चारण शक्ति

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दो शब्द : संचालक की ओर से

जय माताजी हुकुम,

वैदिक युग की अति प्राचीन जाति चारण, जो कृपाण व कलम की संवाहक, क्षात्र धर्म व इतिहास की संस्थापक, संस्कृति और हिन्दू धर्म की पूजारी। उसने इतना सब कुछ लिखा, पाला। परन्तु स्वयं के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी लिखकर कहा कि हम तो दुनिया की जानकारी रखते हैं फिर स्वयं अपने बारे में लिखने की क्या आवश्यकता?

हमने इसी चा

रण के मौन इतिहास के समग्र रूप में चारण समाज की ऐसी राष्ट्रीय "चारण शक्ति” वेबसाइट आपकी सेवा में प्रस्तुत की है। चारणों के समग्र इतिहास की लम्बे समय से जो कमी महसूस हो रही थी उसकी पूर्ति के प्रयास में "चारण शक्ति” वेबसाइट प्रस्तुत करते हुए प्रसन्नता अनुभव कर रहे है।

चारण समाज की पहली ऐसी राष्ट्रीय चारण शक्ति वेबसाइट Www.Charanshakti.Org जिसमे सभी प्रकार की जानकारियाँ अपडेट होती है, जहां अपने चारण बन्धु रहते है जैसे- राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, बिहार, कर्नाटक, ओड़िसा, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश इन सभी राज्यो के साथ व अन्य सभी संगठन, संस्थाओं के साथ जुड़कर माँ जगदंबा की असीम कृपा से 20 अक्टूबर 2014 से चारण शक्ति, ऑनलाइन वेबसाइट आपकी सेवा में प्रस्तुत किया था, चारण शक्ति वेबसाइट से आप सभी प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हो व वेबसाइट पर अपलोड भी करवा सकते हो, जो चारण समाज की उपयोगी जानकारी हो। हमारी इस वेबसाइट का मुख्य कार्य यही है चारण समाज के लिए उपयोगी डाटा का संग्रह कर इस डाटा में हमारी समस्त चारण समाज की पूरी जानकारी व चारण कवियो, देवी – देवताओं, संतो- सुरों, दातारों का उल्लेख, समाज गौरव उच्च सरकारी पदाधिकारियों का उल्लेख, गाँवों, चारण गोत्र वाइज जातियों की जानकारी, रोजगारपरक सूचनाओं व हमारे सभी कविजनों की रचनाओ को भी जगह दी जा रही है, एक विभिन्न समावेश लायक हस्तियों का भी बारीकी से स्थान दिया जा रहा है।

दिल्ली पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल पद पर नियुक्ति मिलने पर श्री मगराज आलावत सुपुत्र श्री सांवलदानजी आलावतठिकाणा - सिहान्द...
10/06/2024

दिल्ली पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल पद पर नियुक्ति मिलने पर श्री मगराज आलावत सुपुत्र श्री सांवलदानजी आलावत
ठिकाणा - सिहान्दा, जोधपुर को
हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।

10/06/2024

चारण वो कोम जिसकी पहचान ही चारण....
रण की चाह रखे वह चारण....

09/06/2024

एक शाम हरिया माताजी के नाम वाडका ( 11वाँ वार्षिक मेला ) 2024-06-09

चारण साहित्य समारोह-2024।। दूसरा चरण...
09/06/2024

चारण साहित्य समारोह-2024।। दूसरा चरण...

चारण साहित्य समारोह-2024 ।। पहला चरण...
09/06/2024

चारण साहित्य समारोह-2024 ।। पहला चरण...

सुश्री चेतना कुंवर सुरताणीया सुपुत्री श्री जबरदानजी चारण मिंडावास R.I (रेवन्यू इंस्पेक्टर) का NEET exam में अंतिम रूप से...
09/06/2024

सुश्री चेतना कुंवर सुरताणीया सुपुत्री श्री जबरदानजी चारण मिंडावास R.I (रेवन्यू इंस्पेक्टर) का NEET exam में अंतिम रूप से (673/720) चयन होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं.

09/06/2024

इतने गुणगान, इतना साथ सहयोग ओर इतना सम्मान अगर चारणों ने चारणों को दिया होता तो
ईशुदान गढ़वी
सुरेन्द्रसिंह जाडावत
केलाशदान गढ़वी व अन्य को

09/06/2024

*महाप्रतापी महाराणा प्रताप सिंह जी की जयंती (ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया) पर उन्हें कोटि कोटि नमन।*

