26/02/2021
. (Episode~126)26/02/21
प्रिय साथियों
नमस्कार।
बुधवार 24 फरवरी2021 को राजस्थान का बजट पेश हो गया।हर साल होता है और होता रहेगा।पिछले साल क्या हुआ, वो जनता को याद नहीं।इस साल क्या होगा उससे भी जनता को मतलब नहीं।क्यों कि हर साल बड़े बड़े वादे होते हैं, घपले-घोटाले होते हैं, कमीशन के खेल होते हैं।हर खेल में सफेदपोश खिलाड़ी होते हैं।जनता सिर्फ दर्शक के रूप में होती है।कुछ हमारे जैसे रैफरी जनता को जगाते रहते हैं।इस बार बजट में भीलवाड़ा शहर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल परिसर में ही 71 करोड़ रुपये की लागत से 205 बेड का नया भवन बनाने, शाहपुरा सेटेलाइट हॉस्पिटल को क्रमोन्नत कर जिला अस्पताल बनाने और 250 बेड लगाने की घोषणा की गई है।भवन भी बन जायेगा, बेड भी लग जायेंगे, बेड पर सोने वाले भी आ जायेंगे लेकिन पर्याप्त संख्या में डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मचारी भी आयेंगे या नहीं ? क्यों कि कोई भी अस्पताल केवल भवन या बेड से नहीं अपितु इन्हीं लोगों के बलबूते पर चलता है।आज भी अधिकांश पद रिक्त पड़े हैं।कई तरह की जाँच मशीनें धूल खा रही हैं।निःशुल्क मिलने वाली दवाओं की गुणवत्ता और अस्पताल में होने वाली जांचों पर प्रश्न चिन्ह लगते रहे हैं।इसी प्रकार प्रदेश में 50 नये सरकारी स्कूल, एक विश्वविद्यालय, एक डीम्ड विश्वविद्यालय, दस नये सरकारी कॉलेज,12 कन्या महाविद्यालय, 1200 नये अंग्रेजी माध्यम स्कूल, 600 स्कूलों में कृषि संकाय, 100 स्कूलों को क्रमोन्नत करने की बात कही गई है।क्या वर्तमान में चल रहे सभी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है ? विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त स्थान या भवन है ? धरातल पर सबकुछ विपरीत है।स्कूलों में यूनिफॉर्म, पाठ्यपुस्तकें निःशुल्क दी जाएंगी।जिस पर 470 करोड़ रुपये ख़र्च होंगे, सरकारी स्कूलों में 82 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट टी .वी. व सेट अप बॉक्स लगाये जायेंगे, विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में फ्री वाई फाई की सुविधा होगी।परन्तु कहीं भी पढ़ाई की गुणवत्ता को सुधारने की बात नहीं की गई।पैसा देकर खरीदने और निशुल्क बांटने का मजा ही कुछ और है।आखिर इतना सबकुछ बिना कमीशन के कैसे सम्भव हो पायेगा ? यदि पूरी ईमानदारी से काम किया तो फिर ऊपर वाले को क्या जवाब देंगे ? सच तो यह है कि आज भी प्रत्येक अस्पताल, पी. एच. सी., सी. एच. सी., डिस्पेंसरी,