28/08/2024
हर रोज एक मेंढक मारो या हर रोज एक मेंढक खाओ
या Eat that frog 🐸 (एक मेंढक खाओ)
तीनों का मतलब एक ही है।
प्रसिद्ध उपन्यासकार मार्क ट्वैन ने अपने एक उपन्यास में इस लाइन का प्रयोग किया था। मार्क टवेन अमेरिकी मूल के लेखक थे। लेखक होने के साथ-साथ वह एक पेशेकार भी थे। वह भारत को पूरे विश्व की जननी कहते थे। वाराणसी के बारे में उसने बहुत कुछ लिख रखा है लेकिन अभी हम "हर रोज एक मेंढक खाओ"(eat that frog) के बारे में बात कर रहे है।
लेखक कहना चाहता है कि आदमी के जीवन में बहुत सारी समस्याएं और कठिनाइयां होती है लेकिन वह उनको सही ढंग से व्यवस्थित ना करके हमेशा उलझन में फंसा रहता है। उन्होंने उसी तरीके का नाम रखा था। हर रोज एक मेंढक खाओ।
समस्या का नाम मेंढक दिया गया। इस बात के द्वारा मार्क टवेन ने कहा कि पूरे दिन में जितने भी काम है उनको लिख ले। और जो सबसे मुश्किल काम है।उस काम को आप सबसे पहले करें ।ताकि आपका पूरा दिन सरल हो जाए।
उन्होंने आगे बताया कि 1 दिन में दो समस्याएं भी हो सकती हैं इसलिए जो जटिल समस्या है उसको पहले करें।
उन्होंने आगे बताया की मान लीजिए आप पेशेकार (professional) हैं और आप का लक्ष्य साल में एक करोड रुपए कमाने का है। तों आपको इस लक्ष्य को टुकड़ों में बांट लेना चाहिए। यानी कि एक साल को भी चार टुकड़ों में बांट लीजिए और एक करोड़ को भी चार टुकड़ों में बांट लीजिए। तो आपको लक्षय आसान लगेगा। अब इस 3 महीने को बांट लीजिए आप अपना लक्ष्य एक महीने का कीजिए। 2500000 रुपए का लक्ष्य आपका सवा ₹600000 पर आ जाएगा। और फिर महीने को हफ्ते में बांट लें। लक्ष्य और आसान हो जाएगा।
लेकिन यह तभी संभव है जब आप हर रोज एक मेंढक मारो या खाओ। समस्याओं का निपटारा साथ-साथ होना चाहिए नहीं तो ढेर लग जाएगा और आप परेशान हो जाओगे जीवन में आगे नहीं बढ़ पाओगे इस को अपनाने से आपके जीवन में यही तब्दीली आएगी कि आप अनुशासित हो जाएंगे आपकी नजर आपके लक्ष्य पर रहेगी आप जिंदगी की ऊंचाईयों को छू पाएंगे।
इस एक लाइन से प्रभावित होकर कनाडा मूल के लेखक ब्रायन ट्रेसी ने एक उपन्यास लिखा जिसको नाम दिया EAT THAT'S FROG इसमें उन्होंने विस्तृत रूप से इस बात को समझाया है कि जीवन में कठिनाइयों का सामना कैसे करना चाहिए।
आपके उज्जवल भविष्य की कामनाओं के साथ !