*महाराणा प्रताप तथा दुरसाजी आढा*

दुरसा जी आढ़ा राष्ट्रीय विचारधारा के कवि थे। स्वतंत्रता प्रेमी एवं स्वाभिमानी महाराणा प्रताप, दुरसा आढा के लिए आदर्श व्यक्ति थे। दुरसा आढ़ा ने महाराणा प्रताप के इन गुणों से प्रभावित होकर 'विरूद छिहत्तरी' की रचना की। दुरसा आढ़ा महाराणा प्रताप के यशोगान में कई गीतों की रचना दुरसा की। महाराणा प्रताप से आढ़ा की प्रत्यक्ष भेंट नहीं हुई थी। महाराणा प्रताप दुरसा आढ़ा से प्रभावित थे। वे दुरसा आढ़ा को पुरस्कृत करना चाहते थे, परन्तु दुरसा आढा का महाराणा प्रताप के जीवन काल में मेवाड़ राज्य से प्रत्यक्ष सम्पर्क नहीं हो पाया था।

महाराणा प्रताप के मन की इस इच्छा का उनको वंशजों ने पूरा किया। महाराणा प्रताप के उत्तरवर्ती शासक महाराणा अमरसिंह, महाराणा कर्णसिंह, महाराणा जगतसिंह, आदि ने दुरसा आढ़ा को उपहार स्वरूप सांसण में गाँव दिये। दुरसा आढ़ा मेवाड़ के राणाओं से प्रभावित थे, वे मेवाड़ की भूमि को पुण्य भूमि मानते थे। यही कारण था कि आउवा धरणे के बाद दुरसा आढ़ा ने मारवाड़ में निवास करते हुए भी मेवाड़ से उत्पन्न अन्न तथा जल ग्रहण किया।

*दुरसा आढ़ा का मेवाड़ के गौरवान्वय में योगदान*

किसी भी व्यक्ति की लोकप्रियता में वृद्धि या कमी में संचार संसाधनों तथा साहित्य की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

मध्यकाल में इलेक्ट्रोनिक संचार के अभाव में साहित्य की भूमिका अधिक असर कारी होती थी। तत्कालीन समय में चारण अपनी साहित्यिक रचनाओं से बड़े- बड़े व्यक्तियों की कीर्ति तथा अपकीर्ति फैलाने की क्षमता रखते थे। ये कवि छोटी-छोटी घटनाओं को महिमा कर समाज के सामने रखते थे, परन्तु नाराज होने पर दुष्प्रचार करने से भी नहीं चूकते थे।

दुरसा आढ़ा ने इसी प्रकार महाराणा प्रताप का उचित यशोगान कर उनकी कीर्ति में वृद्धि की थी। महाराणा प्रताप के स्वाभिमानी तथा राष्ट्रभक्ति के गुण से दुरसा आढ़ा प्रभावित थे।

महाराणा प्रताप के स्वाभिमान तथा राष्ट्रप्रेम के गुण को दुरसा ने अपनी कृति 'विरुद छिहत्तरी' में इस प्रकार लिखा है।

*धिर नृप हिंदूथान, लातरगा मग लोभ लगा।*
*माता भूमि मान, पूजै राण प्रताप सी।।*

*अर्थ:-* हिन्दुस्थान के स्थिर राजा (श्रेष्ठ परम्परा के अनुगामी) भी लोभवश पथ भ्रष्ट हो गए हैं, परन्तु राणा प्रताप इस भूमि को अपनी माता मानकर इसकी पूजा करते है।

इस प्रकार महाराणा प्रताप की कीर्ति को फैलाने में दुरसा आढ़ा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। मेवाड़ की तत्कालीन राजधानी चावण्ड मे 19 जनवरी 1597 को महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गई। यह समाचार मुगल बादशाह अकबर के दरबार में पहुँचा। तब बादशाह अकबर उदास तथा हक्का-बक्का हो गया। उस समय दुरसा आढ़ा दरबार में उपस्थित थे। उसने अकबर की तत्कालीन मनोदशा को अच्छी तरह परखा तथा उसने तुरन्त एक छप्पय की रचना की। इस छप्पय को उसी समय दरबार में सुनाया जो इस प्रकार है -

*अस लेगो अणदाग, पाघ लेगो अणनामी।*
*गो आडा गवडाय, जिको बहतों धुरवामी।।*
*नवरोजे नह गयों, न गौ आतसा नवल्ली।*
*न गौ झरोखा हेठ, जेथ दुनियाण दहल्ली।।*
*गेहलोत राण जीती गयो, दसण मूंद रसण डसी।*
*नीसास मूक झरिया नयण, तो व्रत साह प्रताप सी।।*

*अर्थ:-* राणा प्रताप ने अपने घोड़े को दाग नहीं लगवाया तथा न ही किसी अन्य के सामने अपनी पगड़ी को झुकाया। जो धारा के विपरीत चला तथा अपने यश के गीत गवाए। वह नवरोजे (मुस्लिम नव वर्ष) बादशाह को बधाई देने हेतु नहीं गया तथा न ही उनके जलसे में शामिल हुआ। वह झरोखा दर्शन हेतु झरोखे के नीचे भी नहीं गया, जहाँ जाने के लिए दुनिया लालायित रहती थी। वास्तव में गेहलोत राणा विजयी हुआ। प्रताप सिंह तेरी मृत्यु पर बादशाह अकबर ने दाँतों से अपनी जीभ को चबाया तथा बादशाह ने लम्बे श्वास छोड़ते हुए अपनी आँखों से आँसू टपकाए।

