जय लोमेश ऋषि बिनन

  • Home
  • India
  • Ani
  • जय लोमेश ऋषि बिनन

जय लोमेश ऋषि बिनन Its holy temple of Lomesh Rishi (Binani Mahadev) at Vill Binan P.O. Poeg Teh. Ani Distt. Kullu 172026

19/12/2024

माँ अंबिका स्ताना ज़हरा थाची के हरियाँन माता के नवनिर्मित मन्दिर के लिए कुंड ले जाते हुए ।।जय माँ अंबिका

🚩🔱🕉️हर-हर महादेव🕉️🔱🚩 #गाडा_गडाई__कुंईरी__महादेव के  #समस्त__दरोगों__को  #सूचित__किया__जाता है कि  #देव__आज्ञा__अनुसार__क...
16/12/2024

🚩🔱🕉️हर-हर महादेव🕉️🔱🚩
#गाडा_गडाई__कुंईरी__महादेव के #समस्त__दरोगों__को #सूचित__किया__जाता है कि #देव__आज्ञा__अनुसार__कल #सुबह_नौ #बजे__प्रभु #स्वधाम__कुंईर__से__शाठकी__कैंद के #झरौणु__के__लिए #लाव__लश्कर_सहित__प्रस्थान__करेगें । देवता जी को #उठाने_के_लिए_सभी_दरोगे #अपनी #अपनी_हारों_के__लोगो_को_दिए__गए__स्थानों पर ुंचने #के__लिए__कहें । #समस्त__हारुगण__की #देवता__जी__को उठाने की #बारी__निम्न__प्रकार__से__रहेगी ।
👉 #कुंईर_से_मुहान #विश्लाधार_हार
👉 #मुहान_खड्ड_से_पिछली_करकी #गडाह_हार
👉 #करकी_से_सिसरी #रेहुशल_हार
👉 #सिसरी_से_शुश #शिल्ली_हार
👉 #शुश_से_खन्नेर #कराड_हार
👉 #खन्नेर_से_झरौणवी #कैंद_हार
अतः ी__प्रभु__संग__जलोडी_दौरे के #लिए__सादर__आमंत्रित हैं।
#धन्यवाद।
#कारदार_श्री__इन्द्र_सिंह

देवता श्री टकरासी नाग जी की मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में श्री लोमश ऋषि बिननी महादेव जी के कार करींदे। 🚩 जय टकरासी नाग ॐ देव...
11/12/2024

देवता श्री टकरासी नाग जी की मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में श्री लोमश ऋषि बिननी महादेव जी के कार करींदे। 🚩 जय टकरासी नाग ॐ देवता टकरासी नाग को समर्पित ॐ जय लोमेश ऋषि बिनन

प्रभु काली नाग लढ़ागी जी का भव्य कोठी मैं प्रवेश 🙏🏻🙏🏻
09/12/2024

प्रभु काली नाग लढ़ागी जी का भव्य कोठी मैं प्रवेश 🙏🏻🙏🏻

08/12/2024
माता बाड़ी दुर्गा भगवती के मंदिर प्रतिष्ठा के एक बर्श पूर्ण होने पर 7 दिसम्बर सुबह के लिए निमंत्रण प्राप्त हुआ जिसके लिए...
02/12/2024

माता बाड़ी दुर्गा भगवती के मंदिर प्रतिष्ठा के एक बर्श पूर्ण होने पर 7 दिसम्बर सुबह के लिए निमंत्रण प्राप्त हुआ जिसके लिए मंदिर कमेटी हार्दिक अभिनंदन और धन्याबाद करती है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

01/12/2024

Dalash diwali

आज पटारनी नाग जी के मन्दिर प्रतिष्ठा का निमंत्रण प्राप्त हुआ जिसका बिनन मंदिर कमेटी पटारना मंदिर कमेटी का हार्दिक धन्यवा...
30/11/2024

आज पटारनी नाग जी के मन्दिर प्रतिष्ठा का निमंत्रण प्राप्त हुआ जिसका बिनन मंदिर कमेटी पटारना मंदिर कमेटी का हार्दिक धन्यवाद करती है । धन्यवाद ।
अगामी सूचना आप को इसी पेज के माध्यम से दी जाएगी

भाग 618 नागों की उत्पति------------------- कुल्लू की उझी घाटी के सौर में 18 नागों की उत्पति हुई थी। ये सभी नागवंश वासुकी...
25/11/2024

