Osho5007

Osho5007 प्रेम तो एक तरफा ही होता है।
दो तरफा
तो सिर्फ व्यापार
होता है।

रजनीश ओशो ।।

भगवान श्री रजनीश |
25/06/2024

भगवान श्री रजनीश |

भगवान श्री रजनीश |
24/06/2024

भगवान श्री रजनीश |

जो पास ही है उसे कहां दूर खोजने चले।  #ओशो
23/06/2024

जो पास ही है उसे कहां दूर खोजने चले।
#ओशो

22/06/2024

मैं नहीं कहता कि परमात्मा को याद करो मैं करता हूं बात कुछ ऐसी बना बनाने कि परमात्मा भूले नहीं कि यह बात बिल्कुल और अन्यथा परमात्मा भूले नहीं याद नहीं करना है कि शरीर से तादात्म तोड़ना है मन से नाता मुक्त करना हृदय के पार उठना पंख फैलाने और जैसे ही तुम शरीर मन और हृदय के पार उठे जैसे ही तुमने पंख फैलाए और आकाश खुला है..
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भगवान श्री रजनीश
21/06/2024

भगवान श्री रजनीश

भगवान श्री रजनीश  #ओशो
20/06/2024

भगवान श्री रजनीश
#ओशो

20/06/2024

मैं युवा था l तो कभी मृत्यु का विचार भी नहीं करता था और अब जब व्रत हो गया हूं तुम मृत्यु सदा ही भयभीत करती रहती मैं क्या करूं क्या मृत्यु से छुटकारा संभव रामनाथ मृत्यु से तो छुटकारा संभव नहीं लेकिन यह तुमसे कहा किसने की तुम मरोगे तुम ना तो पहले कभी मारे हो ना अब मार सकते हो जोता वह तुम नहीं हो कोई और दे मती वह तो आवरण मन मरता है कि व सूक्ष्म आवरण है इन दोनों परि धियों के भीतर जो बैठा जो मलिक व ना तो ज है ना मार्ता है बहुत बार यह जीवन घटा है कुछ तुम नए नहीं हो बहुत बार आए और बहुत बार गए हो। ...


Osho5007












14/06/2024

दो साधु एक जंगल से गुजरते थे गुरु और शिष्य.बार-बार बूढ़ा गुरु अपने शिष्य से पूछता था क्योंकि साझ सूज ढलने लगा.गांव कितनी दूर है,गांव कितनी दूर है,गांव कितनी दूर है? युवक ने कहा कि आज तक कभी आपने इस तरह उत्सुकता नहीं दिखाई.जंगल बड़ा तो हम जंगल में ठहर गए.गांव आ गया तो गांव में ठहर गए.आप तेजी से चल रहे हो,जल्द बाजी भी कर रहे हो और भी मैं एक काम देख रहा हूं जो आप बार-बार कर रहे हो.अपने झोले में हाथ डाल माजरा क्या है? मामला क्या है? राज क्या है गुरू कहा इन बातों मत पर समय गांव जल्दी चल.हमें गांव पहुंचना. जंगल ठहरना खतरनाक थे.तभी कु या दोनों हाथ में धोने पानी पीने को रोके. गुरु ने अपना झोला शिष्य को दिया और कहा कि संभाल के रखना ..
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Osho5007












#ओशो

13/06/2024

ठीक कहते हैं बुले शाह पैरी पहन जंजीर बे खाह सी दे इस न फ सनु कैदकर डालिए न फस का अर्थ होता है क्षण क्षण भं गुरता यह जो समय की धारा है जिसमें हम जी रहे हैं जन्में हैं जिसमें से हम गुजर रहे हैं यह तो क्षण- छण परिवर्तन शील है यह जो क्षण छण बदल रहा है इसमें ही उलझे मत रह जाना क्योंकि इसके पार एक साश्वत का लो गए धमोह सनंतनो इस क्षण से तो पार उठ जाना इस समय से तो पार उठ जाना है ..
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Osho5007













#ओशो

13/06/2024

बुल्ले शाह की बातें है तो उसकी बूंदोंकी तरहताजीनछोटी-छोटी बूंदे है लेकिन इन बूंदों में जैसे सागरसमाया हुआ हैऔर वह बूंद ही क्याहै जिसमें सागरना समाया होवह बात ही क्याजो बे बातत की दुनियाकी खबर न ले हैवह शब्द ही क्याजिसमें निशब्द कीबिना ना बजती होइसलिए बोलसा है कीइन अभिव्यक्तियों कोजरा और ढंग से लेना..
Osho5007












#ओशो

ओशो.....                                                                                                                ...
11/06/2024

ओशो.....












OSHO....                                                                                                                ...
11/06/2024

OSHO....













"मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है - खुद को जानना                                                                             ...
09/06/2024

"मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है - खुद को जानना














#ओशो

07/06/2024

न तो धन को छोड़ने सेन पति को छोड़ने सेना पति को छोड़ने से न बाजार छोड़ ने से क्योंकि तुममनोविज्ञान केछोटे से सूत्र को समझल्लो तुम जिस छोड़कर भागोगे आख बंद करोगे से सामने खड़ा हुआ पाओगै क्योंकि भाग ता कमजोर भाग ता वही हैजो डर से अक्ररातवया क्ररात लेकिन दूसरे से इस तरह न होऔर फिर तुम अपनी पत्नी भी छोड़ के भाग गएतो क्या फर्क पड़ता है तुम्हारे भीतर स्त्री की वासना तो मौजूद हैं पत्नी पत्नी नहीं थी तब भी थी उसी के कारण तुम पत्नी को खोल लाए वो वासना फिर तुमे पत्नि को खोलज.भी मजबूरत कर देगी इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता कि सक्ल कौन सी सक्ल बदल सकती व.और स्त्री और पुरुष तुम महल छोड़ दे सकते हो |..


Osho5007













#ओशो

05/06/2024

तुम्हारी सारी शिक्षा का, भीक्षा का तुम्हारा समाज तुम्हारे संस्कारतो मैं दौत सिखाते हैं.दूसरे के बीच महत्वाकांक्षा सिखाते धन के लिए, वर्थ के लिए, प्रतिष्ठा के लिए, यश के लिए.दु्य हैं हमाअब तक हम एक ऐसा समाज ही पैदा न कर सकते जब तुम्हे कुछ सिखाता हो। ...















#ओशो

02/06/2024

तुम्हारी गुलामी और तुम्हारी गरीबी ने पश्चिम को एक खयाल दे दिया है.तुम किसी कीमत के नहीं हो, तुम जिंदा भी नहीं हो.तुम मुर्दों की एक जमात हो.और जो लोग मुझसे पहले पश्चिम गए, विवेकानंद, रामतीथ, योगानंद और दूसरे हिंदू सन्यासी, उनमें से किसीका अपमान पश्चिम नहीं हुआ.कोई दरवाजे उनके लिए बंद नहीं हुए,क्योंकि उन्होंने झूठ का सहारा लिया कि उन्होंने बुद्ध के साथ जीसस की तुलना की.उन्होंने उपनिषद के साथ गीता की तुलना की गीता के साथ बाइबल की तुलना की, पश्चिम के लोगों को. और भी गौरव मंडित की है...

Osho5007














#ओशो

01/06/2024

जीवन एक अवसर है.जीवन तथय नहीं केवल एक संभावना है जैसे बीच बीच में छिपे हैं हजारों फूल पर प्रकट नहीं.अप्रकट प्रसन्नड बहुत गहरी खोज करोगे तो पा सकोगे. पालों के तो जीवन धन्य हो जाए फूलों की सारी सुगंध फिर तुम्हारी और उनके सारे रंग भी. और उनकी कोमलता और उनका सौंदर्य उनसे प्रकट होने वाली परमात्मा की अनुभूति.फूल तो नृत्य है। ...
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Osho5007













01/06/2024

शून्यता लानी हैं शुद्धता नहीं. मुझसे पूछो तो मैं कहूंगा शून्यता ही एकमात्र शुद्धता है और जहां तक मन है वहां तक किसी न किसी रूप में वहां तक किसी न किसी रूप में अशुद्धता रहेगी. मन यानी भरा हुआ मन है क्या ?
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Osho5007












में उनके लिए नहीं हूं जिनकी अपनी किताब है अपना धर्म है में उनके लिए हूं जो संदेह से भरा है              जो सत्य का खोजी ...
31/05/2024

में उनके लिए नहीं हूं जिनकी अपनी किताब है
अपना धर्म है में उनके लिए हूं जो संदेह से भरा है
जो सत्य का खोजी है।
Osho5007












तुम बिल्कुल अनूठे हो, इसलिए तुम भूलकर भी किसी और के जैसा बनने कि कोशिश मत करना।Osho5007                                 ...
30/05/2024

तुम बिल्कुल अनूठे हो,
इसलिए तुम भूलकर भी
किसी और के जैसा बनने
कि कोशिश मत करना।

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कभी-कभी लोग इसलिए सच नहीं सुनना चाहते क्योंकि वे अपने भ्रम को टूटने नहीं देना चाहते।. Osho5007                          ...
30/05/2024

कभी-कभी लोग इसलिए
सच नहीं सुनना चाहते
क्योंकि वे अपने भ्रम को
टूटने नहीं देना चाहते।.

Osho5007













पूजाओ से धर्म का कोई संबंध नहीं हैं धर्म का संबंध हैं- शांत होने से, मौन होने से, शुन्य होने से ।Osho5007               ...
30/05/2024

पूजाओ से धर्म का कोई संबंध नहीं हैं
धर्म का संबंध हैं- शांत होने से,
मौन होने से, शुन्य होने से ।

Osho5007













तुम जब स्वयं को बदलना शुरू करते हो तो तुमने संसार को बदलना शुरू कर दिया तुम स्वयं संसार हो।Osho5007                     ...
29/05/2024

तुम जब स्वयं को बदलना शुरू करते हो
तो तुमने संसार को बदलना शुरू
कर दिया तुम स्वयं संसार हो।

Osho5007













अकेलापन आपको एक महत्वपूर्ण व्यक्ति से परिचय करवाएगा और वो व्यक्ति है स्वयं आप।Osho5007                                  ...
29/05/2024

अकेलापन आपको एक महत्वपूर्ण
व्यक्ति से परिचय करवाएगा
और वो व्यक्ति है स्वयं आप।

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