यह सुनकर समस्त दरबारी सहम गए। उन्हें डर था कि जिस राणा प्रताप को अधीन करने के लिए बादशाह ने अपनी समस्त शक्ति लगा दी थी, उनकी प्रशंसा सुनकर बादशाह अवश्य दुरसा को दण्डित करेगा, परन्तु दुरसा आढ़ा ने तो निडर होकर छप्पय सुनाया था। बादशाह अकबर ने उनके छप्पय को सुनकर दरबार में कहा, कि दुरसा ने मेरी मनोदशा का सही चित्रण किया है। तत्पश्चात् दुरसा आढ़ा को पुरस्कृत भी किया।

इस प्रकार अकबर के दरबार में भी महाराणा प्रताप तथा मेवाड़ दोनों के लिए गौरवपूर्ण यशोदान कर दुरसा आढ़ा ने मेवाड़ की कीर्ति को समस्त भार वर्ष में फैलाया।

✍️चारण शक्ति - 099130 83073

*सदर्भ:-* महाराणा प्रताप एवं राष्ट्र कवि दुरसा दुरसा आढा


#स्वाभिमान_दिवस #महाराणा_प्रताप_जयंती
#महाराणा_प्रताप

09/06/2024

चारण साहित्य समारोह-2024

*महाप्रतापी महाराणा प्रताप सिंह जी की जयंती (ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया) पर उन्हें कोटि कोटि नमन।**जैसा व कैसा सौदा (देथा)* चा...
09/06/2024

*महाप्रतापी महाराणा प्रताप सिंह जी की जयंती (ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया) पर उन्हें कोटि कोटि नमन।*

*जैसा व कैसा सौदा (देथा)*

चारण माने "चाहरन" चाह+रन जिसके कर्म और वचन में जीवन और मरण-समरांगण रहा, जिसे युद्ध प्रिय हो-वह है चारण। इसी संदर्भ में सोन्याणा गाँव का निवासी जैसा व केसा सौदा (देथा) राणा प्रताप के पक्ष में हल्दीघाटी के युद्ध में लड़कर वीरगति को प्राप्त हुए।

मारवाड़ के रामासणी गाँव का रामा सांदू जिन्हें मेवाड़ में भी जागीर प्राप्त थी। सन् 1570 ई. में राणा के पक्ष में वीरता से लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की। जिन चारणों ने अस्सी धारों में बहकर अपने प्राण त्यागे, वे लाखों चारण इतिहास के मौन पृष्ठों में दबे पड़े हैं, उन्हें कोई पाना नहीं चाहता।

हल्दीघाटी के युद्ध में रामजी सान्दू के साथ तीन राजपूत 1. रांमसिंह तंवर, 2. झाला मानसिंह और 3. एक राठोड़ सिरदार बड़े पराक्रम से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उस प्रसंग का एक डींगल गीत प्रस्तुत है:-

*वडा त्रहूं राजवी, वकै एक चारण वडौ।*
*सदा मृतलाभ जोतां सढांमा।*
*आविया कांम मेवाड़ पह आगली।*
*रामसा, मांनसा, रांम, रांमा।।1।।*
*अपवीया कांम अकबर दळां आवियां।*
*भिड़ण परताप घलदाख जस भाव।*
*राव एक तुवरां, राव किणियागिरां।*
*राव राठौड़ इक सांदवां रावं।।2।।*
*रांण घल रौद दळ जिसा वीकमरो।*
*जोध अखैराज रो हुऔ जिसड़ौ।*
*जिसोही महाजुध हुऔ जैमाल रो।*
*तूंग धरमा तणौ हुऔ तिसड़ौ।।3।।*
*मचकते साथ भाराथ दाखै मछर।*
*मांड पग मूआ सिरदार मुरमेक।*
*आभरण कळा रण धीरहर आभरण।*
*आभरण वीरहर, अम्बहर एक।।4।।*

*अर्थ-* तीन क्षत्रिय राजवी व एक वीरवर चारण सदैव युद्ध में वीरता से लड़ते हुए मृत्यु को वरण करना चाहते थे। ये सभी हल्दीघाटी के युद्ध में मेवाड़ की रक्षा में काम आये। ये रामसिंह तंवर, मानसिंह झाला व एक राठोड़ व एक चारण रामजाजी सांदू थे।।1।।

*अर्थ-* अकबर की सेना से ये लड़ते हुए काम आए जिनको युद्ध कौशल व वीरगाथा सदैव अमर रहेगी। इनमें एक तुंवर वंश का राव है तो दूसरा जालोर के किणियागरका सोनगरा वंशधर है। फिर एक राठौड़ वंश का राव है तो दूसरा चारण जाति का सांदू शाखा का राव अर्थात् सिरमौर है ।।2।।

