28/09/2020
#आईये_जानते_है_कि_ब्राह्मणवाद_क्या_है ?
मनुष्य को जितना भयभीत कर दिया जाए, उतना ही आसानी से उसका शोषण हो सकता है। डर किसी भी तरह का हो सकता है, चाहे भूत प्रेत का डर हो, पुलिस का डर हो, गुंडे बदमाशों का डर हो, या ऊपर वाले का डर।
33 करोड़ देवी-देवता का डर हो, उसे डर रहता है कि ऐसा नहीं करेंगे तो लड़का मर जाएगा, पति मर जाएगा, घर में अशांति हो जाएगी। मेरा विकास नहीं होगा, बीमारी आ जायेगी डरा हुआ व्यक्ति कुछ भी करने को राजी हो जाता है जोअन्धभक्त और अन्धविश्वासी होता है। उससे कहो सत्यनारायण की कथा करो, जहाँ पर ना तो "सत्य " नजर आता है, न ही कोई "नारायण" नजर आता है।
अगर नजर आता है तो सिर्फ पुजारी पुरोहितों का धंधा नजर आता है,फिर भी वह सत्य नारायण की कथा करवाता है, क्योंकि उसे पहले ही डर बैठाया जा चुका है। उससे कहो कि यज्ञ करे तो शांति होगा तो वह यज्ञ भी करता है। भागवत करवाता है, रामायण करवाता है।
उससे कहो कि काम धंधे में बढ़ोत्तरी होगी कोई पूजा पाठ करवाओ, रामायण करवाओ, भागवत करवाओ, दुरदुुुरिया चबवाओ, मन्दिरों मे जाकर माथा टेको तो वह डरा हुआ व्यक्ति सब करवाता है। उससे कहो आग में घी डालो, उसको समझ में भी नहीं आता कि आग में घी नष्ट हो रहा है, घी लोगों को खाने के लिए नहीं मिल रहा है।
मगर भयभीत व्यक्ति कुछ भी करने को तैयार हो जाता है, उससे कोई भी मूर्खता करवा लो, कहीं यज्ञ तो कहीं पूजा पाठ के नाम पर मूर्खता करवाओ, वह पाखन्डी ब् ब्राह्मणों के कहने पर कुछ भी करने को तैयार हो जाता है।
भयभीत व्यक्ति को कहीं भी झुका लो, झुकाने से पहले उसे भयभीत करना जरूरी है, नहीं तो वह झुकेगा कैसे? वह भयभीत है, वह डर रहा है,, तभी करेगा। वह किसी तरह अपने डर से ऊपर उठना चाहता है, भय दिल से निकालना चाहता है,मगर पुजारी तुम्हें भय से ऊपर उठने नहीं दे सकता, क्योंकि आप भय से ऊपर उठ गए तो आप पुजारी के घेरे से बाहर हो जाओगे, तो पुजारी हजारों साल से जो हराम का बिना परिश्रम किए मलाई-पुआ खा रहा है, सब बंद हो जायेगा उसे भी मेहनत परिश्रम करके रोटी,कपड़ा,मकान की व्यवस्था करना पड़ेगा।
पुजारी के व्यवसाय का नियम है कि तुम्हें भयभीत रखें इसलिए वह कहता है कि यह पाप है, यह बुरा कर देगा, अगर तुम यह नहीं करोगे तो तुम्हें नरक मिलेगा 84 लाख यौनि मे भटकते रहोगे आदि आदि तरह से आपको भयभीत करता रहता है।
इन सब बातों का सार यह है कि मनुष्य जितना ज्यादा डरेगा , मनुवाद उसका उतना ज्यादा शोषण करेगा, भयमुक्त रहें, शोषित नहीं, शासक बनना सीखो।
लोकतंत्र का नियम है जो बहुसंख्यक होता है वह शासक होता है, लेकिन अल्पसंख्यक मनुवाद भारत का शासक बन रहा है, इसका मतलब सवर्णो का फैैैलाया गया ब्राह्मणवाद का डर काम कर रहा है। इसलिये ब्राह्मणवादी व्यवस्था खत्म करने के लिए बहुजन परिकल्पना को समाज मे प्रचार प्रसार करना होगा।
15% ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य ही हिन्दू हैँ जो विदेशी हैं।
85% (SC,ST,OBC)एवं धर्मपरिवर्तित अल्पसंख्यक
सारे भारत के बहुजन हैं।
जय भीम....
जय भारत....