भाग 6
18 नागों की उत्पति
-------------------
कुल्लू की उझी घाटी के सौर में 18 नागों की उत्पति हुई थी। ये सभी नागवंश वासुकी नाग के पुत्र माने गये हैं। कुल्लू व मंडी जनपद में इन 18 नागों के 18 मन्दिर है और इन मन्दिरों में इन 18 नागों की मूर्तियां विराजमान हैं। इन के देवरथ भी बनाए गए हैं। गोशाल गांव को इन 18 नागों का नौनिहाल माना जाता है। कहते हैं कि जिस लड़की ने इन 18 नाग को जन्म दिया था। वह एक चमत्कार था। जहां पर गौशाल गांव में आज भी यह इतिहास देखने को मिलता है।
एक दन्त कथा के अनुसार सतयुग के समय वासुकी नाग ने मानव का रूप धारण कर उझी घाटी के लोगों को एक राक्षस से मुक्ति दिलाई थी और जमींदार की बेटी रतनी देवी से विवाह किया। रतनी देवी के गर्भ से 18 नागों का जन्म हुआ जिन्हें दैवीय मटके (स्थानीय बोली में भांदल यानि बड़े घड़े) में रखा गया। इस ऐतिहासिक धरोहर दैवीय मटके को गोशाल के ग्रामीण आज भी संजोए हुए हैं और यह लाऊची परिवार के पास हैं। बताया जाता है कि इसे 'कार्मा' कुमहार ने बनाया था।
इन नागों की माता प्रतिदिन इनकी पूजा धौड़छु (कलछीनुमा धूपपात्र) में धूप लेकर करती थी। एक दिन माता किसी कार्य से बाहर गई तो घर की दूसरी स्त्री ने इनकी पूजा करते हुए भांदल का ढक्कन हटाया और नागों को देखते ही वह डर गई और हड़बड़ाहट में धूपपात्र की आग नागों पर गिर गई जो कंचन नाग की आंख में जा लगी। कंचन नाग आंख में चोट की वजह से कहीं नहीं जा पाए और गोशाल में ही रहे। जबकि अन्य 17 नाग चिंगारी गिरती देख घबरा गए और वहां से भागे।

जिस नाग का रंग आग के धुएं से धूम्र वर्ण का हो गया था, वह नाग बाद में धूम्बल नाग कहलाए। धूम्बल नाग गोशाल से भागकर दिल्ली पहुंचे फिर वहां से वापस आकर पांगी पाडर से महाचीन तक गए। महाचीन में भी मन नहीं लगा तो वहां से अनेक स्थानों पर जाकर और उन स्थानों के अत्याचारी व्यक्तियों को समाप्त कर कालीहैण, छानघाट, छौन डेहरा आदि स्थानों पर अपने चमत्कार दिखाने के बाद वह हलाण आए। इस स्थान को उपयुक्त समझकर धूम्बल नाग ने यहीं अपना मुख्य स्थल स्थापित किया।

गोशाल गांव के कंचन नाग और हलाण में धूंबल नाग के अलावा भनारा में शीर्घननाग (जिन्हें तक्षक नाग भी कहा जाता है), प्रीणी में फाहल नाग, बटाहर में पीयूंला नाग, शिरड में कालिया नाग, व्यासर में कुंबरदान नाग, नग्गर में बाहुड़ नाग, भलोगी में भलोगी नाग, सिराज में टकरासी नाग, सिरिगढ़ में कुईं कंडा नाग, रूपा सराज में शँखुनाग, मूंगा में चमाण्डू नाग, शरशा में शरशाई नाग, बालू में बालूनाग, पूनन में पूनन नाग और काईस में मांहरा नाग। ये नाग देवता कुल्लू व मंडी जनपद के ग्रामीणों के पूजनीय आराध्य देव हैं। इन नागों के मन्दिर प्रायः जल के निकट है।

आज प्रभु श्री टकरासू नाग जी के पूज कार्यक्रम मैं शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ ।जिसका बीनन कमेटी टकरासू ना...
25/11/2024

आज प्रभु श्री टकरासू नाग जी के पूज कार्यक्रम मैं शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ ।जिसका बीनन कमेटी टकरासू नाग मंदिर कमेटी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती है । प्रभू के सभी भगतों को अगामी सूचना कुछ दिनों बाद दी जाएगी ।। जय लोमेश ऋषि जय टकरासू नाग #टकरासू #जयटकरासूनाग #पूज

24/11/2024

लोमेश ऋषि जी का बाजा
जिसकी कला और ख्याति से सभी भली भाँति परिचित होंगे ।🙏🏻🙏🏻

Address

Ani
172026

Telephone

+919857348883

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when जय लोमेश ऋषि बिनन posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to जय लोमेश ऋषि बिनन:

Videos

Share