ॐ श्री परमात्मने नमः
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आज माघ शुक्ल दशमी सम्वत २०८०, वैदिक मंत्रोच्चार, स्वस्ति वाचन मन्त्र के द्वारा अद्भुत, अकल्पनीय और अब तक के जीवन का सबसे सुंदर जन्मदिन का उत्सव मनाया गया।
हमे तो पता था कि इस शनिवार की धर्म चर्चा नही हो पाई थी तो आज धर्म चर्चा होगी और जलपान होगा।
परंतु इतना सुंदर तैयारी कब हुई, पता भी न चला।
धर्म व आध्यात्म की बड़ी गूढ़ता से समझ रखने वाले लोकप्रिय समाज सेवी मेरे अभिभावक, बड़े भाई आदरणीय श्री अखिलेश दूबे भैया जी, आतिथ्य करने की कला में सबसे निपुण बड़े भाई श्री कैलाश नाथ दूबे जी, जन्मदिन को सुंदर ढंग से सजाने वाले बड़े भाई श्री अनुराग शुक्ल जी व सबसे शांत स्वभाव व बड़े ही सहज हृदय के प्रिय अनुज श्री सुशील मिश्र जी के सानिध्य ने आज मेरे जीवन का आज का जन्मदिन इतना सुंदर बना दिया कि आँखें भर आईं। सोचा था कि भोजन के बाद कुछ शब्दों में कृतज्ञता पूर्ण धन्य
जय श्री राम
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ईश्वर जीवहि भेद प्रभु, सकल कहौ समुझाइ।
जाते होई चरन रति, सोक मोह भ्रम जाइ।।
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री राम चरित मानस से एक सुंदर प्रसंग।
समय हो तो सुनिये, सुनाइये और जय श्री राम कहिये
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जय श्री राम
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ईश्वर जीवहि भेद प्रभु, सकल कहौ समुझाइ।
जाते होई चरन रति, सोक मोह भ्रम जाइ।।
श्री गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री राम चरित मानस से एक सुंदर प्रसंग।
समय हो तो सुनिये, सुनाइये और जय श्री राम कहिये
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अद्भुत अविश्वसनीय अकल्पनीय
अद्भुत अविश्वनीय अकल्पनीय
जय श्री राम
कर्नाटक में एक राम भक्त ने ११ दिनों के लिए अपने योग शक्ति के बल समाधि लिया था।और जब समय पूरा हुआ तो ,आप राम नाम के प्रताप को स्वयं अपनी आंखों से देखें 👇👇 जय श्री राम 🚩
#अयोध्याधाम #jaishriram #jaishreekrishna #Ram #mandir #yoga #vairlreels #fallowers
अयोध्या या भारत की सीमा में कही भी किसी व्यक्ति के नाम पर मस्जिद न बने।
🌹हमारे राम 🌹
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रावण की साधना के मूल में सत्ता और सिंहासन था, श्रीराम की साधना के मूल में समाज और अनुशासन है। इसलिए रावण नायक होने के बाद भी राजत्व से भरा रहा और श्रीराम राजा होने के बाद भी नायकत्व की आभा से दमकते रहे। रावण को अपने ज्ञान का अहंकार था और श्रीराम को अहंकार का ज्ञान था, रावण की उपासना में कामना थी उसे शिव से चाहिए था और श्रीराम कि उपासना में भावना है उन्हें शिव चाहिए हैं।
रामकथा पर आधारित नाटक ‘हमारे राम’ का मंचन 25 जनवरी से 28 जनवरी 2024 तक नई दिल्ली के कमानी सभागार में संपन्न होने जा रहा है, ‘BookMyShow’ पर इसके टिकट्स उपलब्ध हैं। आप सभी नाट्य प्रेमियों, कला प्रेमियों से निवेदन है यदि समय सुविधा हो तो हम कलाकारों के इस प्रयास को अवश्य देखें।
‘हमारे राम’ के लेखक मूर्धन्य साहित्यकार श्री नरेश कात्यायन व प्रिय राहुल र बुचर हैं। इसके गीत प्रिय आलोक श्रीवास