

महर्षि महेश योगी का अवतरण दिवस 12 को महर्षि के जन्मदिन पर विभिन्न कार्यक्रमों का भव्य आयोजन।
पुनर्स्थापना एवं विश्व महर्षि वेद विज्ञान के सिद्धांतों तथा व्यवहारिक तकनीकियों से अवगत कराने वाले महा महामनीषी महर्षि महेश योगी का अवतरण दिवस 12 जनवरी को हुआ था, इस बार उनका 108 वां अवतरण दिवस बहुत ही धूमधाम से आयोजित किया जायेगा उक्त जानकारी महर्षि विश्व शांति आंदोलन के महासचिव वी० आर० खरे के आदेश पर प्रयागराज समाधिस्थल के स्थानीय प्रबन्धक सुनील श्रीवास्तव ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दिया है।
श्री श्रीवास्तव से प्राप्त जानकारी के अनुसार महर्षि महेश योगी के जन्मदिन समारोह को इस बार प्रयागराज में बहुत ही व्यापक स्तर पर मनाये जाने का निर्णय लिया गया है जिसके तहत इस गंगा-यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर बसी प्रयाग नगरी से चूंकि योगी जी का अप्रतिम लगाव रहा है और उनकी शिक्षा दिक्षा का भी केन्द्र रहा है इसलिए पावन संगम तट के निकट स्थित महर्षि वेद विज्ञान स्मारक महर्षि स्मारक के भव्य एवं दिव्य परिसर में जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती बद्रिका आश्रम हिमालय की उपस्थिति में आयोजित किया जायेगा। उक्त अवसर पर भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं के माध्यम से विश्व शांति की स्थापना विषय पर भव्य संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। महर्षि महेश योगी के अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में इस उत्सव का शुभारम्भ 12 जनवरी महर्षि आश्रम में सुबह साढ़े दस बजे से प्रारम्भ हो गया। कार्यक्रम में गुरुपूजन, महर्षि वैदिक पंडितों द्वारा वैदिक शांति पाठ, सन्तों तथा वैदिक विद्वावानों का सम्मान, भारत के महर्षि शैक्षणिक संस्थान समूह के अध्यक्ष, वेद मार्तण्ड ब्रम्हचारी गिरीश जी का मुख्य सम्बोधन तथा महर्षि योगी के पाँच दशक की उपलब्धियों पर आधारित वृत्तचित्र का प्रदर्शन एवं शंकराचार्य का आशिर्वाद भी सम्मिलत होगा। इस अवसर पर महर्षि वैदिक पंडितों द्वारा रुद्राष्टाध्यायी के 1331 जाप और हवन के साथ 31 अतिरुद्राभिषेक महायज्ञ का भी आयोजन किया जायेगा। मिली आनकारी के अनुसार इस दौरान एक-एक सप्ताह के लिए श्रीमद भागवत महापुराण कथा, शिव महापुराण कथा, श्रीमद् देवी महापुराण कथा और श्री रामकथा का रसपान भी आने वाले श्रद्धालुगण प्राप्त करने के साथ ही महर्षि विद्यामंदिर संस्थानों के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसी कड़ी में महर्षि जी के भावातीत ज्ञान एवं तकनीकों की जानकारी भी दी जायेगी। यह कार्यक्रम 12 जनवरी से शुरू होने वाला महोत्सव अनवरत 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलते हुए समापन होगा।

Mahakumbh of Spirituality, Reverence, Devotion, Faith, Knowledge, Sadhana & Bliss - 13 January to 26 February 2025, Paus...
06/01/2025

Mahakumbh of Spirituality, Reverence, Devotion, Faith, Knowledge, Sadhana & Bliss - 13 January to 26 February 2025, Paush Purnima to Phalgun Krishna Trayodashi, Vikram Samvatsar 2081
Main Camp- Maharishi Ashram, Sangamtat, Arail, Prayagraj (U.P)
Other Camps- Shankaracharya Marg, Sector 18 Nishad Raj Marg Sector 24 and Sankat Mochan Marg, Sector 23
Organisers: Maharishi Ved Vigyan Vishwa Vidyapeetham Trust,
Swami Brahmananda Saraswati Charitable Trust,
Maharishi Vidya Mandir Schools Group,
Maharishi World Peace Movement
You are cordially invited to visit:
Maharishi Smarak - Memorial of Maharishi Vedic Science
Truly Yours,
Ved Vidya Martand
Brahmachari Girish
Prayagraj Kumbh-2025
Maharishi Ashram, Sangamtat, Arail, Prayagraj, Uttar Pradesh
Mobile: +91 9956250542, +91 6391536000, +91 8528974932, +91 9993099731, +91 9893700746

समाचार विज्ञप्ति: वेद भूमि भारत में विभिन्न महर्षि संगठनों के समस्त सम्माननीय सदस्यों को 108 वें महर्षि संवत्सर एवं वैश्...
03/01/2025

