DasBhai Spiritual

DasBhai Spiritual हमारा उद्देश्य ☝️ विश्व के मानव को सत्य ज्ञान सुनाकर सनातनी बनाना है !

17/03/2024

संत गरीबदास जी महाराज जी के बोध दिवस के उपलक्ष्य में सभी आमंत्रित हैं

24/02/2024

Iskcon MyAshraya को हिला देने वाला वीडियो हुआ viral 😨🔥| संत रामपाल जी ने दिया Iskcon को बड़ा झटका 🚩 | DasBhai Spiritual

जिन भी भाईयों / बहनों को कष्ट है 🥹। दुख है 😥। 🏡 घर में कलेश  है कोई भी कार्य समय पर नही हो रहा है❗आप को एक YouTube Chann...
04/02/2024

जिन भी भाईयों / बहनों को कष्ट है 🥹। दुख है 😥। 🏡 घर में कलेश है कोई भी कार्य समय पर नही हो रहा है❗आप को एक YouTube Channel📱 बता रहा हूं सब्सक्राइब करके ज्ञान सुनना ✅
फिर देखो कैसे दुःख दूर होते हैं 📱
1️⃣ सबसे पहले YouTube खोलिए।
2️⃣ Sant Rampal Ji Maharaj लिख कर search कीजिए।
3️⃣ फिर Subscribe बटन पर क्लिक कीजिए।

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30/01/2024
09/01/2024
23/12/2023

कबीर, धन चाहे तो दान कर, मुक्ति चाहे जप नाम।
जो कोय दोनों इच्छा करे, सरे सबही काम।।

21/12/2023

सोया तो निष्फल गया जाग्यो सो फ़ल लेय
साहिब हक न राखसी
जब मांगो तब देय
🙏🎙️

अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पवित्र पुस्तक📚 हिन्दू साहेबान ! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण 📚Sant Rampal Ji Maharaj App से pdf ...
20/12/2023

अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पवित्र पुस्तक
📚 हिन्दू साहेबान ! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण 📚
Sant Rampal Ji Maharaj App से pdf डाउनलोड करें ⬇️🙏
👉 गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है, ना कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता है।

#आध्यात्मिक_ज्ञान_चर्चा

#गीता_तेरा_ज्ञान_अमृत

#श्रीमद्भगवद्गीता_का_यथार्थ_ज्ञान
#गीता

 #गीता_तेरा_ज्ञान_अमृत 🕉️ ✅पवित्र गीता जी अध्याय 9 श्लोक 25 में साफ लिखा है कि भूतों को पूजोगे तो भूतों की योनियों में ज...
17/12/2023

#गीता_तेरा_ज्ञान_अमृत 🕉️ ✅
पवित्र गीता जी अध्याय 9 श्लोक 25 में साफ लिखा है कि भूतों को पूजोगे तो भूतों की योनियों में जाओगे और पितर पूजोगे तो पितर योनि में जाओगे ।
👉❓फिर क्यों आप श्राद्ध कर्म, पिंड दान आदि करते हो? ये मोक्ष मार्ग के विपरीत क्रियाएं हैं।

✅अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पवित्र पुस्तक⬇️
📚 हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण 📚
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#श्रीमद्भगवद्गीता_का_यथार्थ_ज्ञान

#गीता

 #गीता_तेरा_ज्ञान_अमृत 🕉️🎙️गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उन...
17/12/2023

#गीता_तेरा_ज्ञान_अमृत 🕉️🎙️
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विधि को त्यागकर जो साधक मनमाना आचरण करते हैं उनको ना तो कोई सुख होता है ना कोई सिद्धि प्राप्त होती है तथा ना ही उनकी गति अर्थात मोक्ष होता है।


#श्रीमद्भगवद्गीता_का_यथार्थ_ज्ञान

#गीता

🕉️ तीर्थ स्थल केदारनाथ, पशुपतिनाथ की स्थापना कैसे हुई? 🤔🧐👉 जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक 📚🚩 "हिन्दू साहेबान ! न...
11/12/2023

