RG Muzic

RG Muzic RG MuZic's is best way to distribute music online. RG Muzic is Venture of MAYU DIGITAL Digital music distribution.

RG MuZic is dedicated to entertain all Punjabi music lovers around the globe.

31/10/2023
24/10/2023

Ammi Song Jaani by Gurtez Dhaliwal

हरि सिंह नलवा के नाम से आज अधिकांश भारतीय अपरचित हैं किन्तु पाकिस्तान, अफगानिस्तान भी इससे भली भांति परिचित है। जिस अफ़ग...
01/10/2023

हरि सिंह नलवा के नाम से आज अधिकांश भारतीय अपरचित हैं किन्तु पाकिस्तान, अफगानिस्तान भी इससे भली भांति परिचित है। जिस अफ़गान को अमेरिका तक भेद नहीं पाया वो अफ़गान हरी सिंह नलवा के नेतृत्व में सिखों ने कब्जा कर लिया था।

रणनीति और रणकौशल की दृष्टि से हरि सिंह नलवा की तुलना विश्व के श्रेष्ठ सेनानायकों से की गई है।
सर हेनरी ग्रिफिन ने हरि सिंह को "खालसाजी का चैंपियन" कहा है। ब्रिटिश शासकों ने हरि सिंह नलवा की तुलना नेपोलियन से भी की है।
साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया की एक पत्रिका, बिलिनियर ऑस्ट्रेलियंस ने इतिहास के दस सबसे महान विजेताओं की सूची जारी की। इस सूची में हरि सिंह नलवा का नाम सबसे ऊपर था।

✍️इतना महान व्यक्ति आखिर कौन था?
हरि सिंह नलवा का जन्म 1791 में 28 अप्रैल को एक उप्पल जाट सिक्ख परिवार में गुजरांवाला पंजाब में हुआ था। इनके पिता का नाम गुरदयाल सिंह उप्प्पल और माँ का नाम धर्मा कौर था। बचपन में उन्हें घर के लोग प्यार से "हरिया" कहते थे। सात वर्ष की आयु में इनके पिता का देहांत हो गया। 1805 ई. के ब बसंतोत्सव पर एक प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में, जिसे महाराजा रणजीत सिंह ने आयोजित किया था, हरि सिंह नलवा ने भाला चलाने, तीर चलाने तथा अन्य प्रतियोगिताओं में अपनी अद्भुत प्रतिभा का परिचय दिया। इससे प्रभावित होकर महाराजा रणजीत सिंह ने उन्हें अपनी सेना में भर्ती कर लिया। शीघ्र ही वे महाराजा रणजीत सिंह के विश्वासपात्र सेनानायकों में से एक बन गये।

रणजीत सिंह एक बार जंगल में शिकार खेलने गये। उनके साथ कुछ सैनिक और हरी सिंह नलवा थे। उसी समय एक विशाल आकार के बाघ ने उन पर हमला कर दिया। जिस समय डर के मारे सभी दहशत में थे, हरी सिंह मुकाबले को सामने आए। इस खतरनाक मुठभेड़ में हरी सिंह ने बाघ के जबड़ों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उसके मुंह को बीच में से चीर डाला। उसकी इस बहादुरी को देख कर रणजीत सिंह ने कहा ‘तुम तो राजा नल जैसे वीर हो’, तभी से वो ‘नलवा’ के नाम से प्रसिद्ध हो गये। नलवा महाराजा रणजीत सिंह के सेनाध्यक्ष थे। महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल में 1807 ई. से लेकर 1837 ई. तक (तीन दशक तक) हरि सिंह नलवा लगातार अफगानों से लोहा लेते रहे। अफगानों के खिलाफ जटिल लड़ाई जीतकर उन्होने कसूर, मुल्तान, कश्मीर और पेशावर में सिख शासन की स्थापना की थी।
अहमदशाह अब्दाली के पश्चात् तैमूर लंग के काल में अफ़ग़ानिस्तान विस्तृत तथा अखंडित था। इसमें कश्मीर, लाहौर, पेशावर, कंधार तथा मुल्तान भी थे। हेरात, कलात, बलूचिस्तान, फारस आदि पर उसका प्रभुत्व था। हरि सिंह नलवा ने इनमें से अनेक प्रदेशों को जीतकर महाराजा रणजीत सिंह के अधीन ला दिया। उन्होंने 1813 ई. में अटक, 1818 ई. में मुल्तान, 1819 ई. में कश्मीर तथा 1823 ई. में पेशावर की जीत में विशेष योगदान दिया।

