25/06/2024
#हलाला क्या है और मीडिया क्या बता रहा है और हम क्या समझ रहे हैं ?
मैंने बहूत सारे मुस्लिम भाईयों के लेख हलाला के बारे में देखे पढ़े उनमें से अकसर में हलाला को उसी तरह समझाया गया है जो इस्लाम और मुस्लिम मुखालिफ मीडिया और टीवी चैनलों पर दिखाया जा रहा है जिसमें झूठ के सिवा कुछ नहीं है एक बात समझ लीजिए कि टीवी चैनलों के जरिए दिखाए बताए जा रहे हलाला की न तो इस्लाम में कोई हकीकत नहीं और न किसी भी हालत में इजाजत है।
हलाला कहते किस को हैं ?
" #तलाक " अल्लाह की जायज और हलाल चीजों में सबसे नापसंद चीज़ है हदीस में आता है हुजूर सल० ने फरमाया :
" जब भी कहीं कोई अपनी बीवी को तलाक देता है अल्लाह का अर्श हिलने लगता है" -
लेकिन चूँकि इंसान की शादीशुदा जिंदगी में न चाहते हुए भी कभी ऐसे हालात बन जाते हैं कि मेल मिलाप और सुलझाने समझाने की कोशिश के बावजूद शोहर बीवी का एक साथ रहना मुश्किल हो जाता है तो इस्लाम ने इजाजत दी है कि तलाक के जरिए वह दोनों अलग हो सकते हैं उसके लिए बेहतर तरीका यह है कि मर्द बीवी को एक तलाक दे जब औरत पाकी की हालत में हो (उसके माहवारी के दिनों में न दे ) और तीन महिना इंतजार करे हो सकता है इस बीच सुलह का कोई रास्ता निकल आए अगर फिर भी कोई रास्ता न निकले तो वह अलग हो सकते हैं या फिर दोबारा निकाह करके दोनों साथ रह सकते हैं और निकाह के वक्त मार्ग की तरफ से औरत को दोबारा महर देना होगा ।
इस तरह दो बार तक कर सकते हैं और तीसरी बार के बाद कोई गुंजाइश नहीं रह जाती इस सूरत में औरत का फायदा है उसे हर बार नया महर मिलेगा। और इस तलाक के तरीके को इस्लाम और शरीअत ने अहसन (सबसे अच्छा ) तरीका बताया और इसकी तारीफ की है।
लेकिन अगर कोई जिहालत में आकर एक साथ ही तीन तलाक दे दे दोबारा अपनी बीवी से निकाह नहीं कर सकता हाँ एक सूरत यह हो सकती है कि अगर तीन तलाक हो जाने के बाद इद्दत (तीन महिने ) गुजर जीने के बाद अगर इत्तेफाक से वह औरत किसी दूसरे मर्द से शादी करती है और शोहर बीवी की तरह शादी शुदा जिंदगी गुजार रही होती है और उसके इस मौजूदा शौहर का इंतेकाल हो जाए या किसी वजह से इस शौहर ने भी तलाक दे दिया तो अब यह औरत अगर चाहे तो इद्दत गुजरने के बाद पहले शौहर से शादी कर सकती है इसी को #हलाला कहते हैं।
नोट: यह पलान किया हुआ न हो न पहले से तय किया हुआ हो वरना अगर कोई तय करके शर्त रखकर हलाला के लिए शादी करे तो ऐसे लोगों के लिए अल्लाह के रसूल सल० लानत फरमाई है कि:
हुजूर सल० ने गुस्सा और नाराज होकर फरमाया ) कि अल्लाह की लानत हो हलाला करने वाले (जो शादी तलाक देने के लिए या औरत के पहले शौहर के लिए हलाला करने के लिए शादी करे ) हलाला करवाने वाली ( वह औरत जो दूसरे मर्द से तलाक लेकर पहले शौहर से शादी करने की नियत से या हलाला की नियत से शादी करे )और हलाला करवाने वाले (वह मर्द जो तलाक की शर्त रखकर या हलाला की नियत से अपनी बीवी की शादी किसी दूसरे मर्द से कराए।
उम्मीद है मुस्लिम भाईयों के साथ साथ गैर मुस्लिम भाईयों को भी समझ में आ जाए।
शैयर ज़रूर करें ताकी गंदी मानसिकता वालों को भी पता चले