वो थप्पड़ जो कंगना रनौत को मारा गया!
आलू चना अनिवार्य है
वर्ना लोकचन्द्र बर्बाद हो जायेगा
ये तो गुंडों और अहंकार वाली भाषा है! भाषा में झलकता क्रोध बता रहा है कि खेल समाप्त हो चुका है।
जस्टिस काटजू साहब को सुनना जरूरी है...
चंद्रचूड़ साहब को भी लपेट लिया ...
ईमानदारी का असली प्रमाण जस्टिस काटजू साहब है ✔️
गाजियाबाद के मंदिर के चेंजिंग रूम में लगा था Hidden CCTV Camera, महिलाओं को कपड़े बदलते देखता था महंत
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लगता है ड्राइवर ने कन्हैया की डिबेट में ले जाने का पूरा मन बना लिया था.......... 😃
😂😂😂👇
ग़ुब्बारा ज़्यादा बड़ा ना फूलने दे। उँगली का प्रयोग करें।
हालात बदलिए
कौन देता था बे पिसा....🙄🙄
कौन देता था बे पिसा....🙄🙄
मोदी जी कह रहे है फेक न्यूज मत फैलाओ 🤣🤣🤣🤣
कांग्रेस की सरकार हिंदुओं की संपत्ति मुसलमानों में तो नहीं बांट सकती। ऐसा होना किसी भी सूरत में संभव नहीं। फिलहाल देश की संपत्ति चंद पूंजीपतियों में बांटी जा रही है। अभी प्रधानमंत्री ने हिंदुओं के संपत्ति के बारे में बोला है। दूसरा चरण लूज कर दिया तो न जाने किस के बारे में कहने लगें कि उठाकर ले जाएंगे। भाषण का स्तर इतना गिर जाएगा, किसी ने नहीं सोचा होगा। अभी स्तर और गिरेगा। मुसलमान और पाकिस्तान याद आते रहेंगे।
Saleem Akhter Siddiqui
मोदी डंके की चोट पर झूठ बोलते हैं, उनका प्रचार तंत्र एक्टिव होता है, उस झूठ को प्रचारित करता है, और फिर यही झूठ व्हाट्सएप/फेसबुक के माध्यम से घर घर में पहुंच जाता है, अभी पहले ही चरण का चुनाव संपन्न हुआ है, और प्रचार का स्तर ये हो गया।
400 पर का नारा देने वाले लोगों को आखिर क्या जरूरत पड़ गई इसकी ?
बहरहाल, मनमोहन सिंह जी द्वारा दिए गए भाषण का अंश यहां नीचे एक वेब पोर्टल से कॉपी करके पोस्ट कर दिया है... पढ़ लीजिए।
और हां मणिशंकर अय्यर जिंदाबाद थे जिंदाबाद हैं...
9 दिसंबर 2006 को मनमोहन सिंह ने बतौर प्रधानमंत्री यह कहा था – "मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं –– कृषि, सिंचाई, जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ग्रामीण ढांचे में निवेश, सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक निवेश की जरूरतें। साथ ही अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों के उथान के