🔥 सरदार हरि सिंह नलवा ने अपने अभियानों द्वारा सिन्धु नदी के पार अफगान साम्राज्य के एक बड़े भाग पर अधिकार करके सिख साम्राज्य की उत्तर पश्चिम सीमांत को विस्तार किया था। नलवे की सेनाओं ने अफ़गानों को खैबर दर्रे के उस ओर खदेड़ कर इतिहास की धारा ही बदल दी। ख़ैबर दर्रा पश्चिम से भारत में प्रवेश करने का एक महत्वपूर्ण मार्ग है। ख़ैबर दर्रे से होकर ही 500 ईसा पूर्व में यूनानियों के भारत पर आक्रमण करने और लूटपात करने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसी दर्रे से होकर यूनानी, हूण, शक, अरब, तुर्क, पठान और मुगल लगभग एक हजार वर्ष तक भारत पर आक्रमण करते रहे। तैमूर लंग, बाबर और नादिरशाह की सेनाओं के हाथों भारत बेहद पीड़ित हुआ था। हरि सिंह नलवा ने ख़ैबर दर्रे का मार्ग बंद करके इस ऐतिहासिक अपमानजनक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से अन्त कर दिया था।
हरि सिंह ने अफगानों को पछाड़ कर निम्नलिखित विजयों में भाग लिया: सियालकोट (1802), कसूर (1807), मुल्तान (1818), कश्मीर (1819), पखली और दमतौर (1821-2), पेशावर (1834) और ख़ैबर हिल्स में जमरौद (1836) । हरि सिंह नलवा कश्मीर और पेशावर के गवर्नर बनाये गये। कश्मीर में उन्होने एक नया सिक्का ढाला जो ‘हरि सिन्गी’ के नाम से जाना गया। यह सिक्का आज भी संग्रहालयों में प्रदर्शित है।

मुल्तान विजय में हरिसिंह नलवा की प्रमुख भूमिका रही। महाराजा रणजीत सिंह के आह्वान पर वे आत्मबलिदानी दस्ते में सबसे आगे रहे। यहां युद्ध में हरि सिंह नलवा ने सेना का नेतृत्व किया। हरि सिंह नलवा से यहां का शासक इतना भयभीत हुआ कि वह पेशावर छोड़कर भाग गया। अगले दस वर्षों तक हरि सिंह के नेतृत्व में पेशावर पर महाराजा रणजीत सिंह का आधिपत्य बना रहा, पर यदा-कदा टकराव भी होते रहे। इस पर पूर्णत: विजय 6 मई, 1834 को स्थापित हुई।
अप्रैल 1836 में, जब पूरी अफगान सेना ने जमरौद पर हमला किया था, अचानक प्राणघातक घायल होने पर नलवा ने अपने नुमायंदे महान सिंह को आदेश दिया कि जब तक सहायता के लिये नयी सेना का आगमन ना हो जाये उनकी मृत्यु की घोषणा ना की जाये जिससे कि सैनिक हतोत्साहित ना हो और वीरता से डटे रहे। हरि सिंह नलवा की उपस्थिति के डर से अफगान सेना दस दिनों तक पीछे हटी रही। एक प्रतिष्ठित योद्धा के रूप में नलवा अपने पठान दुश्मनों के सम्मान के भी अधिकारी बने।

☝️"चुप हो जा वरना हरि सिंह आ जाएगा"

