Mohan

Mohan Mohan kumawat sarli

30/12/2023
30/12/2023

श्री सालासर बालाजी दैनिक दिव्य दर्शन 29, दिसंबर 2023, शुक्रवार 🚩 Shree Salasar Balaji Daily Divya Darshan

Shree Salasar Balaji Dham Mandir, Rajasthan

#सालासर #बालाजी #हनुमान

Welcome CM Barmer
28/05/2023

Welcome CM Barmer

मिलेगा साथ आपका और लिखेंगे नया इतिहास।उम्मीदों के कंधे चढ़कर, कायम रखूंगा आपका विश्वास।।  Vinod Prajapati Sandeep Saini
21/01/2023

मिलेगा साथ आपका और लिखेंगे नया इतिहास।
उम्मीदों के कंधे चढ़कर, कायम रखूंगा आपका विश्वास।।



Vinod Prajapati Sandeep Saini

01/01/2023

Happy new year ❣️

उन्हें लगा था कि डरा लेंगे.... ❤️❤️🇮🇳
21/06/2022

उन्हें लगा था कि डरा लेंगे.... ❤️❤️🇮🇳

130 करोड़ देशवासियों की सशक्त आवाज, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष आदरणीय श्री राहुल गांधी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं ...
19/06/2022

130 करोड़ देशवासियों की सशक्त आवाज, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष आदरणीय श्री राहुल गांधी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
आपके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।

04/06/2022

जय बजरंगबली कृपा से बड़े भाइयों के आशीर्वाद से मेरे चाहने वाले दोस्तों बुजुर्गों के आशीर्वाद से मेरे बाड़मेर घर की शुरुआत की निमी दीनी आगे भी भरोसा है कि ऐसे ही प्यार और बना रहे सभी लोगों का मेरे ऊपर खासकर मेरे बजरंगबली की कृपा बनी रहे राम राम सा

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद व शिव के पूर्व विधायक व राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष आदरणीय कर्नल M...
19/05/2022

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद व शिव के पूर्व विधायक व राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष आदरणीय कर्नल Manvendra Singh Jasol जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

30/12/2021

Good night

19/12/2021

Good morning

15/10/2021

जो खुश नहीं होना चाहते,
उन्हें कोई खुश नहीं कर सकता.
और जो खुश रहने का हुनर जानते हैं,
उन्हें कोई खुश रहने से नहीं रोक सकता।

जो खुश नहीं होना चाहते,उन्हें कोई खुश नहीं कर सकता.और जो खुश रहने का हुनर जानते हैं,उन्हें कोई खुश रहने से नहीं रोक सकता...
15/10/2021

जो खुश नहीं होना चाहते,
उन्हें कोई खुश नहीं कर सकता.
और जो खुश रहने का हुनर जानते हैं,
उन्हें कोई खुश रहने से नहीं रोक सकता।

Mohan kumawat sarli

10/10/2021

*देश भक्त मुर्गी*

मुर्गी अंडे दे रही थी और मालिक बेच रहा था।

मुर्गी देशहित में अंडे दे रही थी।
उसके मालिक ने कहा था-
’’आज राष्ट्र को तुम्हारे अंडों की जरूरत है।

यदि तुम चाहती हो कि तुम्हारा घर सोने का बन जाये तो जम के अंडे दिया करो।

आज तक तुमसे अंडे तो लिये गये लेकिन तुम्हारा घर किसी ने सोने का नही बनवाया। यह कार्य हम करेंगे। तुम्हारा विकास करके छोड़ेंगे।’’

मुर्गी खुशी से नाचने लगी।
उसने सोचा देश को मेरी भी जरूरत पड़ती है।
वाह मैं एक क्या कल से दो अंडे दूंगी। देश है तो मैं हूं।

वह दो अंडे देने लगी।
मालिक खुश था।
अंडे बेचकर खूब पैसे कमा रहा था।

मालिक निहायत लालची सेठ था।
उसने मुर्गी की खुराक कम कर दी। मुर्गी चौंकी !

मुर्गी ने पूछा ’’आज मुझे पर्याप्त खुराक नहीं दी गई। कोई समस्या है क्या ?’’

मालिक ने कहा- ’’देश आज संकट में है। देश हित में आज त्याग की जरूरत है। अब देश हित में आधा अन्न से ही गुजारा करना पड़ेगा। देश भक्ति में चूर मुर्गी ने कहा आप चिंता ना करें मालिक ! में देशहित में हर संकट सहने को तैयार हूँ।’’

मुर्गी आधा पेट खाकर अंडे देने लगी। मालिक अंडे बेचकर अपना घर भर रहा था।

बरसात में मुर्गी का घर नहीं बन पाया।
मुर्गी बोली- आप मेरे सारे अंडे ले रहे हैं। मुझे आधा पेट खाने को दे रहे है। कहा था कि घर सोने का बनेगा। नहीं बना। कम से कम मेरे घर की मरम्मत तो करवा दो।

मालिक भावुक हो गया।
बोला "तुमने कभी सोचा है इस देश में कितनी मुर्गियां हैं जिनके सर पर छत नहीं हैं। रात-रात भर रोती रहती हैं। तुम्हें अपनी पड़ी है। तुम्हें देश के बारे में सोचना चाहिए। अपने लिए सोचना तो स्वार्थ है।’’

मुर्गी चुप हो गई। देशहित में मौन रहने में ही उसने भलाई समझी।
अब वह अंडे नहीं दे पा रही थी।
कमजोर हो गई थी।
न खाने का ठिकाना न रहने का।

वह बोलना चाहती थी लेकिन भयभीत थी।
वह पूछना चाहती थी-
"इतने पैसे जो जमा कर रहे हो- वह क्यों और किसके लिए ?
देशहित में कितना लगाया है ?"
लेकिन पूछ नहीं पाई।

एक दिन मालिक आया और बोला- ’’मेरी प्यारी मुर्गी तुझे देशहित में मरना पड़ेगा। देश तुमसे बलिदान मांग रहा है। तुम्हारी मौत हजारों मुर्गियों को जीवन देगा।’’

मुर्गी बोली "लेकिन मालिक मैने तो देश के लिय बहुत कुछ दिया है,"

मालिक ने कहा अब तुम्हे शहीद होना पड़ेगा।
बेचारी मुर्गी को अब सब कुछ समझ आ गया था।
लेकिन अब वक्त जा चुका था और मुर्गी कमज़ोर हो चुकी थी,

मालिक ने मुर्गी को बेच दिया।
मुर्गी किसी बड़े भूखे सेठ के पेट का भोजन बन चुकी थी।
*आखिर मुर्गी देशहित में शहीद हो गई.*

*नोट-* जो आप सोच रहे हैं ऐसा बिल्कुल भी नही है। ये सिर्फ एक मुर्गी की कहानी है। आप देशहित में त्याग करते रहिए महंगाई बेरोजगारी भुखमरी इन पर ध्यान मत दीजिए, मालिक पर भरोसा रखिए, आखिर एक दिन सभी को दुनिया से जाना है। सभी भक्तों को देश हित में बिना चूं चपड़ किए अंधभक्त बना रहना चाहिए।
----बोलना सवाल करना आपको गद्दार बना सकता है‐--

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