🕉️ तीर्थ स्थल केदारनाथ, पशुपतिनाथ की स्थापना कैसे हुई? 🤔🧐
👉 जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक 📚
🚩 "हिन्दू साहेबान ! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण" 📚

#हिन्दू_साहेबान_नहीं_समझे_गीता_वेद_पुराण

#हिन्दू

गीता जी अध्याय 17 के श्लोक 4 में कहा गया है कि तामसी स्वभाव के मनुष्य पितरों, भूतों आदि की पूजा करते हैं। इसका मतलब है क...
01/10/2023

गीता जी अध्याय 17 के श्लोक 4 में कहा गया है कि तामसी स्वभाव के मनुष्य पितरों, भूतों आदि की पूजा करते हैं। इसका मतलब है कि गीता के अनुसार श्राद्ध निकालना गलत है।
#श्राद्ध_शास्त्रविरुद्ध_साधना



कृपया देखें शिव महापुराण प्रमाण नीचे फ़ोटो में ⬇️ 22 अगस्त 2023 को 1st India News Channel  के एक दोगले एंकर Vijender Sol...
25/08/2023

कृपया देखें शिव महापुराण प्रमाण नीचे फ़ोटो में ⬇️
22 अगस्त 2023 को 1st India News Channel के एक दोगले एंकर Vijender Solanki जी ने संत रामपाल जी महाराज की लिखित पुस्तक "अंध श्रद्धा भक्ति खतरा ए जान" को फाड़कर फेंक दिया था !
आओ ज्ञान के मैदान में देखो प्रमाण , अब आप भाग नहीं सकते Jawab To Dena Padega

#आखिर_ऊंट_आ_ही_गया_पहाड़केनीचे

25/08/2023

1st India News Channel के न्यूज़ एंकर विजेंद्र सोलंकी जी आपके ज्ञान का अंदाजा तो आपकी दोगली बातों से ही लगा लिया था दर्शकों ने !
संत रामपाल जी महाराज ने पवित्र हिन्दू धर्म में पाखंड ,आडम्बर व गलत साधना का विरोध कर के ब्रह्मा विष्णु महेश की सच्ची साधना बताई है !
😀 आपके किताब फाड़ने से क्या सच छुप जायेगा ?
आओ मैदान में करो शास्त्रों से मिलान जनता को भी पता चले कौन सच्चा है और कौन दोगला 😄 कब तक भागोगे ? Jawab To Dena Padega 🔥🫡

#आखिर_ऊंट_आ_ही_गया_पहाड़केनीचे

"वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं,  ी_पर_मौजूद_है"👇8 सितंबर को आप सभी सादर आमंत्रित हैं, उस तारणहार महापुरुष के अ...
24/08/2023

"वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं, ी_पर_मौजूद_है"
👇

8 सितंबर को आप सभी सादर आमंत्रित हैं, उस तारणहार महापुरुष के अवतरण दिवस के महापर्व पर, जिनके बारे में मथुरा के जयगुरुदेव ने सन् 1971 में ऐतिहासिक भविष्यवाणी कर दी थी👇

"वह अवतार जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं, उसका जन्म भारतवर्ष के छोटे से गाँव में हो चुका है और वह 20 वर्ष का हो चुका है।"

"यदि उसका पता बता दूं, तो लोग उसके पीछे पड़ जायेंगे। वह व्यक्ति मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति बनेगा।"

"उसे जनता का इतना बड़ा समर्थन प्राप्त होगा की आज तक किसी को नहीं मिला है। वह महापुरुष नए सिरे से विधान को बनायेगा और वह विश्व के संपूर्ण देशों पर लागू होगा। उसका एक झंडा होगा और एक भाषा होगी।"

