14/12/2022
हमारे समाज में साहस या हौसले की विपरीत चीज कायरता नहीं है यह है अनुरूपता
आज हमारे सामने जो सबसे बड़ी मुसीबत है वह है अनुरूपता।
यानी बिना सोचे समझे भीड़ के अनुरूप चलने की मनःस्थिति।
अधिकांश लोग वैसा ही कर रहे हैं जैसा दूसरे कर रहे हैं। यह जाने समझे बगैर कि क्यों।
लगभग 5 वर्ष की उम्र से हम पढ़ना शुरू कर देते हैं।
25 के होते होते हम रोजी-रोटी कमाना शुरू कर देते हैं साथ ही परिवार की देखभाल भी।
लेकिन 65 वर्ष की उम्र का होने पर भी हम यह नहीं सीख पाते कि
आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और निश्चिंत कैसे हुआ जाए।
क्यों ? इसलिए कि हम बस औरो की लीग पर चलते हैं और मुश्किल यही है कि हम समाज के एक बड़े और गलत प्रतिशत का अनुसरण कर रहे हैं।
यानी उन 95 परसेंट जो कामयाब नहीं हुए।
अब सवाल यह है कि यह लोग इतनी बड़ी संख्या में लोग औरों की नकल क्यों करते हैं ?
इसका उत्तर वह भी नहीं जानते।
The opposite of courage in our society is not cowardice, it is conformity.
The biggest problem we face today is conformity.
That is, the state of mind of walking according to the crowd without thinking.
Most people are doing what others are doing. Without knowing why.
We start reading from the age of about 5 years.
By the time we turn 25, we start earning our livelihood as well as taking care of our family.
But even at the age of 65, we do not learn that
How to become financially independent and relaxed.
Why ? Because we simply follow the league of others and the trouble is that we are following a large and wrong percentage of the society.
Means those 95 percent who did not succeed.
Now the question is, why do these people copy others in such a large number?
they don't even know the answer
Varun Khera shared a post on Instagram: "हमारे समाज में साहस या हौसले की विपरीत चीज कायरता नहीं है यह है अनुरूपता The opposite of courage in our society is not cowardice, it is conform...