Sirf mai aur wo

Sirf mai aur wo I LOVE U MORE THAN YOUR EYES azamgarh

08/09/2023
30/04/2023
यूं ही बैचेन रहते हे मेरी आंखो में कुछ ख़्वाब की अब रातों में नींद नही तेरे ख्याल आते हे !!
30/04/2023

यूं ही बैचेन रहते हे मेरी आंखो में कुछ ख़्वाब
की अब रातों में नींद नही तेरे ख्याल आते हे !!

ज़बरदस्ती सिर्फ घर बसाए जाते हैं.. दिल नही...
24/12/2022

ज़बरदस्ती सिर्फ घर बसाए जाते हैं.. दिल नही...

26/09/2022

आप सभी को शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं,,
दुर्गा मां अपनी कृपा सब पर बनाये रखे
🙏🚩जय माता दी🚩🙏

13/08/2022

दिल के हर कोने आबाद हो मुझे जमाना नही सिर्फ तुम याद हो।।{ }

अलग ही क़िस्म का सुकून है इन राहतो में। ये जो वक़्त गुजरा है तेरी चाहतो में। ( )
22/05/2022

अलग ही क़िस्म का सुकून है इन राहतो में। ये जो वक़्त गुजरा है तेरी चाहतो में। ( )

मातृ दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाये 🙏🙏🙏🙏🙏
07/05/2022

मातृ दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाये 🙏🙏🙏🙏🙏

या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।नवरात्रि पर्व का दूसरा दिन-मां ब्रम्हचार...
03/04/2022

या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

नवरात्रि पर्व का दूसरा दिन-मां ब्रम्हचारिणी ाता_दी 🙏🚩

.         नवरात्रि का पहला दिन माता का पहला स्वरूप                              🌹"माँ शैलपुत्री" 🌹         देवी शैल पुत्...
01/04/2022

. नवरात्रि का पहला दिन माता का पहला स्वरूप

🌹"माँ शैलपुत्री" 🌹

देवी शैल पुत्री का वर्णन हमें ब्रह्म पुराण में मिलता है। पुराण के अनुसार चैत्र प्रतिपदा के प्रथम सूर्योदय पर ब्रह्मा ने संसार की रचना की थी। माना जाता है कि इसी दिन श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था।
नवरात्र की प्रथम देवी शैलुपुत्री मानव मन पर अपनी सत्ता रखती हैं। उनका चंद्रमा पर भी आधिपत्य माना जाता है। शैलपुत्री पार्वती का ही रूप हैं। पर्वतराज हिमालय के घर में जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।
कथा है कि देवी पार्वती शिव से विवाह के पश्चात हर साल नौ दिन अपने मायके यानी पृथ्वी पर आती थीं। नवरात्र के पहले दिन पर्वतराज अपनी पुत्री का स्वागत करके उनकी पूजा करते थे, इसलिए नवरात्र के पहले दिन मां के शैलपुत्री रुप की पूजा की जाती है।
श्वेतवर्ण शैलपुत्री के सर पर सोने के मुकुट में त्रिशूल सुशोभित है। इनके दाएं हाथ में त्रिशूल, बाएं हाथ में कमल सुशोभित है।
मान्यता है कि शैलपुत्री की पूजा से व्यक्ति को सुख, सुविधा, माता, घर, संपत्ति, में लाभ मिलता है। मनोविकार दूर होते हैं। इन्हें सफेद फूल चढ़ाएँ, गाय के घी का दीपक जलाएँ। दूध-शहद और खोए की मिठाई का भोग लगाएँ।

🌹🙏 "जय माता दी"🙏🌹
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अगर इंसान सही है ।।                              इन्तजार करना गलत नही।।
21/03/2022

अगर इंसान सही है ।। इन्तजार करना गलत नही।।

सनम तुम भी सनातन के संतान की तरह स्वतंत्र हो जाओगमले की फूल बनना छोड़ो, बरगद हो जाओ! ❤ (  _aur_wo)
23/02/2022

सनम तुम भी सनातन के संतान की तरह स्वतंत्र हो जाओ
गमले की फूल बनना छोड़ो, बरगद हो जाओ! ❤ ( _aur_wo)

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