#संतरामपालजीमहाराज




24/08/2023

#आखिर_ऊंट_आ_ही_गया_पहाड़केनीचे
ज्ञान और अज्ञान के मैदान में 🔥

Jawab To Dena Padega 1st India News Channel

सतगुरु देव जी की दया से परमात्मा जी के आदेश अनुसार धनाना धाम में घेवर राम की सेवा करते हुए भक्तजन...🤲🙇
03/08/2023

सतगुरु देव जी की दया से परमात्मा जी के आदेश अनुसार धनाना धाम में घेवर राम की सेवा करते हुए भक्तजन...🤲🙇


05/07/2023

संत रामपाल जी महाराज जी का लाइव सत्संग ☝️✅

04/07/2023

संत रामपाल जी महाराज का लाइव सत्संग 🙏🔥

देश 🌍 में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली आध्यात्मिक सामाजिक पुस्तक ɢʏᴀɴ ɢᴀɴɢᴀ 📖 जिसमें सभी धर्म 🕉️☪️✝️🛐शास्त्रों का अद्भुत ज...
30/06/2023

देश 🌍 में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली आध्यात्मिक सामाजिक पुस्तक ɢʏᴀɴ ɢᴀɴɢᴀ 📖 जिसमें सभी धर्म 🕉️☪️✝️🛐शास्त्रों का अद्भुत ज्ञान है तथा सुखी जीवन जीने की सरल व सुगम राह भी है।😇

• इस पुस्तक को पढ़ने मात्र से सारी बुराइयां छूट जाती है।।

👆🏻तो अभी ऑर्डर करें ये पुस्तक ɢʏᴀɴ ɢᴀɴɢᴀ जिसमें सद्ग्रंथो का सार है 📚 बिलकुल ᖴᖇEE।📱

✍️लेखक: जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज

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🙏🏻धन्यवाद!!🙏🏻

Must Read 🙏☝️
30/06/2023

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#ज्ञानगंगा_Part66

गीता ज्ञान दाता की उत्पत्ति का संकेत
अध्याय 10 के श्लोक 2 में कहा है कि अर्जुन मेरी उत्पत्ति (जन्म) को न तो देवता जानते हैं, न ही महर्षि जन जानते हैं क्योंकि यह सब मेरे से पैदा हुए हैं। इससे स्वसिद्ध है कि ब्रह्म (काल) की उत्पति तो हुई है परंतु देवता व ऋषि नहीं जानते। जैसे पिता जी की उत्पत्ति को बच्चे नहीं बता सकते, परन्तु दादा जी जानता है। इसी प्रकार इक्कीस ब्रह्मण्ड मंे सर्व देव-ऋषि आदि ज्योति निरंजन - ब्रह्म अर्थात् काल तथा प्रकृति (दुर्गा) के संयोग से उत्पन्न हुए हैं। इसलिए कह रहा है कि मेरी उत्पत्ति को इक्कीस ब्रह्मण्डों में कोई नहीं जानता, क्योंकि सर्व की उत्पत्ति मेरे से हुई है। केवल पूर्ण ब्रह्म ही काल (ब्रह्म) की उत्पत्ति बता सकता है। क्योंकि ब्रह्म (काल) की उत्पत्ति परम अक्षर ब्रह्म (पूर्ण ब्रह्म) से हुई है। जिसका गीता जी के अध्याय 3 के श्लोक 14,15 में ब्रह्म की उत्पत्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। अध्याय 10 के श्लोक 3 जो तत्वदर्शी अर्थात् विद्वान व्यक्ति मुझे तथा कभी न जन्म लेने वाले सर्व लोकों के महेश्वर अर्थात् अविनाशी परमात्मा को जानता है वह चारों वेदों (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद तथा अथर्ववेद) को जानता है वह तत्वदर्शी सन्त है। उस के द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना करने से सर्व पाप नष्ट हो जाते हैं। गीता जी के अध्याय 15 के श्लोक 16ए17,18 में वर्णन है कि पूर्ण परमात्मा अविनाशी तो अन्य ही है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण-पोषण करता है। मुझ (काल) को तो केवल इसलिए पुरुषोत्तम कहते हैं क्योंकि मैं इक्कीस ब्रह्मण्डों में मेरे आधीन स्थूल शरीर में नाशवान प्राणियों तथा अविनाशी जीवात्मा से उत्तम हूँ। इसलिए मुझे लोक वेद अर्थात् दन्त कथाओं के आधार से पुरुषोत्तम कहा है परंतु वास्तव में मैं अविनाशी या पालन कत्र्ता नहीं हूँ। गीता जी के अध्याय नं. 3 के श्लोक 14,15 में कहा है कि सर्वजीव अन्न से उत्पन्न होते हैं, अन्न वर्षा से होता है, वर्षा यज्ञ से होती है, यज्ञ शुभकर्मों से, कर्म ब्रह्म से उत्पन्न हुए। ब्रह्म अविनाशी परमात्मा से उत्पन्न हुआ। वही अविनाशी सर्वव्यापक परमात्मा ही यज्ञों में प्रतिष्ठित है, यज्ञों में पूज्य है, वही यज्ञों का फल भी देता है अर्थात् वास्तव में अधियज्ञ भी वही है।