*अर्थ-* रांणा का यह विकट युद्ध जैसा प्रलंयकारी था, जैसा अखैराज का जैमल का अथवा धरमा का युद्ध हुआ था।।3।।

*अर्थ-* जिस समय राणा प्रताप की सेना दबने लगी। पराजय होने लगी उस समय तीन राजपूत व एक चारण ने अडिंग बनकर लड़ते हुए अपने प्राण त्यागे। वे अन्य कायर क्षत्रियों की तरह युद्ध से भागे नहीं। ये युद्धकौशल के आभूषण हैं। ये पराक्रम व वीरता के भी आभूषण ।।4।।

अकबर जब चित्तौड़ पर चढकर आया तब जयमल उससे सेनापति होकर लड़े थे। उस युद्ध में चारण सूरोजी बड़े पराक्रम से लड़ते हुए रणखेत रहे। इस प्रकार सुख व दुख में समीन सहभागी रहने वाले चारण-राजपूत के सनातन को वीर सूराजी चारण ने नया आयाम दिया। एक दोहा दृष्टव्य है-

*चारण भाई छत्रियां। साचो बोल संसार।।*
*चढियौ सूरौ चित्रागढ। अंग अधिके अधिकार॥1॥*

✍️चारण शक्ति - 099130 83073

*सदर्भ:-* चारण दिग्दर्शन


#स्वाभिमान_दिवस #महाराणा_प्रताप_जयंती
#महाराणा_प्रताप

09/06/2024

चारण साहित्य समारोह-2024, 2024-06-09

08/06/2024

आई श्री लूंग माताजी का 95 वां जन्मोत्सव समारोह, वलदरा लाईव 2024-06-08

08/06/2024

Live - आई श्री सगत लूँग माताजी का 95वां जन्मोत्सव समारोह (भव्य लोक डायरो) चिरजा गायन 2024-06-08

08/06/2024

"राजस्थानी भाषा पुरस्कार 2024, चयनित साहित्यकार श्री डॉ राजेन्द्र बारहठ जोधपुर, श्री महादानसिंह बारहठ भादरेश, श्री भंवर पृथ्वीराज रतनू बीकानेर, श्री हिम्मतसिंह उज्ज्वल भारोड़ी को शुभकामनाएं।

08/06/2024

लूंग माता जी के अनन्य भक्त लूंग मां सेवा संस्थान के सदस्य एडवोकेट अवधेश जी देवल द्वारा 95 वे जन्मोत्सव पर आमंत्रण

आदरणीय ओंकार सिंह लखावत के सम्मान में  ”डॉ शक्तिदान कविया स्मृति डिंगल साहित्य सम्मान” से सम्मानित कवि डूंगरदान आशिया द्...
08/06/2024

आदरणीय ओंकार सिंह लखावत के सम्मान में ”डॉ शक्तिदान कविया स्मृति डिंगल साहित्य सम्मान” से सम्मानित कवि डूंगरदान आशिया द्वारा लिखित गीत....
Onkar Singh Lakhawat

परम पूज्य हिंगलाज स्वरूपा सगत लूंग माँ के जन्मोत्सव पर सभी भक्तजनों को हार्दिक शुभकामनाएँ । मातेश्वरी की अनंत कृपा सदैव ...
08/06/2024

परम पूज्य हिंगलाज स्वरूपा सगत लूंग माँ के जन्मोत्सव पर सभी भक्तजनों को हार्दिक शुभकामनाएँ । मातेश्वरी की अनंत कृपा सदैव बनी रहे । जय सगत लूंग माँ!

*सगत लूंग माँ*
*अवतरण*
आद्य शक्ति हिंगलाज माँ, आवड़ माँ, खोडियार माँ, सेणल माँ, बहुचरा माँ, करणी माँ, राजल माँ, सोनल माँ की चारण कुल की दैविय परम्परा में सगत लूंग माँ का अवतरण हुआ है। लूंग माँ का जन्म विक्रम संवत 1987 की ज्येष्ठ सुदी बीज को सिरोही जिले के वलदरा गाँव में हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री अजीतदानजी दूदावत आशिया एवं माता का नाम मैतबाई था। लूंग माँ के एक बड़े भाई पाबुदानजी, छोटे भाई वरदीदानजी एवं दो बड़ी बहने है, जिनमें मीराबाई का ससुराल राबड़ियावास पाली है एवं दरीयाव बाई का ससुराल रूपावटी जालौर में है। लूंग माँ का ननीहाल सिरोही के स्वरूपगंज के पास स्थित पातुम्बरी गाँव में था।

