18/04/2024
अब गांव में भी 90% #हल्दी बाजार से ही आती है किसी न किसी कंपनी की। उसका कितना आसान विकल्प हैं ये।
यदि बड़ा वृक्ष है तो जितने में नीचे छाया रहती है उतने में हल्दी लग जाए तो भी एक छोटे परिवार को हल्दी मिलती रहेगी. और ज्यादा वृक्ष हैं तो और ज्यादा लग जाए, क्या जरूरत है वृक्ष काटने की।
गांव, खेतों में बड़े बड़े पेड़ पौधे धीरे धीरे इंसान की नासमझी से सिर्फ इसलिए कटते गए की उसकी छाया में गेहूं, ज्वार, या कोई फसल नहीं होती। यहां तक कि न जाने कितने मुकदमे चल रहे होंगे लड़ाई झगड़े के सिर्फ इसलिए कि पड़ोसी के खेत में लगे पौधे की छाया दूसरे के खेत में जाती है, जिससे उतने एरिया में कोई फसल नहीं होती। भाई उतने एरिया में हम हल्दी, लगा सकते हैं इसको तो कोई आवारा पशु भी नहीं खाते, न ज्यादा कोई देख रख करनी है। हमारे पास विकल्प हैं फिर भी पेड़ काटने पर तुले रहते हैं।
पेड़ पौधे काटकर, प्रकृति को मिटा कर हम इंसान तरक्की तो क्या जिंदा भी नहीं रह सकते।
इसलिए पेड़ काटिए नहीं बल्कि उनके नीचे हल्दी लगाइए जहां भी छाया हो। बाकी पूरे एरिया में खेत में जो भी फसल लगानी हो वह लगाइए।
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