फिर गीता जी के अध्याय 10 के श्लोक नं 2 में कहा है कि मेरी उत्पत्ति (प्रभवम्) को कोई नहीं जानता है। इससे सिद्ध है कि काल (ब्रह्म) भी उत्पन्न हुआ है। इसलिए यह कहीं पर आकार में भी है। नहीं तो कृष्ण जी तो अर्जुन के सामने ही खड़े थे। वे तो कह ही नहीं सकते कि मैं अनादि अजम (अजन्मा) हूँ। यह सर्व काल (अदृश ब्रह्म) ही श्री कृष्ण जी के शरीर में जीवस्थ रूप (प्रेतवत् प्रवेश करके) से बोल कर अपनी प्रतिष्ठा (स्थिति) की सही जानकारी गीता रूप में दे गया।

उपरोक्त विवरण से गीता जी में सिद्ध हुआ कि ब्रह्म की उत्पत्ति पूर्णब्रह्म से हुई है। यही प्रमाण अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 3 में भी है, कृपया निम्न पढ़ें-

काण्ड नं. 4 अनुवाक नं. 1 मंत्र नं. 3:-

प्र यो जज्ञे विद्वानस्य बन्धुर्विश्वा देवानां जनिमा विवक्ति।
ब्रह्म ब्रह्मण उज्जभार मध्यान्नीचैरुच्चैः स्वधा अभि प्र तस्थौ।।3।।

प्र यः जज्ञे विद्वानस्य बन्धुः विश्वा देवानाम् जनिमा विवक्ति ब्रह्मः ब्रह्मणः उज्जभार मध्यात् निचैः उच्चैः स्वधा अभिः प्रतस्थौ

अनुवाद:- (प्र) सर्व प्रथम (देवानाम्) देवताओं व ब्रह्मण्डों की (जज्ञे) उत्पति के ज्ञान को (विद्वानस्य) जिज्ञासु भक्त का (यः) जो (बन्धुः) वास्तविक साथी अर्थात् पूर्ण परमात्मा ही अपने निज सेवक को (जनिमा) सर्व की उत्पत्ति कत्र्ता अपने द्वारा सृजन किए हुए को (विवक्ति) स्वयं ही ठीक-ठीक विस्तार पूर्वक बताता है कि (ब्रह्मणः) पूर्ण परमात्मा ने (मध्यात्) अपने मध्य से अर्थात् शब्द शक्ति से (ब्रह्मः) ब्रह्म-क्षर पुरूष अर्थात् काल को (उज्जभार) उत्पन्न करके (विश्वा) सारे संसार को अर्थात् सर्व लोकों को (उच्चैः) ऊपर सतलोक आदि (निचैः) नीचे परब्रह्म व ब्रह्म के सर्व ब्रह्मण्ड (स्वधा) अपनी धारण करने वाली (अभिः) आकर्षण शक्ति से (प्रतस्थौ) दोनों को अच्छी प्रकार स्थित किया।