*”लुंग बाईसा है शक्ति अवतार”*

*पुज्य गुरूजी की भविष्यवाणी*
श्री लूंग माँ की उम्र छः मास की थी उस वक्त पातुम्बरी गाँव की ओर जाते समय गाँव की नदी को जब ऊँट पर बैठकर पार किया जा रहा था तो लूँग माँ उस नदी में गिर गए थे परन्तु आश्चर्यजनक रूप से छः मास की बालिका नदी में ना तो डूबी और ना ही खरोंच लगी। आपके दैवीय स्वरूप की सर्वप्रथम पहचान अबूदरीये के महान मुनिजी महाराज तपस्वी एवं चमत्कारिक संत श्री श्री 1008 श्री मुनीजी महाराज ने की थी। एक बार की मूर्ति भ्रमण करते हुए जब मुनीजी महाराज गाँव पातुम्थरी में पहुंचे तो आपने वहाँ रावले के बाहर खेल रही एक बालिका के बारे में पूछा कि यह कन्या कौन है तो उन्हें बताया गया कि यह तो लूँग बाईसा है वलदरा गाँव की रहने वाली है तथा पातुम्बरी की भाणजी है तो मुनीजी महाराज ने कहा कि इनके नानेरियों को बुलाओ और जब वे आए तो उन्हें कहा कि धन्यभाग्य है आपके, आपके घर तो साक्षात जोगमाया ने अवतार लिया है। यह तो साक्षात जगदम्बा है। पूजा की थाली लाओ। तब मुनीजी महाराज ने स्वयं लूंग माँ की पूजा एवं सात बार परिक्रमा कर नमन किया। कालान्तर में यही मुनीजी महाराज सगत श्री लूंग माँ के गुरू जी बने।

*विवाह*
श्री लूंग माँ का विवाह वि.स. 2004 में मेवाड़ राज्य के ठिकाना धनायका के श्री भूरसिंहजी गांगणिया के साथ हुआ। भूरसिंह सा के पिताजी श्री चतरदान सा गांगणिया थे। जो कि तीन रियासतो मेवाड़, मारवाड़ एवं सिरोही के बागी थे। एक बार सिरोही जिले के बाघसिण ठिकाणे में पधारे जहाँ कि ठकुराईन ने आपको भाई बनाया हुआ था परन्तु उनके आने की खबर तीनों रियासतों को दे दी गई और इस प्रकार धोखे से आपको मिलेक्ट्री ने चारों तरफ से घेर लिया जहाँ आप उनसे लड़े और आखिरी गोली स्वयं को मार कर झुंझार हो गए।

*सगत श्री लूंग मां का पहला परचा एवं मां हिंगलाज का आदेश*
श्री लूंग माताजी ने अपने जीवनकाल का पहला परचा धनायका में दिया था। जब माताजी के पतिदेव धाडायत झुंझारजी श्री भुरसिंह सा पुलिस वालो के साथ मुठभेड में झुंझार हुऐ उसके बाद माताजी ने स्वयं को धनायका स्थित मकान की मेडी में अपने आप को बंद कर दिया दिन रात घुघट में ही रह कर तपस्या करने लगे। यहाँ तक कि अकेले में भी आप बूंघट में ही रहती थी। लूंग माँ ने झुंझारजी बावजी की एक छोटी सी मूर्ति की स्थापना कर उसे पूजने लगे। ससुराल वाले जब खाना खाने का आग्रह करते तो आप मेड़ी का दरवाजा खोलते खाना अन्दर रखने के बाद वापस दरवाजा बंद कर भक्ति में बैठ जाते। एक दिन जब आपने दरवाजा नहीं खोला और कोई हलचल नहीं हुई तब आपके देवर श्री मदनसिंहजी ने हवेली के गोखडे से देखा तो दंग रह गए। कमरे में सुखी रोटियों का ढेर पड़ा था और लूँग माँ भक्ति में लीन थी। तब पता चला कि आपने अन्न का त्याग कर दिया था। कुछ समय बाद लूँग माँ ने बहस्पति महाराज की मूर्ति स्थापना करवाई एवं उसके बाद एक दिन आपको सत चढ़ा। आपने चंदन की लकड़ीयों का जम्मर सजाने का आदेश दिया। जम्मर तैयार किया जाने लगा आपके ससुराल वालों ने आपको रोकने की कोशिश की मगर लूंग माँ नही माने तो आपके देवर श्री मदनसिंहजी ने अपने 8 वर्ष के पुत्र श्री जीवनसिंहजी को लूंग माँ की गोद में बिठा दिया इस प्रकार लूंग माँ को सती होने से रोक दिया गया। तब एक दिन आपको हीरा माँ एवं हरिया माँ ने सपने में आ कर आदेश दिया कि तुझे अब भक्ति करनी है। तब माँ ने पूछा कि किसकी भक्ति करनी है तो उन्होंने कहा तुझे पता चल जाएगा। अगले ही दिन दो युवतियाँ मेड़ी के पास से यूं गाती हुई गुजरी कि माँ हिंगलाज की आराधना कर, माँ हिंगलाज का आराधना कर तब लूंग माँ ने एक लकड़ी में माँ हिंगलाज का आव्हान कर मेडी की एक अलमारी में हिंगलाज माँ की मूर्ति की स्थापना की एवं हिगलाज माँ की भक्ति में लीन रहने लगे। आपने 12 वर्ष तक अन्न जल का त्याग कर माँ हिंगलाज की तपस्या की।

