01/11/2025
🌸 भजन – “संतमत की ज्योति जगाई” 🌸
(1)
महर्षि मेंहीं जगत पिता हैं,
हरिनंदन आज्ञाकारी।
गुरु परंपरा की ज्योति जगा के,
की सेवा तन-मन सारी।। 🌼
(2)
बाबा मेंहीं जहाँ तप किए,
वो धरती बनि बढ़भागी।
पावन हुई वह पुण्य धरा,
जग में जिसकी साख निराली।। 🌺
(3)
सत्य नाम की दीक्षा देकर,
सत्य मार्ग बतलाया।
मोह, द्वेष, अंधकार मिटाकर,
जीवन सुधा बरसाया।। 🌷
(4)
पाँच पाप को छोड़ो भाई,
चलो भक्ति के पथ प्यारे।
संतमत के सच्चे अनुयायी,
बनो हृदय उजियारे।। 🌸
(5)
पूज्य गुरु हरिनंदन प्रभु ने,
सबको शरण लगाई।
जग में प्रेम, करुणा फैलाई,
भक्ति दीप जलाई।। 🌼
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प्रस्तुति : Vigyan Anand
जय गुरु महाराज