भावार्थ:- पूर्ण परमात्मा अपने द्वारा रची सृष्टि का ज्ञान तथा सर्व आत्माओं की उत्पत्ति का ज्ञान अपने निजी दास को स्वयं ही सही बताता है कि पूर्ण परमात्मा ने अपने मध्य अर्थात् अपने शरीर से अपनी शब्द शक्ति के द्वारा ब्रह्म (क्षर पुरुष-काल) की उत्पत्ति की तथा सर्व ब्रह्मण्डों को ऊपर सतलोक, अलख लोक, अगम लोक, अनामी लोक आदि तथा नीचे परब्रह्म के सात संख ब्रह्मण्ड तथा ब्रह्म के 21 ब्रह्मण्डों को अपनी धारण करने वाली आकर्षण शक्ति से ठहराया हुआ है। जैसे पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर (कविर्देव) ने अपने निजी सेवक अर्थात् सखा श्री धर्मदास जी, आदरणीय गरीबदास जी आदि को अपने द्वारा रची सृष्टि का ज्ञान स्वयं ही बताया। उपरोक्त वेद मंत्र भी यही समर्थन कर रहा है।

काण्ड नं. 4 अनुवाक नं. 1 मंत्र 7

योऽथर्वाणं पितरं देवबन्धुं बृहस्पतिं नमसाव च गच्छात्।
त्वं विश्वेषां जनिता यथासः कविर्देवो न दभायत् स्वधावान्।।7।।

यः अथर्वाणम् पितरम् देवबन्धुम् बृहस्पतिम् नमसा अव च गच्छात् त्वम् विश्वेषाम् जनिता यथा सः कविर्देवः न दभायत् स्वधावान्

अनुवाद:- (यः) जो (अथर्वाणम्) अचल अर्थात् अविनाशी (पितरम्) जगत पिता (देवबन्धुम्) भक्तों का वास्तविक साथी अर्थात् आत्मा का आधार (बृहस्पतिम्) जगतगुरु (च) तथा (नमसा) विनम्र पुजारी अर्थात् विधिवत् साधक को (अव) सुरक्षा के साथ (गच्छात्) सतलोक गए हुओं को सतलोक ले जाने वाला (विश्वेषाम्) सर्व ब्रह्मण्डों की (जनिता) रचना करने वाला जगदम्बा अर्थात् माता वाले गुणों से भी युक्त (न दभायत्) काल की तरह धोखा न देने वाले (स्वधावान्) स्वभाव अर्थात् गुणों वाला (यथा) ज्यों का त्यों अर्थात् वैसा ही (सः) वह (त्वम्) आप (कविर्देवः कविर्-देवः) कविर्देव है अर्थात् भाषा भिन्न इसे कबीर परमेश्वर भी कहते हैं।

भावार्थ:- इस मंत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया कि उस परमेश्वर का नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है, जिसने सर्व रचना की है।

जो परमेश्वर अचल अर्थात् वास्तव में अविनाशी (गीता अध्याय 15 श्लोक 16-17 में भी प्रमाण है) जगत् गुरु, आत्माधार, जो पूर्ण मुक्त होकर सतलोक गए हैं उनको सतलोक ले जाने वाला, सर्व ब्रह्मण्डों का रचनहार, काल (ब्रह्म) की तरह धोखा न देने वाला ज्यों का त्यों वह स्वयं कविर्देव अर्थात् कबीर प्रभु है। यही परमेश्वर सर्व ब्रह्मण्डों व प्राणियों को अपनी शब्द शक्ति से उत्पन्न करने के कारण (जनिता) माता भी कहलाता है तथा (पितरम्) पिता तथा (बन्धु) भाई भी वास्तव में यही है तथा (देव) परमेश्वर भी यही है। इसलिए इसी कविर्देव (कबीर परमेश्वर) की स्तुति किया करते हैं। त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धु च सखा त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम् देव देव। इसी परमेश्वर की महिमा का पवित्र ऋग्वेद मण्डल नं 1 सूक्त नं. 24 में विस्तृत विवरण है।

प्रश्न - वेदों में कविर् अर्थात् कबीर नाम का विवरण कैसे आया ? वेद तो सृष्टि के प्रारम्भ में प्राप्त हुए थे। कविर्देव (कबीर परमेश्वर) तो सन् 1398 में उत्पन्न हुए हैं?