*श्री भुरसिंहजी का झुझार होना*
श्री चतरदान सा के झुंझार हो जाने के बाद श्री भूरसिंह सा ने भी बागी बनना स्वीकार किया और बागी जीवन जीने लगे। एक बार आपकी गोली से एक किसान मर गया उसकी औरत रोती कलपती आपके घर गई, जहाँ श्री लूंग माँ खीच कुट रहे थे, तो वह औरत रोती हुई यह विलाप करती आई कि मेरा सुहाग उजाड़ दिया। ममतामयी लूंग माँ के मुंह से तत्काल ही यह वाक्य निकल पडे कि जिसने तेरा यह हाल किया है छ: महीने में उसकी पत्नी भी तेरी जैसी हो जाये। बाद में माताजी को वास्तविकता का पता चला तब तक आप के मुहं से वचन निकल चुके थे। आपके मित्र ने आपको अपने घर दावत हेतु बुलाया और धोखे से पुलिस को सूचना कर दी। श्री भूरसिंह सा उस व्यक्ति के घर के उपर बने केल्हू पोश कमरे में थे और चारों और पुलिस ने घेरा डाल कर फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की आवाज सुन श्री लूंग माँ ने हवेली के उपरी कमरे झरोखे से उस तरफ देखा तभी श्री भूरसिंह सा ने यह सोचकर की मेरे बाद पुलिस परेशान करेगी। श्री लूंग माँ पर दो फायर किये मगर दोनों फायर खाली गए। इधर पुलिस ने श्री भूरसिंह सा पर चारों ओर से फायरिंग के साथ उस केल्हू पोश मकान के छप्पर में आग लगा दी। पुलिस के साथ मुठभेड़ करते श्री भूरसिंह सा का शरीर कई गोलियों से छलनी हो चुका पुलिस ने आपको पकड़ लिया और राजनगर लेकर गए। मगर तब तक आप झुंझार हो चुके थे। उनके शरीर से शीशा निकाला गया तब उनके शरीर में सवा सेर कलेजा निकला। आपकी बहादुरी देख आपके दुश्मन भी हत प्रभ रह गए।

*धनायका से वलदरा आगमन*
कुछ समय बाद आप को झुंझारजी बावजी की आज्ञा हुई की आप वलदरा चली जाओं। तब आप वलदरा पधारे एवं अपने घर के एक कमरे में भक्ति में लीन रहने लगे। आपने 12 वर्ष तक अन्न एवं जल का त्याग कर 12 साल तक अकेले में भी घूंघट निकालकर रखते थे। इस अवधि में माँ हिंगलाज की कठोर तपस्या की। वलदरा गाँव में भी एक बार पुनः आपको सत चढ़ा एवं जम्मर तैयार कर लिया परन्तु इस बार आपकी माताजी आपकी राह में लेट गए और सती होने के लिए अपने उपर हो कर जाने का कह कर आपको रोक लिया। उसी समय पुलिस भी आ गई एवं किसी ने यह भी कहा कि ये तो नाटक कर रही है तो माँ ने लगते जम्मर ने अपने हाथ डाले परन्तु आपके हाथ नहीं जले हाथों से कंकू गिरा तब पुलिस वाले भी हाथ जोड़ कर चले गए।

✍️चारण शक्ति - 099130 83073

#जयंती #चारण_शक्ति 🙏🏻 #चारण #जयंती_पर_शत्_शत्_नमन

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 45. सुश्री मंजू भादा (10वी) 82.33%46. श्री हरी...
07/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

45. सुश्री मंजू भादा (10वी) 82.33%

46. श्री हरी प्रताप देवल (10वीं) 82.00%

47. श्री भवानीसिंह सुरताणीया (10वीं) 81.50%

अंक प्राप्त करने पर *चारण शक्ति वेबसाइट* की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
हार्दिक अभिनंदन एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना।

✍️चारण शक्ति - 099130 83073

#10वीं_परीक्षा

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 41. श्री कार्तिक देपावत (10वीं) 90.17%42. सुश्...
07/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

41. श्री कार्तिक देपावत (10वीं) 90.17%

42. सुश्री अंजली चारण (10वीं) 90.00%

43. श्री महेशसिंह किनिया (10वीं) 88.80%

44. श्री मनीष बारहठ (10वीं) 84.17%

अंक प्राप्त करने पर *चारण शक्ति वेबसाइट* की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
हार्दिक अभिनंदन एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना।

✍️चारण शक्ति - 099130 83073

#10वीं_परीक्षा

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 37. सुश्री रमेश कंवर (10वीं) 93.00%38. सुश्री ...
07/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