समाचार विज्ञप्ति: वेद भूमि भारत में विभिन्न महर्षि संगठनों के समस्त सम्माननीय सदस्यों को 108 वें महर्षि संवत्सर एवं वैश्विक रामराज के अठारहवें वर्ष के प्रारंभ के उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।
अत्यंत हर्ष का विषय है कि परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी का 108वां शुभ जन्मदिवस 12 जनवरी 2025 को महर्षि ज्ञान युग दिवस के रूप में संपूर्ण विश्व में समारोहपूर्वक मनाया जाएगा।
विभिन्न महर्षि संगठनों एवं संस्थाओं के सभी सदस्य महर्षि जी के आदर्शों एवं परम्पराओं को तथा प्राचीन भारतीय वैदिक साहित्य के पुनर्गठन एवं पुनर्स्थापना व विश्व को महर्षि वेद विज्ञान के सिद्धांतों और व्यवहारिक तकनीकियों से अवगत कराने के लिए और उनके महान योगदान को स्मरण करने हेतु इस दिन को उत्सव के रूप में मनायेंगे।
इस वर्ष भारत में मुख्य समारोह तीर्थराज प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम के निकट स्थित महर्षि वेद विज्ञान विद्या के स्मारक 'महर्षि स्मारक' के भव्य परिसर में अनंत श्री विभूषित ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, बद्रिका आश्रम, हिमालय, की दिव्य उपस्थिति में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर 'भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं के माध्यम से विश्व शांति की स्थापना' विषय पर एक संगोष्ठी भी आयोजित है। यह उत्सव 12 जनवरी 2025 को प्रयागराज के संगमतट स्थित महर्षि आश्रम में प्रातः 10.30 बजे से प्रारंभ होगा जिसमें श्री गुरु परम्परा पूजन, महर्षि वैदिक पंडितों द्वारा वैदिक शांति पाठ, संतों तथा वैदिक विद्वानों का सम्मान, भारत के महर्षि शैक्षणिक संस्थान समूह के माननीय अध्यक्ष, वेद विद्या मार्तण्ड ब्रह्मचारी गिरीश जी का मुख्य संबोधन, महर्षि जी के 50 वर्षों के अनवरत् कार्यों एवं वैश्विक उपलब्धिों पर आधारित वृत्तचित्र का प्रदर्शन और शंकराचार्य जी महाराज द्वारा दिव्य आशीर्वाद भी सम्मिलित होगा।
दूसरे सत्र में वैदिक विद्वानों, संतों और विभिन्न वैदिक विधाओं के विशेषज्ञों द्वारा संगोष्ठी के मुख्य विषय पर उद्बोधन आयोजित किये जायेंगे।

12 जनवरी को "महर्षि ज्ञानयुग दिवस' के नवीन वर्ष के उद्घाटन के साथ यह उत्सव 13 जनवरी से प्रारंभ होने वाले भूतल पर सबसे बड़े ऐतिहासिक आध्यात्मिक समागम-महाकुंभ 2025 से लेकर वैदिक पंचांग के सबसे शुभ दिनों में से एक महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को पूर्ण होगा।
महाकुंभ की अवधि में महर्षि वैदिक पंडितों द्वारा रुद्राष्टाध्यायी के 1331 जाप और हवन के साथ 31 अतिरुद्राभिषेक महायज्ञ किए जाएंगे जिसमें विश्व परिवार के सभी सदस्यों और पृथ्वी पर सभी राष्ट्रों के कल्याण (सभी के लिए सुख, शांति, प्रगति, समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य, पूर्ण आनंद, सभी इच्छाओं की पूर्ति, ज्ञान और अजेयता) का संकल्प लिया जाएगा। दोपहर में पारंगत कथावाचकों द्वारा एक-एक सप्ताह के लिए श्रीम‌द्भागवत महापुराण कथा, श्री शिव महापुराण कथा, श्रीमद् देवी महापुराण कथा और श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। सांयकाल में संपूर्ण भारतवर्ष के प्रतिष्ठित कलाकारों और महर्षि विद्या मंदिर विद्यालयों के चयनित शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा आध्यात्मिकता एवं देशभक्ति पर आधारित गीत, नृत्य एवं अभिनय, तथा विभिन्न वाद्ययंत्रों के वादन, भारतीय शास्त्रीय संगीत गायन आदि की प्रस्तुति होगी। भावातीत ध्यान, भावातीत ध्यान सिद्धि कार्यक्रम, यौगिक उड़ान सहित भावातीत ध्यान की उन्नत तकनीकों एवं महर्षि वैदिक विज्ञान का शिक्षण-प्रशिक्षण भी इस समागम के विभिन्न अंग हैं।
इसके साथ ही साथ ज्योतिष का निःशुल्क परामर्श, विशेषज्ञों द्वारा यज्ञानुष्ठान संबंधी सुझाव और योग्य और अनुभवी वैद्यों द्वारा स्वास्थ्य जांच की भी व्यवस्था महर्षि आश्रम में उपलब्ध कराई जा रही है।
महर्षि जी के कार्यक्रमों और महर्षि वैदिक विज्ञान और प्रौद्योगिकियों के ज्ञान की जानकारी से जनमानस को अवगत कराने हेतु महर्षि आश्रम परिसर में बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है।
12 जनवरी के भव्य समारोह एवं महाकुंभ-2025 की पूर्ण अवधि में आयोजित सभी कार्यक्रमों का निम्नलिखित वेबसाइटों पर सीधा प्रसारण किया जावेगा :
Youtube: https://www.youtube.com/c/ramrajtv
Instagram: https://www.instagram.com/ramrajtv
Facebook: https://www.facebook.com/1Ramrajtv
महर्षि वैश्विक परिवार के समस्त प्रिय सदस्यों से विनम्र अनुरोध है कि वे परिवार सहित प्रयागराज में या ऑनलाइन समारोह में सम्मिलित हों। आप सभी का आमंत्रण एवं स्वागत है।
आप सभी को आगामी 108 वें महर्षि संवत्सर और महर्षि अजेयता के अठारहवें वर्ष वैश्विक रामराज की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय गुरु देव, जय महर्षि जी।
वी.आर. खरे, महासचिव महर्षि विश्व शांति आंदोलन
मोबाइलः 9425008470

