घायल कर के मुझे उसने पूछा, करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे, लहू-लहू था दिल मेरा मगर होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।
चुपके से चांद की रौशनी छू जाए आपको
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से
हमारी दुआ हैं इस ईद वो मिल जाए आपको
आप सभी को *ईद मुबारक*
खुशबू बन बिखर रहा हूँ
तेरे ख्यालो की आतिश से पिघल रहा हूँ
यू न देना कोई दोष अब मुझको
मैं तेरे ताब में फिर बहक रहा हूँ,
तेरे इश्क का बुखार है मुझको;
और हर चीज खाने की मनाही है;
एक हुस्न के हकीम ने सिर्फ;
तेरे चमन की मौसमी बताई है।
वफ़ा की ज़ंज़ीर से डर लगता है,
कुछ अपनी तक़दीर से डर लगता है.
जो मुझे तुझसे जुदा करती है,
हाथ की उस लकीर से डर लगता है.,
इश्क़ हमें करना नहीं आया
वो कहते हैं, ज़रा चिर के देखो
अपना दिल तो उन्हें मालूम हो
के सीने में हमेशा हम उन्हें की
तो तस्वीर छुपाए रहते हैं.!!,
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी,
तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की,
बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक
कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।
बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे पास आने को
ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसाने को
बुझती नहीं है प्यास मेरे इस प्यासे दिल की
न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस दीवाने को।
संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा
मेरे इस दिल में ऐ सनम तेरे ख्वाब सजाऊंगा
आजमा के देख ले तेरे दिल में बस जाऊंगा
प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में सिमट जाऊॅंगा।
चूमना क्या उसे आँखों से लगाना कैसा
फूल जो कोट से गिर जाये उठाना कैसा
अपने होंठों की हरारत से जगाओ मुझको
यूँ सदाओं से दम-ए-सुबह जगाना कैसा।
आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है
दिल में बसाई है जो वो आपकी ही सूरत है
दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी
हमे हर कदम पर आपकी ज़रूरत है।
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो
साँसों में खुशबू बन के बिखर जाते हो
कुछ यूँ चला है आपके प्यार का जादू
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
तेरी खुशिओं को सजाना चाहता हूँ
तुझे देखकर मुस्कराना चाहता हूँ
मेरी ज़िन्दगी में क्या अहमियत हैं तेरी
मैं तेरे पास आकर बताना चाहता हूँ।
दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है
आखिर इस दर्द की दवा क्या है,
हमको उनसे है उम्मीद वफ़ा की
जो जानते ही नहीं वफ़ा क्या है
बड़ी आसानी से दिल लगाए जाते हैं
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं
लेकर जाती है मोहब्बत उन राहों पर
जहां पर दिये नहीं दिल जलाए जाते हैं
छुप कर रहना है जो सब से
तो ये मुश्किल क्या है
तुम मेरे दिल में रहो सनम
दिल की तमन्ना हो कर
आँखें खोलो भगवन का नाम लो… सांस लो ठंडी हवा का जाम लो… फिर ज़रा मोबाइल हाथ मैं थाम लो… और हम से 1 दिलकश सुबह का पैगाम लो “सुप्रभात “
हर सुबह तेरी मुस्कुराती रहे.. हर शाम तेरी गुनगुनाती रहें… मेरी दुआ हैं की तू जिस भी मिलें हर मिलने वाले को तेरी याद सताती रहें… “सुप्रभात “
रात गुजारी फिर महकती सुबह आई … दिल धड़का फिर तुम्हारी याद आई.. आँखों ने महसूस किया उस हवा को … जो तुम्हें छु कर हमारे पास आई .. “सुप्रभात “