37. सुश्री रमेश कंवर (10वीं) 93.00%

38. सुश्री यमुना कंवर चारण (10वीं) 92.17%

39. सुश्री चित्रा राजावत (10वीं) 91.33%

40. श्री जयपाल देथा (10वीं) 90.67%

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बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 33. श्री रमेशदान बारहठ (10वीं) 95.62%34. सुश्र...
07/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

33. श्री रमेशदान बारहठ (10वीं) 95.62%

34. सुश्री चंचल झीबा (10वीं) 94.67%

35. श्री यशपाल चारण (10वीं) 94.00%

36. श्री भूपेन्द्र रतनू (10वीं) 93.17%

अंक प्राप्त करने पर *चारण शक्ति वेबसाइट* की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
हार्दिक अभिनंदन एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना।

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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 29. सुश्री नेहा चारण (10वीं) 86.50%30. श्री आव...
07/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

29. सुश्री नेहा चारण (10वीं) 86.50%

30. श्री आवड़दान बारहठ (10वीं) 85.50%

31. श्री दिनेश वरसड़ा (10वीं) 84.00%

32. श्री युवराज देथा (10वीं) 82.50%

अंक प्राप्त करने पर *चारण शक्ति वेबसाइट* की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
हार्दिक अभिनंदन एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना।

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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 25. सुश्री स्नेहा देपावत (10वीं) 91.00%26. गढ़व...
07/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

25. सुश्री स्नेहा देपावत (10वीं) 91.00%

26. गढ़वी श्याम (10वी) 91.00%

27. सुश्री शुभिकासिंह (10वी) 89.20%

28. सुश्री वेदांगी देथा (10वीं) 87.00%

अंक प्राप्त करने पर *चारण शक्ति वेबसाइट* की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
हार्दिक अभिनंदन एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना।

✍️चारण शक्ति - 099130 83073

#10वीं_परीक्षा

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 21. श्री मयंक चारण (10वीं) 92.50%22. श्री पुरष...
07/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

21. श्री मयंक चारण (10वीं) 92.50%

22. श्री पुरषोत्तम बीठू (10वीं) 92.17%

23. श्री दिव्य प्रतापसिंह धर्मावत (10वीं) 92.17%

24. श्री यशपाल देथा (10वीं) 91.00%

अंक प्राप्त करने पर *चारण शक्ति वेबसाइट* की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
हार्दिक अभिनंदन एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना।

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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 17. श्री स्वरूपसिंह बारहठ (10वीं) 93.00%18. श्...
07/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

17. श्री स्वरूपसिंह बारहठ (10वीं) 93.00%

18. श्री श्रवणदान देथा (10वीं) 92.83%

19. श्री रविंद्र बारहठ (10वीं) 92.67%

20. श्री विक्रमसिंह मेहडू (10वीं) 92.67%

अंक प्राप्त करने पर *चारण शक्ति वेबसाइट* की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
हार्दिक अभिनंदन एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना।

✍️चारण शक्ति - 099130 83073

#10वीं_परीक्षा

*मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर चारण परंपरा का निर्वहन करने वाले अमर बलिदानी वासुदेवजी आशिया की जन्म जयंती दिवस ...
07/06/2024

*मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर चारण परंपरा का निर्वहन करने वाले अमर बलिदानी वासुदेवजी आशिया की जन्म जयंती दिवस पर उन्हें कोटि कोटि नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।*

*वीर वासुदेव आशिया - चारण शक्ति*
https://charanshakti.org/veer-vasudev-aashiya/veer-vasudev-aashiya/