हमें हरि सिंह नलवा के बारे में एक किस्सा पढ़ने को
मिला। वो ये कि पाकिस्तान और काबुल में माएं अपने बच्चे को ये कहकर चुप कराती थी कि “चुप सा, हरि राघले” यानी चुप हो जा वरना हरि सिंह आ जाएगा। आप देखें कि नलवा का कितना खौफ़ था पठानों के बीच।
हमें पहले लगा कि अपने इस महान योद्धा से लगाव के चलते ये कहानियां बना दी गई होंगी। लेकिन फिर द डॉन में एक पाकिस्तान पत्रकार माजिद शेख का लेख मिला। माजिद शेख लिखते हैं,
“बचपन में मेरे पिता हरि सिंह नलवा की कहानियां सुनाया करते थे, कि कैसे पठान युसुफ़ज़ई औरतें अपने बच्चों को ये कहकर डराती थी, चुप सा, हरि राघले। यानी चुप हो जा वरना हरि सिंह आ जाएगा”

नलवा के डर से पठान पहनने लगे थे सलवार-कमीज!

आज जिसे पठानी सूट कहा जाता है वह दरअसल महिलाओं की सलवार-कमीज है। कहा जाता है कि एक बार एक बुर्जुग सरदार ने अपने भाषण में कहा था, ”हमारे पूर्वज हरि सिंह नलवा ने पठानों को सलवार पहना दी थी। आज भी सिखों के डर से पठान सलवार पहनते हैं.” हरि सिंह नलवा की लीडरशिप में महाराजा रणजीत सिंह की सेना 1820 में फ्रंटियर में आयी थी। तब नलवा की फौज ने बहुत आसानी से पठानों पर जीत हासिल कर ली थी। लिखित इतिहास में यही एक ऐसा वक्त है, जब पठान महाराजा रणजीत सिंह के शासन के गुलाम हो गए थे। उस वक्त जिसने भी सिखों का विरोध किया उनको बेरहमी से कुचल दिया गया। तब ये बात बहुत प्रचलित हो गई थी कि सिख तीन लोगों की जान नहीं लेते हैं… पहला स्त्रियां… दूसरा बच्चे और तीसरा बुजुर्ग। बस क्या था, तभी से पठान पंजाबी महिलाओं के द्वारा पहना जाने वाला सलवार कमीज पहनने लगे। यानि एक ऐसा वक्त आया जब महिलाएं और पुरुष एक जैसे ही कपड़े पहनने लगे। इसके बाद सिख भी उन पठानों को मारने से परहेज करने लगे जिन्होंने महिलाओं के सलवार धारण कर लिये। ‘हरि सिंह नलवा- द चैंपियन ऑफ खालसा जी’ किताब में इस तरह के कई प्रसंगों का जिक्र है। कहने का मतलब यह कि जिन पठानों को दुनिया का सबसे बेहतरीन लड़ाकू माना जाता है उन पठानों में भी हरि सिंह नलवा के नाम का जबरदस्त खौफ था। इतना खौफ़ था कि जहांगीरिया किले के पास जब पठानों के साथ युद्ध हुआ तब पठान यह कहते हुए सुने गये - तौबा, तौबा, खुदा खुद खालसा शुद। अर्थात खुदा माफ करे, खुदा स्वयं खालसा हो गये हैं।

🗡️वीरगति!
1837 में जब राजा रणजीत सिंह अपने बेटे की शादी में व्यस्त थे तब सरदार हरि सिंह नलवा उत्तर पश्चिम सीमा की रक्षा कर रहे थे। ऐसा कहा जाता है कि नलवा ने राजा रणजीत सिंह से जमरौद के किले की ओर बढ़ी सेना भेजने की माँग की थी लेकिन एक महीने तक मदद के लिए कोई सेना नहीं पहुँची। सरदार हरि सिंह अपने मुठ्ठी भर सैनिकों के साथ वीरतापूर्वक लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उन्होने सिख साम्राज्य की सीमा को सिन्धु नदी के परे ले जाकर खैबर दर्रे के मुहाने तक पहुँचा दिया। हरि सिंह की मृत्यु के समय सिख साम्राज्य की पश्चिमी सीमा जमरुद तक पहुंच चुकी थी।
हरी सिंह की मृत्यु से सिख साम्राज्य को एक बड़ा झटका लगा और महाराजा रणजीत सिंह काबुल को अपने कब्ज़े में लेने का सपना पूरा नहीं कर पाए। अफ़ग़ान लड़ाके जिनके चलते काबुल को ‘साम्राज्यों की कब्रगाह’ कहा जाता था। उनके सामने हरि सिंह ने 20 लड़ाइयां लड़ी थी और सबमें जीत हासिल की थी। इसी के चलते महाराजा रणजीत सिंह बड़े चाव से हरि सिंह के जीत के किस्से सबको सुनाया करते थे। इतना ही नहीं उन्होंने कश्मीर से शॉल मांगकर उन पर इन लड़ाइयों को पेंट करवाया था। एक शाल की कीमत तब 5 हजार रूपये हुआ करती थी। हरि सिंह नलवा की आख़िरी इच्छा को ध्यान में रखते हुए कि उनकी राख को लाहौर में कुश्ती के उसी अखाड़े में मिला दिया गया जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी की पहली लड़ाई जीती थी। 1892 में पेशावर के एक हिन्दू बाबू गज्जू मल्ल कपूर ने उनकी स्मृति में किले के अन्दर एक स्मारक बनवाया।

