Tum_Kitne_Achhe_ho_Jaanu

Tum_Kitne_Achhe_ho_Jaanu love..._you...._sir/madam

कुछ लड़के समय से पहले ही मर्द बन जाते है यह घर से निकले हुए लौंडे है साहब, घर से निकले हुए लौंडे है ये, यह साले रोते नही...
01/06/2023

कुछ लड़के समय से पहले ही मर्द बन जाते है

यह घर से निकले हुए लौंडे है साहब, घर से निकले हुए लौंडे है ये, यह साले रोते नहीं हैं बस कमाते हैं रुकते नहीं है बस दौड़ते हैं साला इतना दौड़ते हैं इतना कमाते हैं कि साला इनके पास कुछ बचता ही नहीं है,₹20 के हवाई चप्पल से 4000 के बाद तक का सफर बाटा के जूते तक का सफर और फिर भी अपने गांव अपने वतन अपने घर लौटने के बाद गमछा और लुंगी पर ज़िंदा रहने वाले ये लौंडे है साहब।

काश आपको समझा पाता कि घर से दूर रहना क्या होता है
गलियों के नवाब परदेश में मजदूर बन कर रह जाते है
हीरो वाली २४ इंच की साइकिल से चलने वाले लौंडे पल्सर १५० पर भी तन्हा हो जाते है

पर्व और त्योहारों में जब घर पर तरह तरह के पकवान बनते हैं तो दाल भात चोखा खाकर ,मां से झूठ बोल कर उसे पूरी सब्जी का नाम देकर रह जाते है उम्र के इस मोड़ पर अचानक से लड़के बड़े हो जाते है , छोटी बहनों से लड़ना छोड़ उनकी शादी के लिए पैसे इक्कठा करने लगते है ,
लौंडे से लड़का रूपी मर्द बनना इतना भी आसान कहा है यारा , घर के चिराग परदेश में रूम नंबर के आधार पर पहचाने जाते है चार तरह की सब्जी खाने वाले लौंडे लड़के परदेश आते ही मैग्गी चावल पर ज़िंदा रहना सीख जाते है

घर से दूर अक्सर लौंडे अपने गांव का घर बनाने का सपना देखने लगते हैं
उस पुराने घर की ईट उस घर का सीमेंट उस घर का छड़ ,एकड़ में फैली ज़मीन की चिंता इन्हे होने लगती है धिरे धिरे ये गांव से दूर होते जाते है धिरे धिरे एकड़ से जमीन बीघा में और बीघा से डिसमिल में ,साला पता ही नही चलता है कि किलोमिटर तक चलने वाले लौंडे कब 10*10 के कमरे में सिमट कर रह जाते है एक एकड़ में कितने बीघे होते है एक बीघा में कितने कट्ठे होते हैं एक कट्ठा में कितने डिसमिल होते हैं एक डिसमिल में कितना स्क्वायर फिट होता है और एक एक स्क्वायर फीट में हजारों सपने जोड़ने वाले वह लड़के परदेश में 10 बाई 10 में के रूम में सिगरेट के धुए के तले अपना त्यौहार मना लेते हैं

गांव का वह आम का पेड़ त्रिलोकी चाचा का दलाल सुमारू का चौपाल कलावती चाची के हाथ का चटनी,माई का खाना,बाबू जी का चप्पल नुक्कड़ की चाय की दुकान को ये लौंडे परदेश में आजकल बड़े-बड़े मॉलों में खोजते हुए नजर आते हैं वह लौंडे आज कल मॉल में जाकर भी तंहा रह जाते हैं कुछ कर गुजरने की चाहत आंखों में न जाने कितने सपने कितने अरमान जगाती इनकी आंखे अचानक से परिवार की जरूरत बन जाती है 24 घंटे बहनों और छोटे भाइयों से लड़ने वाले लौंडे अचानक से संजीदा हो जाते हैं। छोटे भाई बहनों के लिए महंगे महंगे फोन खरीदने वाले लौंडे खुद के लिए सदा मोबाइलसेट पर खुश हो जाया करते हैं यह कहकर इस का बैटरी बैकअप अच्छा है

खुद के लिए बुलेट खरीदने से पहले बाबू जी के ज़मीन पर लिया हुआ कर्जा याद करने लगते है मां बाप बहन भाई के लिए महंगा कपड़ा खरीदने के बाद अपने लिए फुटफ़ाट का रास्ता अपना लेते है हजारों किलोमीटर दूर लौंडे फिर से त्योहारों में अकेले हो जाते हैं