चारण समाज कलम की लेखनी के साथ – साथ रणभूमि का वीर योदा भी रहा है। लेख समर्पित है बाड़मेर जिले के बलाऊ गांव के शहिद वासुदेव आशिया को जिन्होने मातृभूमि की रक्षार्थ वीरों की विजय गाथा में एक नया अध्याय जोड़ा है। शहीद की परम्परा में वासुदान आशिया का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले के बलाऊ गांव में 07 जून 1968 को हुआ शहीद वासुदान आशिया के पिता वाघदानजी आशिया एवं वीरवर की जननी मोहन कंवर हैं। वाघदानजी आशिया ने भी बी.एस.एफ. में सेवा दी एवं हेड कॉन्स्टेबल पद से सेवानिवृत हुए, शहीद ने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, बलाऊ जाटी से प्राप्त कर 22 वर्ष की आयु में 01 अप्रेल 1990 को बी. एस. एफ. जोईन किया। 10 वर्ष तक लगातार देश सेवा करते रहे जम्मु कश्मीर में श्रीनगर की बटमालु सब्जी मण्डी क्षेत्र में 03 जनवरी 2000 को हुए बम विष्फोट में सीमा सुरक्षा बल के कॉन्स्टेबल वासुदान आशिया शहीद हो गये। इनकी बटालियन का मुख्यालय नागोर था, लेकिन वर्तमान में जम्मु कश्मीर में तैनात थे। वासुदान आशिया का जोधपुर जिले के गांव सिंयांदा की प्रकाश कंवर के साथ विवाह हुआ। जिससे इनको दो पुत्र व एक पुत्री हुई। बड़े पुत्र भवानीदान आशिया शिक्षा विभाग में जालोर जिले के कोलर गांव में अपनी सेवाएं दे रहे है। पुत्री श्रीमती लीला आशिया का विवाह बाड़मेर जिले के झणकली में हुआ। वह भी शिक्षा विभाग में अध्यापिका पद पर जोधपुर जिले के मथानिया गांव में अपनी सेवाएं दे रही है। छोटे पुत्र दिनेश आशिया बी.एड. कर कम्पीटीशन की तैयारी कर रहे है। चार भाईयों में वासुदान आशिया दुसरे नम्बर के थे तथा सबसे बड़े भाई हिंगलाजदान आशिया चिकित्सा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे है। दो भाई सांवलदान आशिया सेवा निवृत बी. एस. एफ. एवं सबसे छोटे भाई जब्बरदान आशिया बी.एस.एफ. में सेवाएं दे रहे है। शहीद वासुदान आशिया का अन्तिम संस्कार 6 जनवरी 2000 को उनके पैतृक गांव बलाऊ सासण में पूर्ण राजकिय सम्मान के साथ किया गया। सीमा सुरक्षा के भंवरसिंह राठोड़, प्रतापसिंह चंदेल व महेन्द्रपाल ने शव पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को अन्तिम विदाई दी।

जिला कलेक्टर एम.के. हेमकार, पुलिस अधिक्षक संजय अग्रवाल पूर्व मंत्री मदनकौर, पूर्व मंत्री राजेन्द्र गहलोत सहित सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी व जन प्रतिनिधी ने पुष्पांजली अर्पित की एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहीद के परिवार से मिलकर सांत्वना प्रकट की। 21 अक्टुम्बर 2019 को गृह मन्त्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार सीमा सुरक्षा बल में शहीद हुए कार्मिक वासुदेव आशिया के पैतृक गांव बलाऊ सासण के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय जिसमें शहीद ने शिक्षा ग्रहण की थी फंटीयर मुख्यालय बी.एस.एफ. जोधपुर (राज.) के श्री रेखाराम ए.एस.आई. द्वारा श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया गया। शहीद की धर्मपत्नी श्री मती प्रकाश कंवर को बी.एस.एफ. के रेखा राम द्वारा शॉल ओढ़ाकर बहुमान किया गया। जिसमें ग्रामीण जनो के साथ सरपंच मूलाराम ने 2 मिनिट का मौन रखकर शहीद को श्रद्धांजलि दी। पूर्व सरपंच डूंगरदान चारण ने शहीद का जीवन परिचय दिया। ए.एस.आई. रेखाराम द्वारा शहीद की मुर्ति निर्माण हेतू आमजन से अनुरोध किया जिसमें उपस्थित जन समुदाय एवं सरपंच द्वारा भूमि चिन्हीत कर प्रस्ताव बनाने की सहमती दी। विद्यालय में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक श्री केशवदान ने युवा पीढ़ी को सेना में भर्ती होने हेतु प्रेरित किया। अंत में शहीद के जयघोष व भारत माता की जय के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में  13. श्री प्रवीण मेहडू (10वीं) 93.67%14. श्री ...
06/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

13. श्री प्रवीण मेहडू (10वीं) 93.67%

14. श्री राजेश बारहठ (10वी) 93.60%

15. सुश्री सरोज नरावत (10वीं) 93.50%

16. सुश्री भावना रतनू (10वीं) 93.50%

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बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
हार्दिक अभिनंदन एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना।

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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 09. श्री डूंगरदान बारहठ (10वी) 94.80%10. श्री ...
06/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

09. श्री डूंगरदान बारहठ (10वी) 94.80%

10. श्री प्रवीणसिंह मुहड़ (10वीं) 94.17%

11. सुश्री वंशिका चारण (10वी) 94.17%

12. श्री यशपालसिंह चारण (10वीं) 94.00%

अंक प्राप्त करने पर *चारण शक्ति वेबसाइट* की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
हार्दिक अभिनंदन एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना।

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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में 05. सुश्री हिमांशू रतनू (10वीं) 96.00%06. सुश्...
06/06/2024

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा आयोजित सेकेंडरी परीक्षा परिणाम में

05. सुश्री हिमांशू रतनू (10वीं) 96.00%

06. सुश्री अम्बिका रतनू (10वीं) 96.00%

07. श्री दीपक चारण (10वी) 95.00%

08. श्री अंकितसिंह देवल (10वी) 94.83%

अंक प्राप्त करने पर *चारण शक्ति वेबसाइट* की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।

बहुत खूब! आपकी शानदार सफलता से चारण समाज गौरवान्वित महसूस करता है।
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