जब-जब भारत के रणबांकुरों की बात होगी, तब-तब पंजाब के इतिहास में महाराजा रणजीत सिंह के योगदान का उल्लेख किया जाएगा, हरि सिंह नलवा के बिना वह अधूरा ही रहेगा। हालांकि हरि सिंह नलवा के बारे में बहुत कम शोध हुए हैं। लोगों को बहुत कम जानकारियां हैं। इतिहास में नलवा को वो स्थान नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए। कुछ विद्वानों का मानना है कि राजा हरि सिंह नलवा की वीरता को, उनके अदम्य साहस को पुरस्कृत करते हुए भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की तीसरी पट्टी को हरा रंग दिया गया है। लिहाजा ये उचित वक्त है कि पूरे देश में सरदार हरि सिंह नलवा के युद्ध कौशल और उनकी शहादत की वीर गाथा को किताबों में पढ़ाया जाए, जन-जन तक फैलाया जाए।

21/09/2023

Baabu Singh Live

18/01/2023

Dekho Paani Barf Ho Gaya | बर्फ ही बर्फ

https://youtu.be/twfqlsAkql8Happy New Year 2023नवे साल दी बधाई श्री गुरु रविदास जी दे एक प्यारे जेहे गीत नालमेरी ( Yuvra...
01/01/2023

https://youtu.be/twfqlsAkql8

Happy New Year 2023
नवे साल दी बधाई श्री गुरु रविदास जी दे एक प्यारे जेहे गीत नाल
मेरी ( Yuvraj Chauhan) आवाज़ विच

Mayu Music & Neel's Mother Proudly PresentsSong: Kathoti Vich GangaSinger: Yuvraj Chauhan .yuvrajofficial Music: .happie Lyrics: Yuvraj ChauhanMix & Mast...

01/03/2022

Bholenath Mahashivratri special
Aap sb ko mahashivratri ki hardik shubhkamnaye

26/02/2022

One of the best agency of poster & logo designing

TVX the voice box logo design by Hariom PostersContact for posters and logo designcontact no.  9549156111
21/02/2022

TVX the voice box logo design by Hariom Posters
Contact for posters and logo design
contact no. 9549156111

New song Go AwayPoster design by Hariom Posters     Poster & logo design    contact -9549156111
19/02/2022

New song Go Away
Poster design by Hariom Posters
Poster & logo design

contact -9549156111

16/02/2022

Guru Ravidas ji maharaj
Gurupurav diya lakh lakh vadhaiya

10/02/2022

Tere Naal Pyar Ho Gaya | Singer Dharmendra Dharat | Music HP Music | Mayu Devinderj Musicproducer

09/02/2022

Dholna Cover Song Jugni Sisters ft Happy Singh RG Muzic

08/02/2022

God Guru Ravidas Di | Jugni Sisters | Maddy Mind | Yuvraj | RG MuZic

08/02/2022

Jugni Sisters | Mashup | Rinku Chautala | Monika Dhokarwal

Address

Anupgarh
335701

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when RG Muzic posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to RG Muzic:

Videos

Share

Category