News Release: Dear all members of different Maharishi Organisations in India-Land of the Vedas,Greetings for celebration...
03/01/2025

News Release: Dear all members of different Maharishi Organisations in India-Land of the Vedas,Greetings for celebration of beginning of 108th Maharishi Samvatsar and eighteenth year of Global Ramraj. It's a great joy to inform you that auspicious 108th birthday of His Holiness Maharishi Mahesh Yogi Ji will be celebrated globally on 12th January 2025 as Maharishi Age of Enlightenment Day (महर्षि ज्ञान युग दिवस).

All members of different organisations/institutions of Maharishi Ji will celebrate the day to sing the Glory of Maharishi Ji and to remember his great contribution restructuring and restoring Veda and Vedic Literature and for gift of theory and practical technologies of Maharishi Vedic Science to the world.
Main celebration in India is being organised this year at the bank of Triveni- Sangam- Teerthraj Prayagraj, Holi confluence of rivers- Saraswati, Ganga and Yamuna in the vicinity of "Maharishi Smarak"- Memorial of Maharishi Vedic Science, in divine presence of Anant Shri Vibhush*t Jyotishpeethadheeshwar, Jagatguru Shankaracharya Swami Shri Vasudevanand Saraswati Ji Maharaja, Badarika Ashram, Himalaya. A seminar on "Establishing World Peace through Indian Culture and Traditions" will also be part of the celebration.
The celebration will start on 12th January 2025 at Maharishi Ashram, Sangamtat, Prayagraj at 10.30 am, which will include Shri Guru Parampara pujan, recitations of Vedic Shanti Paath by the Maharishi Vedic Pandits, honour of Saints and Vedic Scholars, keynote address by Ved Vidya Martand Brahmachari Girish Ji, Chairman of Maharishi Group of Educational Institutions, India, playing documentary on Maharishi Ji's global achievements in 50 years of his untiring work and the divine blessings of Shankaracharya Ji.
In second session speeches will be delivered by Vedic Scholars, Saints and experts of different Vedic Disciplines.
With the inauguration of new year of Maharishi Age of Enlightenment on 12th January, the celebration will continue with the largest historic spiritual gathering on earth-Maha Kumbh 2025, starting from 13th January and will complete on 26th February, one of the most auspicious day in Vedic Calendar-Maha Shivaratri.

31 Atirudrabhishek Mahayagyas with 1331 chanting of Rudrashtadhyayi and hawan will be performed by Maharishi Vedic Pundits during the period of Maha Kumbh with the sankalpa of wellbeing (all comfort, peace, progress, prosperity, perfect health, total bliss, fulfilment of all desires, enlightenment and invincibility) of all the members of world family and all the nations on earth.
Shrimadbhagwat Mahapuran katha, Shri Shiv Maha Puran katha, Shrimad Devi Maha Puran katha and Shri Raam katha, each for a week by great experts is being organised in the afternoon.
Evenings will be full with devotional and patriotic songs, acts, recitals of different instruments, Indian Classical Music orchestra and dance by the reputed artists and by teachers and students of Maharishi Vidya Mandir Schools from all over India.
Teaching of Transcendental Meditation, TM-Siddhi programme, Yogic Flying, Advance Techniques of TM and Maharishi Vedic Science is also being organised.
Free consultation of Jyotish and Vastu, Yagya recommendations by experts and health check-up by highly qualified and experienced Vaidyas will also be provided.
Big LED screens are installed in the campus to share information on Maharishi Ji's programmes and knowledge of Maharishi Vedic Science and Technologies.
The celebration on 12th January and all Maha Kumbh 2025 programmes will be broadcast live on following websites:
YouTube Channels: https://www.youtube.com/c/ramrajtv
Instagram: https://www.instagram.com/ramrajtv
Facebook: https://www.facebook.com/Ramrajtv
You dear members of Maharishi Global Family are invited and welcomed to join the celebration at Prayagraj or online.
Wishing all the best for the coming Maharishi 108th Samvatsar and Maharishi's Eighteenth Year of Invincibility - Global Raam Raj.
Jai Guru Dev, Jai Maharishi

V. R. Khare
Secretary General Maharishi World Peace Movement
Mobile: 9425008470

Address

Bhopal
462038

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