उत्तर - पूर्ण परमात्मा का वास्तविक नाम कविर्देव है तथा उपमात्मक नाम सतपुरुष, परम अक्षर ब्रह्म, पूर्ण ब्रह्म आदि हैं। जैसे देश के प्रधान मंत्री जी का शरीर का नाम कुछ और होता है तथा प्रधानमंत्री, प्राईममिनिस्टर आदि पद के नाम हैं। यही पूर्ण परमात्मा कविर्देव नामान्तरण करके चारों युगों में आए है तथा सृष्टि व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी (अनामय) लोक में मानव सदृश शरीर में कविर्देव नाम से विद्यमान थे। वहीं कविर्देव फिर सतलोक की रचना करके सतलोक में विराजमान हो गए। तत् पश्चात् परब्रह्म तथा ब्रह्म के सर्व लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।

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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।

संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry

📖लाइफ चेंजिंग बुक 📕🇮🇳 हिंदुस्तान के हर कोने-कोने में परम संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित यह पवित्र आध्यात्मिक पुस्तक 📖...
29/06/2023

📖लाइफ चेंजिंग बुक 📕

🇮🇳 हिंदुस्तान के हर कोने-कोने में परम संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित यह पवित्र आध्यात्मिक पुस्तक 📖 " #ज्ञान गंगा" पहुचं गयी.......!

➡️ आप भी पीछे न रहे ऑडर करने के लिए अपना पूरा पता comment बॉक्स में दें जी ।
नाम..
गांव/शहर-
पोस्ट -
जिला-.
पिनकोड-
राज्य-
मोबाइल नम्बर...
जिसने भी पढ़ी केवल एक ही बात कह रहा है, #भाई_ज़िन्दगी_बदल_गई
क्योंकि इसमें हमारे मन मे उठने वाले सभी आध्यत्मिक शंकाओं का पूर्ण प्रमाणित समाधान है ।

*ज्ञान गंगा* ☝️🏳️

""बुक 'ज्ञान गंगा' जिसने दिखाई हमे सही सत्यभक्ति की राह""
आज हमारे पास बहुत रुपये है,बहुत शान शौकत है फिर भी हम कही न कही दुःखी है क्यों ??

➡️ क्योंकि हमारे पास सही जीने की राह व "सच्चा सतगुरु" सच्चा मार्ग दिखाने वाला नही है ....!

➡️ सबसे बड़ी कमी है आध्यात्मिक ज्ञान की जो हमे सही नही मिली कि हमारे मनुष्य जन्म की खोज पूरी हो सके और हमारी आत्मा संतुष्ट हो सके।





Dowry free marriage 🥰 in Belgium 😍 #दहेज_मुक्त_भारत_अभियानDowry Free Marriage💐💐💐💐💐💐💐संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना द...
20/12/2022

Dowry free marriage 🥰 in Belgium 😍

#दहेज_मुक्त_भारत_अभियान

Dowry Free Marriage
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संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना दहेज के 17 मिनट में रमैनी (शादी) करके, खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
☘️☘️☘️☘️☘️☘️☘️☘️
👉अधिक जानकारी के लिए सत्संग सुनें Popcon चैनल शाम 7:30

जन जन तक पहुँच रहा है संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान भारत के बाद अब बेल्जियम देश में संत रामपाल जी के अनुयायिओं ने किया द...
19/12/2022

जन जन तक पहुँच रहा है संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान भारत के बाद अब बेल्जियम देश में संत रामपाल जी के अनुयायिओं ने किया दहेज मुक्त विवाह(रमैनी)

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