हजारों किलोमीटर दूर अपनों के लिए रहने वाले हैं लौंडे फिर से त्योहारों में तन्हा हो जाते हैं कभी-कभी जी चाहता है इन लौंडो का कि बंद कमरे में बहुत तेज रो लेे, लेकिन बचपन कि वो नसियत की लड़कियां रोती है जो मां ने दी थी इन लौंडो को चुप करा देती है और फिर वो वह घुटन वह दर्द न जाने कितने सालों तक इन्हें रुलाता रहता है

ये लौंडे है ये रोते नहीं है बस महसूस करते है कि शायद अगला छठ गला दिवाली अगला राखी अगला होली घर पर हो

कोई पर्व त्योहार नही है बे बस गांव की याद आ रही थी

चलो बे अब चलते है ऑफिस में बहुत काम था आज,बहुत थक गए है

आग की खोज इन लोंगो ने की श्रेय ले गये अग्नि देवता वाह रे पाखंड और पाखंडी लोंगो का विचार
28/01/2023

आग की खोज इन लोंगो ने की
श्रेय ले गये अग्नि देवता
वाह रे पाखंड और पाखंडी लोंगो का
विचार

बागेश्वर बाबा धीरेन्द्र के चक्कर में 'सुहानी शाह 'बिना प्रचार के ही फेमस हो गई. ♥️♥️अगर कला को पैशा बना लेती तो धीरेन्द्...
24/01/2023

बागेश्वर बाबा धीरेन्द्र के चक्कर में 'सुहानी शाह '
बिना प्रचार के ही फेमस हो गई. ♥️♥️

अगर कला को पैशा बना लेती तो धीरेन्द्र शास्त्री तो इसके नाखून के बराबर भी नहीं होता.!

Suhani Shah

जिस देश के अखबार के पहले पेज पर गुटखे का प्रचार हो उस देश की सड़कों पर थूक ही मिलेगा ।।मेरे यूट्यूब चैनल को सब्सक्रिप्शन...
22/01/2023

जिस देश के अखबार के पहले पेज पर गुटखे का प्रचार हो उस देश की सड़कों पर थूक ही मिलेगा ।।

मेरे यूट्यूब चैनल को सब्सक्रिप्शन [ subscribe ] कर लीजिए

https://www.youtube.com/

आपका स्वागत है ।

मैं  एक बार   कार  से  दिल्ली से जयपुर की ओर  जा रहा  था । रास्ते  में  देखा  एक   ट्रक   के पीछे लिखा एक संदेश देखा जिस...
22/01/2023

मैं एक बार कार से दिल्ली से जयपुर की ओर जा रहा था । रास्ते में देखा एक ट्रक के पीछे लिखा एक संदेश देखा जिसने झकझोर कर रख दिया !!

"हाॅर्न धीरे बजाओ मेरा बहुजन समाज गहरी नींद सो रहा है"...!!!
●●●●●●

मेरी जिज्ञासा हुई इस ट्रक चालक से दो बात करने की। मै उसके पीछे ही चलता रहा यह सोच कर कि कहीँ तो रुकेगा फ्रेश होने के लिए ।

रास्ते में कोट पुतली के आस पास एक ढाबे पर वो चाय पीने के लिये रुका।

मेरा इरादा तो उससे मिलने का था ही । मैं भी उसी ढाबे पर रुक गया ।

उसके आस पास ही एक चारपाई पर मैं भी बैठ गया । मैने उससे पहला सवाल यही किया कि भाई ड्राइवर साहब आपने ट्रक के पीछे एक बहुत ही गहरे मतलब का संदेश लिखाया हुआ है यह प्रेरणा आपको कैसे मिली ।

उसने जवाब दिया बाबू जी वक्त बड़ी चीज है यह अच्छे अच्छो को प्रेरणा देता है बस कमी यह है हमे भर पेट रोती क्या मिलने लगी हमने अब और प्रेरणा लेना बन्द कर दिया, लेते ही नही। अच्छा हुआ आपने उसे पढा और मेरे से यह सवाल किया ।

मै पूरे भारत में सड़को पर घूमता हूँ। हजारो लोग इस संदेश को पढते होंगे । अगर उन में से 20% लोग भी मेरा संदेश समझ गए मेरा मकसद हल हो गया ।

उससे रहा नही गया , उसने जेब से एक परचा निकाला और उसी संदेश पर किसी कवि की एक क्रान्तिकारी कविता सुना डाली जो नीचे लिखी जा रही है ।

