10/05/2022
एक दलित युवा मान्यवर काशीराम के मिशन की चिंता मे पुरा 1 मिलीग्राम वजन कम करके कहता है कि मायावती को अब सन्यास ले ही लेना चाहिए| यही बात वो दो चार जिंदगी का तजुर्बा रखने वाले दलित समाज के बुजूर्गो के बीच भी कहता है और उनसे पुछता है कि मायावती क्यों हारी!!
एक बुजूर्ग ने सही जवाब दिया कि बेटा स्याणी दो बार आटा गुंथा करे और फिर भी भुखी सोया करे| लड़का बोला कि वो मतलब नही समझा| बुजूर्ग बोला कि बेटा जब हम जवान थे तब भी आप जैसे समझदार लोगो को काशीराम साहब पर यकीन नही था, वो भी अपनी जिंदगी भर यूँ ही किसी किसी के झंडे उठाये फिरते थे, आज वही काम आप लोग कर रहे हो| लड़का फिर बोला कि आप इधर उधर की बाते ना करो सिर्फ ये बताओ कि मायावती हारी क्यों है, काशीराम साहेब का मिशन लूटा कैसे है?
उस बुजुर्ग आदमी ने जवाब दिया कि बहनजी तो आप जैसे बहके हुए और डबल माइंड लोगो के कारण हार रही है जिनको कभी अपने समाज के नेतृत्व पर विश्वास ही नही होता| 2019 मे बसपा के सपा से ज्यादा वोट थे और उनसे डबल सांसद थे लेकिन आप जैसे डरे हुए और बहके हुए लोगो ने सपा की गुंडागर्दी से डरकर भाजपा को वोट कर दिया और जो भाजपा के कट्टर हिन्दुत्व से डरते थे उन्होने सपा को वोट दे दिया और अब दोनो कह रहे है कि बहनजी ने काशीराम का मिशन बर्बाद कर दिया है|
वो बुजुर्ग बोला - जाओ बेटा मौज करो, हमारा तो वक्त कट ही गया है, कभी अपने बच्चो को बहनजी के किस्से सुनाना जैसे हम आज काशीराम साहेब के जाने के बाद उनके किस्से सुनाते है और फुलकर चौड़े हो जाते है| बुजुर्ग आदमी आगे बोला, और सुन बेटा हमने तो काशीराम साहेब और बहनजी को कभी अलग नही समझा, नीच आदमी हमारे टाइम मे भी थे जो उन पर उस दौर मे भी लांछन लगाकर हसते थे| इस समाज मे लाल भी पैदा होते रहेंगे और दलाल भी|
लड़का थोड़ा सा शर्मिंदा हुआ और घर चला गया| सही मायनो मे बहुत से युवाओ के लिए काशीराम साहेब का यही मिशन है|