🌹🌹🌹🌹

*'मनु वादियों के जुल्म सितम से...*

*फूट फूटकर 'रोया' है...!!*

*'धीरे' हाॅर्न बजा रे पगले. मेरा बहुजन समाज सोया है...!!*
*भीम जी जाने के बाद चैन' मिला है... 'पूरी' नींद से सोने दे...!!*

*जगह मिले वहाँ 'साइड' ले ले...हो शोषण तो होने दे...!!*

*किसे जगाने की चिंता में... तू इतना जो 'खोया' है...!!*

*'धीरे' हाॅर्न बजा रे पगले मेरा बहुजन समाज सोया है....!!!*
*आरक्षण के सब 'नियम' पड़े हैं... कब से 'बंद' किताबों में...!!*

*'जिम्मेदार' समाज वाले...सारे लगे गुलामी में...!!*

*तू भी कर दे झूटे वादे क्यों 'ईमान' में खोया है..??*

*धीरे हाॅर्न बजा रे पगले... मेरा 'बहुजन सोया है...!!!*
*गुलामी की इन सड़कों पर... सभी क़दम मिला चलते हैं...!!*

*आवाज़ उठाने वाले मर के चलते बनते हैं मेरे समाज की लचर विधि से... 'भला' मनुवादी का होया है...!!*

*धीरे हाॅर्न बजा रे पगले.... मेरा 'बहुजन समाज सोया है....!!!*
*मेरा समाज तो है 'सिंह' सरीखा... यह सोये तब तक सोने दे...!!*

*'गुलामी की इन सड़कों पर... नित शोषण ' होने दे...!!*

*समाज जगाने की हठ में तू.... क्यूँ दुख में रोया है...!!*

*धीरे हाॅर्न बजा रे पगले.. बहुजन समाज सोया है....!!!*
*अगर समाज यह 'जाग' गया तो.. ब्राह्मण 'सीधा' हो जाएगा....!!*

*आर.एस एस. वाले 'चुप' हो जाएँगे.... और हर मनुवादी रोयेगा...!!*

*अज्ञानता से 'शर्मसार' हो .... बाबा भीम भी रोया है..!!*

*धीरे हाॅर्न बजा रे पगले... मेरा बहुजन समाज सोया है...!!!*
*बहुजन समाज हमारा सोया है....!!!*

*उसने यह कविता सुनाई इस बीच कब हमारे पास चाय आई और कब हमने पीकर खत्म भी कर दी पता भी नही चला ।*

_*चाय पीकर हम एक दुसरे से जुदा हो गये लेकिन उस ट्रक चालक का अपने बहुजन समाज के प्रति इतनी गहरी चिन्ता से भरा हाव भाव मेरे दिल में उतर गया ।*_

_*मैं उससे सिर्फ इतना ही कह पाया दोस्त आज से आप अपने आपको अकेला मत समझो आज से मैं भी आपके इस प्रचार का एक अहम हिस्सा हूँ ।*_

*विशेष आग्रह:*

_*अगर आप भी इस मुहिम में हिस्सा लेना चाहते हैं तो आपका स्वागत है ।*_

*🌹क्रांतिकारी जय भीम 🌹*
🌹सचिन कुमार 🌹
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

🙏Love you fam🙏
24/11/2022

🙏Love you fam🙏

18/11/2022

Tag sachin

11/11/2022

Enjoy the hordwark

मोहब्बत में कभी नजरअंदाज मत करना,हम जिंदा तो रहते है मगर जी नहीं पाते...!
08/11/2022

मोहब्बत में कभी नजरअंदाज मत करना,
हम जिंदा तो रहते है मगर जी नहीं पाते...!

क्या लूटेगा जमाना खुशियो को हमारी,हम तो खुद अपनी खुशियाँ दूसरो पर लुटाकर जीते हैं...!
06/11/2022

क्या लूटेगा जमाना खुशियो को हमारी,हम तो खुद अपनी खुशियाँ दूसरो पर लुटाकर जीते हैं...!

Good morning 🙏🙏🙏
05/11/2022

Good morning 🙏🙏🙏

♻️🙏🙏🙏💥
04/11/2022

♻️🙏🙏🙏💥

Address

Dharupur
Akbarpur
224176

Telephone

+9671818192

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Tum_Kitne_Achhe_ho_Jaanu posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Tum_Kitne_Achhe_ho_Jaanu:

Videos

Share


Other Digital creator in Akbarpur

Show All